समाजवादी पार्टी के संस्थापक स्व. मुलायम सिंह यादव की जयंती पर कवि सम्मेलन और मुशायरे का आयोजन हुआ। फुलेश्वरी देवी शिक्षण संस्थान के तत्वाधान में आयोजित इस कार्यक्रम में मुलायम सिंह यादव की यादों को कविताओं और ग़ज़लों के माध्यम से जीवंत किया गया।
विशेष कवि सम्मेलन और मुशायरा : कविताओं और गजलों में जीवंत हुईं 'नेताजी' की यादें, मशहूर कवियों और शायरों ने पेश किए अपने कलाम
Nov 27, 2024 19:54
Nov 27, 2024 19:54
गंगा बहुद्देश्यीय सभागार खचाखच भरा हुआ था
इस काव्य और ग़ज़ल की शाम में गंगा बहुद्देश्यीय सभागार खचाखच भरा हुआ था, जहां बड़ी संख्या में लोग समाजवादी पार्टी के संस्थापक नेता को श्रद्धांजलि देने के लिए एकत्रित हुए थे। कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य अतिथि गाजीपुर के सांसद अफजाल अंसारी ने दीप प्रज्वलित करके की। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि "बलिया की धरती मेरे लिए विशेष महत्व रखती है, यह मेरी ननिहाल की भूमि है, और यहां की मिट्टी में कुछ अलग ही बात है।"
सांसद अफजाल अंसारी ने अपनी बात को काव्यात्मक तरीके से प्रस्तुत करते हुए कहा, "यहां के फूल में जो ताजगी है, रौनक है, किसी चमन के मुकद्दर में आ नहीं सकती, ये सरजमीं है बहादुर वतनपरस्तों की, यहां की खाक को हर खाक पा नहीं सकती।"
कवि सम्मेलन और मुशायरे में मुलायम सिंह यादव की यादें
कवि सम्मेलन और मुशायरे की अध्यक्षता वयोवृद्ध राजनेता और प्रख्यात कवि डा. उदय प्रताप सिंह ने की। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि "मैंने मुलायम सिंह यादव को हर रूप में देखा है, चाहे वह छात्र, अध्यापक या नेता हो, हर रूप में उन्होंने लोगों का दिल जीता। वह हमेशा कमजोरों के हिमायती रहे।" कवि सम्मेलन का संचालन करते हुए मशहूर कवियत्री डा. सरिता शर्मा ने 'कोई कोना न बचे गम की स्याही के लिए...' के साथ कार्यक्रम को आरंभ किया और इसे और भी जीवंत बना दिया।
शायरों और कवियों की यादें
मुशायरे की शुरुआत मशहूर शायरा शबीना अदीब ने सरस्वती वंदना से की। इसके बाद उन्होंने अपनी प्रसिद्ध रचनाओं से कार्यक्रम को गरिमा दी। उनकी एक ग़ज़ल ने श्रोताओं के दिलों में एक अलग ही हलचल मचा दी: "तुम्हारा लहजा बता रहा है तुम्हारी दौलत नई नई है..." शबीना अदीब की ग़ज़लें सुनकर श्रोताओं ने उनकी प्रस्तुति का खुले दिल से स्वागत किया।
इसके बाद हास्य कवि शम्भू शिखर ने अपनी चुटीली कविताओं से श्रोताओं को खूब हंसी में डुबो दिया। उन्होंने 'लालू से मिलो वो तुम्हे बिहारी न कर दे... योगी जी तुम्हे ट्रम्प से तिवारी न कर दे...' के जरिए राजनीति पर हल्के-फुल्के मजाक किए, तो पूरा हॉल ठहाकों से गूंज उठा। उनकी एक और कविता 'अपने मुलायम जी जैसा दोबारा नहीं होगा...' पर भी दर्शकों ने जमकर तालियां बजाईं।
राजनीतिक टिप्पणी और कवियों की रचनाएं
अयोध्या से आये कवि जमुना उपाध्याय ने राजनीति पर एक करारी टिप्पणी करते हुए कहा, "नमन सौ बार है ऐसे दिए को जो बुझकर भी उजाला दे रहा है," जिसे श्रोताओं ने खूब सराहा। शायर चरण सिंह बशर ने अपनी रचनाओं में समाज में बढ़ती नफरत और मोहब्बत की अहमियत को उजागर किया। उनकी ग़ज़ल "ये दुनिया नफरतों की आखिरी स्टेज में है, इलाज इसका मोहब्बत के शिवा कुछ भी नहीं..." ने सभी को सोचने पर मजबूर कर दिया।
नई पीढ़ी के कवियों की एंट्री
युवा कवि नीलोत्पल मृणाल ने अपनी कविता 'हम मिट्टी के लोग हैं बाबू...' से शुरुआत की, जिससे पहले ही श्रोताओं का दिल जीत लिया। उन्होंने अपनी कविता 'उस दौर का जादू क्या जाने ये रील बनाने वाले लड़के...' के साथ माहौल को हल्का और रोचक बना दिया। उनके प्रस्तुत किए गए गीतों ने युवा वर्ग को खूब आकर्षित किया और तालियों से कार्यक्रम की रफ्तार बढ़ाई।
नदीम फर्रुख की यादें और गजलें
अंतर्राष्ट्रीय स्तर से आए मशहूर शायर नदीम फर्रुख ने अपनी ग़ज़लों और नज्मों से कार्यक्रम में चार चाँद लगाए। उनकी ग़ज़ल 'वक्त इंसान को नीलाम भी कर देता है...' ने सबका ध्यान खींचा। उन्होंने मुलायम सिंह यादव को याद करते हुए कहा, "मुलायम सिंह यादव हमेशा गरीबों के पक्ष में खड़े रहते थे। वह सिर्फ बड़े ओहदे वाले नेता नहीं थे, बल्कि दिल के भी बड़े थे।"
समाजवादी नेता की श्रद्धांजलि
कार्यक्रम की समाप्ति से पहले, डा. सरिता शर्मा ने अपनी मुक्तक 'भटके हुए लोगों को समझाना जरूरी है, नफरत की दीवारों का गिर जाना जरूरी है...' से श्रोताओं के दिलों में जगह बनाई। इस कार्यक्रम ने मुलायम सिंह यादव को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनकी महानता को कविताओं और ग़ज़लों के माध्यम से जीवंत किया।
अंबिका चौधरी ने अपने स्वागत संबोधन में कहा, "नेता जी मुलायम सिंह यादव करोड़ों लोगों के जीवन में उजाला लाने वाले नेता थे, जिन्होंने गरीबों, किसानों, नौजवानों और मजलूमों के लिए हमेशा संघर्ष किया।" इस अवसर पर पूर्व नेता प्रतिपक्ष रामगोविन्द चौधरी, विधायक मो. रिजवी, विधायक जयप्रकाश अंचल और जिला पंचायत अध्यक्ष आनंद चौधरी समेत कई अन्य नेता भी उपस्थित थे।
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