Bareilly News : बरेली में विद्युत विभाग का रीस्ट्रक्चरिंग सिस्टम फ्लॉप, लेकिन अफसर बेफिक्र टेंशन में उपभोक्ता, 10 से 15 घंटे कटौती

बरेली में विद्युत विभाग का रीस्ट्रक्चरिंग सिस्टम फ्लॉप, लेकिन अफसर बेफिक्र टेंशन में उपभोक्ता, 10 से 15 घंटे कटौती
फ़ाइल फोटो | फाइल फोटो

Jan 17, 2025 12:05

उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (यूपीपीसीएल) के चेयरमैन डॉ.आशीष गोयल की लागू की गई नई कार्यप्रणाली व्यवस्था पर बिजली विभाग के ही कुछ अधिकारी सवाल उठा...

Jan 17, 2025 12:05

Bareilly News : उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (यूपीपीसीएल) के चेयरमैन डॉ.आशीष गोयल की लागू की गई नई कार्यप्रणाली व्यवस्था पर बिजली विभाग के ही कुछ अधिकारी सवाल उठा रहे हैं। चेयरमैन ने बिजली आपूर्ति में सुधार और उपभोक्ताओं को अच्छी सेवा देने के मकसद (उद्देश्य) से रीस्ट्रक्चरिंग की थी, लेकिन यह योजना फिलहाल असफल साबित हो रही है। विभाग के अधिकारी चेयरमैन के आदेशों की अवहेलना करते दिख रहे हैं। नई व्यवस्था ने शहर और ग्रामीण इलाकों में बिजली व्यवस्था को पूरी तरह से बर्बाद कर दिया है। शासन की नई व्यवस्था लागू होने के बाद विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों में असंतोष बढ़ गया है। बरेली पहले चार डिवीजनों में बंटा था। मगर, अब नगरीय क्षेत्र नई कार्यप्रणाली के तहत एकीकृत कर दिया गया। चारों एक्सईएन को अपने-अपने क्षेत्र में कार्य करने का निर्देश दिया गया, लेकिन अधिकारियों का कहना है कि यह बदलाव निचले स्तर पर ठीक से लागू नहीं किया गया।

एसडीओ के वायरल वीडियो से उठे सवाल
बीते दिनों विभाग के एसडीओ का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। इसमें उन्होंने नई व्यवस्था पर सवाल खड़े किए। उनका कहना था कि इस प्रणाली के तहत कार्य संचालन असंभव हो गया है।जिसके चलते शहर से लेकर देहात तक 16 घंटे तक की बिजली कटौती आम बात हो गई है। ठंड के इस मौसम में लोग बेहाल हैं। खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में हालात बेहद खराब हैं। यहां दिन-रात मिलाकर 8 से 10 घंटे भी बिजली नहीं मिल रही। शहरी इलाकों में भी रात और दिन में लंबे समय तक बिजली गुल रहती है।

यहां बिजली आपूर्ति के सबसे खराब हालात
शहर के कई इलाकों जैसे रामपुर रोड की रजा कॉलोनी, महेशपुर, अटरिया, विधौलिया, आनंद विहार कॉलोनी, जागृति नगर कॉलोनी, और स्वाले नगर में बिजली आपूर्ति के सबसे खराब हालात हैं। जिसके चलते व्यापार, उद्योग, शिक्षा और अन्य गतिविधियां बुरी तरह प्रभावित हो रही हैं। शहर और ग्रामीण क्षेत्रों के उपभोक्ता लगातार विद्युत विभाग से शिकायत कर रहे हैं, लेकिन कोई समाधान नहीं निकल रहा। स्थानीय नागरिकों का कहना है कि शिकायत दर्ज कराने पर केवल आश्वासन मिलता है, जबकि जमीनी स्तर पर सुधार नदारद है। बिजली ट्रांसफॉर्मर की मरम्मत और लाइन सुधार जैसे मुद्दों पर भी विभाग की निष्क्रियता साफ दिखाई दे रही है। 

बेदर्द ठंड तोड़ रही है रिकार्ड
शहर में ठंड का प्रकोप तेज है, लेकिन बिजली कटौती ने लोगों की दिक्कतें और बढ़ा दी हैं। बिजली न होने के कारण गीजर, हीटर और अन्य उपकरण बंद पड़े हैं। लोग ठंडे पानी से नहाने को मजबूर हैं। घरों में अंधेरा पसरा है और पानी की आपूर्ति भी ठप है। व्यापारियों को इस स्थिति का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। छोटे उद्योग ठप हो गए हैं, जबकि बड़े उद्योग डीजल जनरेटर के सहारे काम चला रहे हैं। उत्पादन लागत बढ़ने से उद्योगों को बड़ा आर्थिक नुकसान हो रहा है। लगातार बिगड़ती बिजली व्यवस्था से उपभोक्ताओं में आक्रोश बढ़ रहा है। लोगों का कहना है कि अगर जल्द ही स्थिति में सुधार नहीं हुआ, तो वे बड़े पैमाने पर प्रदर्शन करेंगे। विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों की निष्क्रियता को लेकर नाराजगी बढ़ती जा रही है।

नई व्यवस्था की दूर नहीं की खामियां
बिजली विभाग को नई व्यवस्था की खामियां दूर करना काफी जरूरी हो गया है। चेयरमैन की गई कार्यप्रणाली को प्रभावी तरीके से लागू करने के लिए विभागीय अधिकारियों की जवाबदेही तय करनी होगी। इसके साथ ही उपभोक्ताओं की शिकायतों को गंभीरता से लेकर तुरंत समाधान सुनिश्चित करना होगा। रीस्ट्रक्चरिंग का उद्देश्य बिजली आपूर्ति को बेहतर बनाना था, लेकिन वर्तमान स्थिति इसके उलट है। चेयरमैन के आदेशों की अवहेलना और लापरवाह अधिकारियों ने उपभोक्ताओं की परेशानियां कई गुना बढ़ा दी हैं। अब जरूरत है कि विभाग समस्या का समाधान जल्द से जल्द करे, अन्यथा स्थिति और गंभीर हो सकती है।

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