हाईवे अधिग्रहण घोटाले में एक और महत्वपूर्ण मोड़ आने वाला है। जिसमें बरेली प्रशासन ने 18 अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश की है। इनमें चार...
हाईवे के नाम पर बरेली में करोड़ों का घोटाला : 18 अफसर-कर्मचारी रडार पर, जल्द हो सकते हैं सस्पेंड
Oct 01, 2024 15:12
Oct 01, 2024 15:12
200 करोड़ रुपये से अधिक का हुआ था घोटाला
बरेली-पीलीभीत-सितारगंज हाईवे और बरेली रिंग रोड के लिए किए गए भूमि अधिग्रहण में अब तक 200 करोड़ रुपये से अधिक का घोटाला उजागर हो चुका है। इस घोटाले में राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) और लोक निर्माण विभाग (PWD) के कई अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत का खुलासा हुआ है। इसमें जमीन अधिग्रहण के नाम पर अधिक मूल्यांकन, फर्जी दस्तावेज़ों का उपयोग, और गलत तरीके से मुआवजा वितरण जैसी गड़बड़ियां पाई गईं हैं। इस मामले में पहले ही एनएचएआई और पीडब्ल्यूडी के सात अधिकारी और कर्मचारी निलंबित किए जा चुके हैं। अब बरेली प्रशासन ने मार्च 2018 से नवंबर 2023 तक कार्यरत चार तत्कालीन सक्षम प्राधिकारी, भूमि अध्याप्ति- सुल्तान अशरफ सिद्दीकी, भरत कुमार, राजीव पांडेय और आशीष कुमार- के निलंबन की संस्तुति की है। इसके साथ ही तहसील सदर के लेखपाल उमाशंकर, नवाबगंज के लेखपाल सुरेश सक्सेना, और विशेष भूमि अध्याप्ति कार्यालय के अमीन डबर सिंह पर भी कड़ी कार्रवाई की सिफारिश की गई है।
कई अधिकारियों के नाम शामिल
एक पूरक रिपोर्ट में और भी अधिकारियों और कर्मचारियों को इस घोटाले में दोषी पाया गया है। इनमें लेखपाल आशीष कुमार, मुकेश कुमार, विनय, दिनेश चंद्र, विशेष भूमि अध्याप्ति कार्यालय के अमीन अनुज वर्मा और विभिन्न गांवों के क्षेत्रीय लेखपाल शामिल हैं। ग्राम विलहरा माफी और मुडलिया गोसू के लेखपाल मुकेश गंगवार, हेमंतडांडी के लेखपाल तेजपाल, भैंसहा के लेखपाल ज्ञानदीप गंगवार, उगनपुर के लेखपाल मुकेश कुमार मिश्रा, और ग्राम हुसैन नगर एवं सरदार नगर के लेखपाल आलोक कुमार के नाम प्रमुख हैं।
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