बलिया जनपद के सोनवानी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर वृहद मानसिक स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया। उद्घाटन ग्राम प्रधान प्रतिनिधि अभिनव मिश्रा और अधीक्षक डॉ. मुकर्रम अहमद ने किया। शिविर में 231 मरीजों का परीक्षण किया गया।
मानसिक रोग : ऐसे रोगियों के उपचार के लिए दवा के साथ नियमित देखभाल की भी होती है आवश्यकता
Nov 21, 2024 18:48
Nov 21, 2024 18:48
मानसिक स्वास्थ्य पर समाज में जागरूकता जरूरी
इस शिविर का उद्देश्य मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दों पर समाज में जागरूकता फैलाना था। अधीक्षक डॉ. मुकर्रम अहमद ने इस दौरान बताया कि मानसिक स्वास्थ्य को लेकर समाज में जागरूकता फैलाना जरूरी है, खासकर यह समझना कि मानसिक रोगियों के साथ अच्छा व्यवहार किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि मानसिक रोगियों के उपचार के लिए दवा के साथ-साथ नियमित देखभाल की भी आवश्यकता होती है। यदि मानसिक रोगी का समय पर इलाज किया जाए तो यह पूरी तरह ठीक हो सकता है।
उन्होंने यह भी बताया कि किशोरों और युवाओं में अवसाद (डिप्रेशन) मानसिक बीमारियों का एक प्रमुख कारण है। यदि मानसिक बीमारी के लक्षणों की पहचान समय रहते न की जाए, तो यह समस्या बढ़ सकती है। इस अवसर पर स्वास्थ्य कार्यकर्ता गौरव गिरि ने लोगों को मानसिक बीमारी के लक्षण, नशे से उत्पन्न होने वाली मानसिक बीमारियों और उनके उपचार के बारे में जानकारी दी।
मंदबुद्धि बच्चों के उपचार और काउंसलिंग की महत्ता
क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट अंकित आनंद ने मंदबुद्धि बच्चों के उपचार पर जोर दिया और बताया कि काउंसलिंग और उपचार के माध्यम से इन बच्चों का इलाज संभव है। शिविर में बीपी और शुगर की जांच के अलावा दवाओं का वितरण भी किया गया। इस कार्यक्रम में ब्लाक कार्यक्रम प्रबंधक राकेश कुमार सिंह ने बताया कि इस शिविर में कुल 231 मरीजों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया, जिसमें 17 मानसिक रोगियों को उपचार दिया गया और आठ उच्च जोखिम वाले मरीजों को जिला चिकित्सालय रेफर किया गया।
मानसिक रोगों के लक्षण और उपचार
इस शिविर में भाग लेने वाले विश्व बीसीपीएम संजय कुमार यादव ने मानसिक रोगों के प्रमुख लक्षणों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मानसिक रोगियों में नींद की समस्या, चिंता, तनाव, आत्महत्या का विचार आना, काम में मन न लगना और गाली-गलौज करना जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं। इन लक्षणों के बारे में जागरूकता फैलाने की आवश्यकता है ताकि मानसिक रोगियों को समय पर सही उपचार मिल सके।
शिविर में डॉ. मुकर्रम अहमद, डॉ. प्रवीन कुमार, डॉ. अजरा जब्बी, डॉ. जगमोहन, और डॉ. कन्हैया ओझा के साथ-साथ बीपीएम राकेश कुमार सिंह, बीसीपीएम संजय कुमार यादव, चीफ फार्मासिस्ट वीरेंद्र नाथ सिंह, दयाशंकर त्रिपाठी, रमेश मिश्रा, और समस्त सीएचओ, एएनएम संगिनी, आशा कार्यकर्ता मौजूद रहे। जिला परामर्शदाता अनुष्का सिन्हा और अमर कुमार पाल ने फ्लोरोसिस के लक्षण और बचाव के उपायों पर भी विस्तार से जानकारी दी। शिविर का आयोजन मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाने और उपचार के प्रति संवेदनशीलता को प्रोत्साहित करने में महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ।
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