बरेली की आंवला तहसील के विकास खंड मझगवां क्षेत्र की भोजपुर मढ़ी गोशाला में शीतलहर और भूख से चार गोवंश की मौत के बाद चारा घोटाला सामने आया है। जांच रिपोर्ट आने के बाद जिम्मेदारों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की गई है। डीएम रविंद्र कुमार के निर्देश पर जांच टीम ने जांच की थी। इसमें 2.06 लाख रुपये के चारा घोटाले की बात सामने आई है।
बरेली में हुई बड़ी कार्रवाई : प्रधान और सचिव ने गोशाला का चारा किया हजम, दोनों के खिलाफ एफआईआर, जानें मामला
Jan 10, 2025 12:29
Jan 10, 2025 12:29
2.06 लाख रुपये का किया गबन
गोशाला में चार गोवंशीय पशुओं की मौत के बाद हिंदू संगठनों ने हंगामा किया था। इसके बाद डीएम ने सीडीओ के साथ गोशाला का निरीक्षण किया। इसमें पाया कि रजिस्टर में दर्ज 149 गोवंश की अपेक्षा सिर्फ 121 गोवंश मौजूद थे। वित्तीय रिकॉर्ड की जांच में चोकर खरीदने के नाम पर कूटरचित बिल और बाउचर का इस्तेमाल कर 2.06 लाख रुपये गबन का गबन किया गया। यह ऑडिट पीडी डीआरडीए चंद्र प्रकाश श्रीवास्तव और मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी ओमप्रकाश वर्मा की टीम ने किया था। उनकी रिपोर्ट के बाद मुकदमा दर्ज कराया गया है।
जांच में यह कमियां आई सामने, सुधार शुरू
गोशाला में पिछले छह महीनों में गोवंश की संख्या बार-बार बदली गई है। ठंड और शीतलहर से बचाव के लिए खास इंतजाम नहीं किए गए थे। जिसके चलते गुरुवार को सचिव शशि शेखर पर दूसरा मुकदमा दर्ज किया गया। हालांकि, वह पहले ही सस्पेंड किए जा चुके हैं। आंवला तहसील के भोजपुर गोशाला में अब व्यवस्थाओं को सुधारने का काम किया जा रहा है। गोवंश को ठंड से बचाने के लिए डबल लेयर त्रिपाल लगाया जा रहा है। इसके साथ ही झूल बनाए जा रहे हैं। अन्य गोशालाओं की स्थिति जानने को उपासना जनकल्याण समिति के पंकज सिंह चौहान ने मझगवां ब्लॉक की पांच अन्य गोशालाओं का निरीक्षण किया। इसमें राजपुर कला गोशाला का टिन शेड टूटा हुआ पाया गया,यहां शीतलहर से बचाव के कोई उपाय नहीं मिले। बरा सिरसा गोशाला में चारे का प्रबंध संतोषजनक नहीं था। अनिरुद्धपुर गोशाला में पानी के टैंक में कीड़े मिले थे। हालांकि, महोलिया और खनगावां श्याम गोशाला में व्यवस्थाएं संतोषजनक पाई गईं हैं।
जानें क्या है मामला
भोजपुर गोशाला में 7 जनवरी 2025 को भीषण ठंड और भूख के कारण चार गोवंश की मृत्यु हुई थी। डीएम रविंद्र कुमार के निरीक्षण में गोशाला की बदहाल स्थिति उजागर हुई। जांच में पाया गया कि चोकर (पशु आहार) की खरीद के नाम पर 2.06 लाख रुपये का गबन किया गया था। इसके बाद खंड विकास अधिकारी अनुज कुमार की शिकायत पर ग्राम प्रधान विनीता देवी, सचिव शशि शेखर और पशु चिकित्साधिकारी नरेश चंद्र शर्मा के खिलाफ उत्तर प्रदेश गोवध निवारण अधिनियम 1955 के तहत मामला दर्ज किया गया। सचिव शशि शेखर पहले ही निलंबित किए जा चुके हैं।
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