बलिया में कैसे निखरेगी खेल प्रतिभाएं : दो हजार 93 स्कूलों में नहीं हैं खेल अनुदेशक, जानिए क्या बोले अधिकारी

दो हजार 93 स्कूलों में नहीं हैं खेल अनुदेशक, जानिए क्या बोले अधिकारी
UPT | प्रतीकात्मक फोटो

Jun 02, 2024 20:07

जनपद के बेसिक शिक्षा विभाग में खेलकूद प्रतियोगिताओं के लिए वार्षिक कैलेंडर जारी कर दिया गया है। लेकिन जिले के 2249 स्कूलों में से...

Jun 02, 2024 20:07

Ballia News : जनपद के बेसिक शिक्षा विभाग में खेलकूद प्रतियोगिताओं के लिए वार्षिक कैलेंडर जारी कर दिया गया है। लेकिन जिले के 2249 स्कूलों में से 2093 में व्यायाम शिक्षक या खेल अनुदेशक की तैनात नहीं हैं। यही नहीं कई स्कूलों में तो खेल का मैदान भी उपलब्ध नहीं हैं। अब सवाल यह है कि मूलभूत सुविधाओं के बिना परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले खिलाड़ी कैसे नाम रोशन कर पाएंगे। शिक्षा विभाग नयी प्रतिभा की खोज आखिर कैसे कर पाएगा।

खेलकूद प्रतियोगिताओं का वार्षिक कैलेंडर घोषित
बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में खेल प्रतिभाओं की कमी नहीं है। समय-समय पर इन विद्यालयों के बच्चों ने जिला व राज्य स्तर पर नाम रोशन किया है। हर साल न्याय पंचायत, ब्लॉक, तहसील और जिला स्तर पर विभिन्न खेलकूद प्रतियोगिताएं चरणबद्ध तरीके से आयोजित की जाती हैं। शैक्षिक सत्र 2024-25 के लिए भी विभाग की ओर से खेलकूद प्रतियोगिताओं का वार्षिक कैलेंडर घोषित किया है।

बिना खेल मैदान बच्चे कैसे करेंगे खेल का अभ्यास
शिक्षा विभाग का निर्देश है कि कैलेंडर में दिए गए कार्यक्रम के अनुसार प्रतियोगिताओं का आयोजन कराया जाए, लेकिन विभागीय अधिकारी इस बात को लेकर गंभीर नहीं दिख रहे हैं। स्कूलों में छात्र-छात्राओं के लिए खेल के मैदान बनाने की कोई कार्ययोजना नहीं है। ऐसे में बच्चे किस तरह प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेकर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर पाएंगे, यह भविष्य ही बताएगा।

जिले में सिर्फ 156 खेल अनुदेशक
शिक्षा विभाग की ओर से 2013 में खेल अनुदेशक की भर्ती की गई थी। उस दौरान जिले में विभिन्न विषयों के अनुसार 700 अनुदेशकों की तैनाती हुई। वर्तमान में 156 खेल अनुदेशक जिले में हैं। साथ ही प्रत्येक ब्लॉक में एक-एक व्यायाम शिक्षक तैनात है। इनके कंधों पर 2249 स्कूलों के छात्र-छात्राओं की जिम्मेदारी है।

क्या बोले शिक्षक नेता
विशिष्ट बीटीसी शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन के महामंत्री धीरज राय ने बताया कि खेल का प्रशिक्षण देने वाला ही जब नहीं होगा, तो छात्र-छात्राएं खेल की बारीकियां कैसे सीख पाएंगे। खेल शिक्षकों या अनुदेशकों की तैनाती की जानी चाहिए। उधर डॉ घनश्याम चौबे जिलाध्यक्ष विशिष्ट बीटीसी शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन ने बताया कि सरकार को चाहिए पहले सभी स्कूलों में खेल शिक्षक तैनात करें। विद्यालयों में खेल मैदान की भी व्यवस्था करें। ताकि नई प्रतिभा को उभारा जा सके।

क्या बोले बीएसए
बेसिक शिक्षा अधिकारी मनीष कुमार सिंह ने बताया कि खेल अनुदेशकों को विद्यालय आवंटित कर दिए जाते हैं, ताकि वह ज्यादा से ज्यादा स्कूलों में छात्र-छात्राओं को खेल की बारीकियों को सिखा सकें। साथ ही जो शिक्षक खेलों में रुचि रखते हैं। उनको भी इसका जिम्मा दिया जाता है। शिक्षकों के जरिए ही खेल कैलेंडर का पालन कराएंगे। 

आंकड़ों पर नजर
प्राथमिक स्कूल-           1598
उच्च प्राथमिक स्कूल-    259
कंपोजिट स्कूल-           392
खेल अनुदेशक-           156
पंजीकृत विद्यार्थी -       2.52 लाख

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