अब 100 स्मार्ट सिटी में बरेली, और आगरा चयनित हुआ है। इससे बरेली के विकास को 135 करोड़ रूपये की सौगात मिलेगी। नगर आयुक्त निधि गुप्ता वत्स ने मीडिया को बताया कि देश के 100 स्मार्ट शहरों में यूपी के आगरा और बरेली का चयन किया गया है।
बदलता उत्तर प्रदेश : स्मार्ट सिटी में बरेली चैंपियन, देश की 18 स्मार्ट सिटी में शुमार, 135 करोड़ की मिलेगी सौगात
Mar 04, 2024 23:32
Mar 04, 2024 23:32
नगर आयुक्त निधि गुप्ता वत्स ने मीडिया को बताया कि देश के 100 स्मार्ट शहरों में यूपी के आगरा और बरेली का चयन किया गया है। इससे बरेली के विकास के लिए 135 करोड़ की धनराशि जारी होगी। उन्होंने बताया कि अब इंटीग्रेटेड वेस्ट मैनेजमेंट पर फोकस किया जाएगा। 2018 में बरेली पहली बार स्मार्ट सिटी की सूची में आया था। स्मार्ट सिटी में 980 करोड़ रूपये जारी कर 65 परियोजनाएं तैयार की गईं थीं।
नगर आयुक्त ने बरेली को और स्मार्ट बनाने के लिए स्पेशल डेवलपमेंट प्लान तैयार करने की बात कही। शहर में 550 मीट्रिक टन कचरा (कूड़ा) प्रतिदिन निकलता है। इसमें 250 मीट्रिक टन सूखा कचरा यानी प्लास्टिक कचरा, गत्ता आदि है। इसको इलेक्ट्रोनिक वेस्ट बनाने में सूखे कचरे का प्रयोग किया जाएगा। इसके निस्तारण के लिए मिनी प्लांट लगा है।
14 वार्ड को जीरो वेस्ट बनाने की कोशिश
नगर निगम के 14 वार्डों को जीरो वेस्ट वार्ड बनाने की कोशिश चल रही है। नगर आयुक्त ने बताया कि स्मार्ट सिटी फेज टू में वेस्ट मैनेजमेंट टेक्नोलाजी पर जोर दिया जाएगा। इंटीग्रेटेड वेस्ट मैनेजमेंट को इस बार आधार बनाया गया है। स्मार्ट सिटी मिशन चरण 2.0 प्रतियोगिता में हमने प्रतिभाग किया था। प्रतिस्पर्धा के अंतिम चरण में देश के 18 शहरों में बरेली का चयन हुआ है। वेस्ट मैनेजमेंट थीम पर काम किया जाएगा। सोमवार को वीडियो कांफ्रेंस से बरेली को स्मार्ट सिटी में चयन की घोषणा दिल्ली से की गई।
कचरे से बनाई जाएगी खाद
नगर निगम ने गीले कचरे से खाद तैयार करने को भी नई व्यवस्था तैयार की है। जिस वार्ड में गीला कचरा।ज्यादा होगा। वहां रिसाइकिलिंग प्लांट लगाया जाएगा। जिससे उसी वार्ड में कचरे का निस्तारण किया जा सके। प्लानिंग के तहत गीले कचरे से खाद बनाने की मशीन लगाई जाएंगी। किस वार्ड में किस तरह का कचरा अधिक मात्रा में निकलता है। उस तरह की मशीनों की व्यवस्था की जाएगी, ताकि वार्ड में ही कचरे का निस्तारण हो सके। मिसाल के तौर पर अगर किसी वार्ड में प्लास्टिक कचरे की मात्रा अधिक है, तो वहां रि-साइकिलिग के लिए प्लांट लगाया जाएगा। इसके अलावा कूड़ा उठाने की हाइटेक व्यवस्था पर फोकस किया जा रहा है। अभी तक लोग वार्डों में सूखा और गीला कचरा एक साथ जमा करते हैं। अब उसको अलग अलग करने की व्यवस्था की जा रही है। इसको लेकर दो एजेंसियों को नगर निगम ने ठेका दिया है। स्मार्ट सिटी टू में बरेली का चयन होने के बाद अब इन सभी मामलों में सुधार होगा।
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