इबादत का महीना : माह-ए-रमजान में रोजा, नमाज, और जकात फर्ज, एक नेकी का 70 गुना सवाब, लेकिन रोजेदार इन बातों की रखें एहतियात

माह-ए-रमजान में रोजा, नमाज, और जकात फर्ज, एक नेकी का 70 गुना सवाब, लेकिन रोजेदार इन बातों की रखें एहतियात
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Mar 14, 2024 17:04

रमजान के मुकद्दस महीने की काफी फजीलत हैं। गुरुवार (जुमेरात) को तीसरा रोजा है।इस महीने में इस्लाम को मानने वाले लोग अल्लाह की इबादत करते हैं।मुसलमानों पर रमजान के रोजे फर्ज (जरूरी) हैं। इसके साथ ही…

Mar 14, 2024 17:04

Bareilly news : रमजान के मुकद्दस महीने की काफी फजीलत हैं। गुरुवार (जुमेरात) को तीसरा रोजा है।इस महीने में इस्लाम को मानने वाले लोग अल्लाह की इबादत करते हैं।मुसलमानों पर रमजान के रोजे फर्ज (जरूरी) हैं। इसके साथ ही पांच वक्त की नमाज, और जकात भी फर्ज हैं। मुसलमानों को पांच वक्त की नमाज पढ़नी है, लेकिन जकात हैसियत (मालदार लोगों) पर ही फर्ज की गई है। जकात देने की हैसियत रखने वाले मुसलमानों को अपनी कमाई (दौलत, ज्वेलरी, संपत्ति) में से 2.50 फीसद हिस्सा गरीबों को देना है। यह जकात पहले अपने खानदान, रिश्तेदार, और पास पड़ोस के लोगों को देने का हुक्म (आदेश) है। इसके बाद अन्य लोगों तलाशना चाहिए। रोजे में एक नेकी का सबाब 70 गुना है। इसलिए रोजेदार के साथ ही अन्य लोग भी इबादत करते हैं। रात में सेहरी खाने के बाद फजर की नमाज, और कुरान की तिलाबत करते हैं। यह सिलसिला दिन भर चलता है। इफ्तार के बाद ईशा नमाज के साथ तरावीह (विशेष नमाज) पढ़ी जाती है। इसमें इमाम कुरान सुनाता है। हालांकि, बीमार व्यक्ति को रमजान में रोजा न रखने की छूट दी गई है। अगर, किसी भी व्यक्ति को किसी प्रकार का रोग है, तो शरीयत ने उस व्यक्ति को रोजे से छूट दी है। बीमारी की हालत में रोजा न रखें, लेकिन शरीयत के मुताबिक जैसे ही शारीरिक रूप से स्वस्थ (सेहतमंद) हो, तब पूरे साल के अंदर किसी भी महीने में छूटे रोजे पूरे करने का हुक्म है.

अल्लाह का शुक्र अदा करें
अल्लाह शुक्र अदा करने वालों से काफी खुश होता है। इसलिए अल्लाह ने जो दिया। उसका शुक्र अदा करना चाहिए। रमजान के महीने में अल्लाह की इबादत के साथ ही शुक्र जरूर अदा करें।

मोबाइल से दूर रहने की नसीहत 
रमजान में अल्लाह की इबादत करनी चाहिए। शरीयत के मुताबिक रोजेदार इबादत भी करें, और रोजा भी रखें। उलमा ने खासकर युवाओं से अपील कर कहा कि जिस तरह से आजकल का युवा मोबाइल की दुनिया में पागल हुआ जा रहा है। रमजान के महीने में युवा मोबाइल से दूर रहकर रमजान के महीने में अल्लाह की इबादत करें।

रोजेदार इन बातों का रखें ख्याल
रोजेदार को सेहरी के बाद से इफ्तार तक कुछ नहीं खाना है, और न ही पानी एवं अन्य पेय पदार्थ पीना है। रोजे के दौरान जबरन उल्टी न करें, इससे आपका रोजा टूट सकता है।अगर आपने रोजा रखा है, तो इस दौरान आपको गाने, झूठ, गाली आदि से भी बचना है। किसी की गीबत (चुंगली), बुराई, किसी के दिल को ठेस नहीं पहुंचानी है।

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