उत्तर प्रदेश के फतेहपुर सिकरी में बना बुलंद दरवाजा दुनिया के सबसे बड़ा दरवाजा है। प्रदेश में घूमने आए लोग इसे देखने जरूर पहुंच जाते हैं। अजमेर के मॉडल को ध्यान में रखते हुए...
फतेहपुर सिकरी के बाद बरेली में तैयार हो रहा बुलंद दरवाजा : 90 प्रतिशत काम पूरा, खानकाह-ए-नियाजिया का नया आकर्षण
Sep 15, 2024 20:33
Sep 15, 2024 20:33
65 फीट ऊंचे दरवाजे का निर्माण
बरेली में सूफी परंपरा के प्रसिद्ध संत नियाज बेनियाज शाह नियाज अहमद की खानकाह-ए-नियाजिया की विश्वभर में सूफिज्म के क्षेत्र में महत्वपूर्ण पहचान है। रोजमर्रा में भी इस खानकाह में अकीदतमंदों की बड़ी भीड़ रहती है। वर्तमान में इसी खानकाह के लिए एक भव्य 65 फीट ऊंचे दरवाजे का निर्माण किया जा रहा है। यह दरवाजा मुगलकालीन हस्तशिल्प, भारतीय, फारसी, और तुर्की वास्तुकला का संगम है। इसे नक्काशी, मीनाकारी और पच्चीकारी के साथ सजाया गया है, जिसमें संगमरमर की जालियां और भूरे व सफेद रंग की मेहराबें और मीनारें शामिल हैं।
इन चीजों से सजेगा दरवाजा
लगभग 65 फीट ऊंचे इस भव्य दरवाजे को नक्काशी, मीनाकारी और पच्चीकारी के माध्यम से तैयार किया जा रहा है। इसमें संगमरमर की जालियां, भूरे और सफेद रंग की मेहराबें और मीनारें इसकी सुंदरता को और बढ़ा रही हैं। दरवाजे पर फूल-पत्तियों के डिज़ाइन में नीले, हरे, और भूरे रंग की मीनाकारी इसे मुगलकालीन वास्तुकला की तरह एक अनूठा आकर्षण प्रदान कर रही है। निर्माण में मकराना संगमरमर और लाल पत्थर का प्रयोग किया गया है।
यहां से बुलवाए खास हस्तशिल्पी
बुलंद दरवाजा खानकाह-ए-नियाजिया के मुख्य द्वार के रूप में तैयार किया गया है। बुलंद दरवाजे के निर्माण के लिए विशेष रूप से बाहर से कारीगरों को बुलाया गया है। राजस्थान, तेलंगाना और गुजरात के हस्तशिल्पी अपनी कला को इस दरवाजे के माध्यम से प्रदर्शित करेंगे। बरेली के बाहर से भी विशेष पत्थर मंगवाए गए हैं, जिन पर खास नक्काशी की गई है।
90 फीसदी निर्माण कार्य हुआ पूरा
बरेली में स्थित खानकाह-ए-नियाजिया का इतिहास 400 वर्षों से भी अधिक पुराना है। इसके पूर्व सज्जादनशीन हसनी मियां का निधन 2020 में हुआ था। खानकाह से जुड़े लोगों का कहना है कि बुलंद दरवाजा बनवाने का सपना हसनी मियां का था। मौजूदा सज्जादनशीन मेहंदी मियां इस दरवाजे के निर्माण की जिम्मेदारी निभा रहे हैं और इस काम का 90 प्रतिशत पूरा हो चुका है। दरवाजा इस तरह से डिजाइन किया जा रहा है कि उसकी चमक चांदनी रात में दूर से ही दिखाई दे।
Also Read
14 Jan 2025 03:07 PM
भाई-बहन उत्तराखंड के हल्द्वानी से बरेली लौट रहे थे। उसी दौरान हाफिजगंज के सेंथल मार्ग पर कर्बला के पास हादसा हो जाता है। बताया गया कि कार अनियंत्रित होकर सड़क किनारे खाई में पलट गई.... और पढ़ें