साल 2024 के अलविदा होने में सिर्फ दो दिन बचे हैं। करीब 36 घंटे के बाद नया साल शुरू हो जाएगा। नए साल के आने को लेकर तमाम लोग खुश हैं। उन्हें नए साल से काफी उम्मीद है। पिछला साल काफी लोगों की जिंदगी में खुशियां और बदलाव लाया है। मगर, साल 2024 ने हजारों लोगों का साथ भी छीन लिया। जिसके चलते सैकड़ों परिवारों को दर्द दे गया।
अलविदा 2024 : बरेली में 785 हादसों ने ली 207 की जान, 922 घायल, जानें किन सड़कों पर हुए सबसे अधिक एक्सीडेंट
Dec 30, 2024 12:51
Dec 30, 2024 12:51
शराब के नशे, मोबाइल और डिवाइडर न होने से हादसे
यातायात (ट्रैफिक) पुलिस के मुताबिक डिवाइडर न होने, चालक (ड्राइवर) के शराब के नशे में गाड़ी चलाने से, सड़क में गड्ढे होने या वाहन चलाते समय मोबाइल पर बात करने की वजह से अधिकांश हादसे हुए हैं। हालांकि, सड़क हादसों में 50 प्रतिशत मौतें कम करनी थीं, लेकिन 45 प्रतिशत बढ़ गई। अधिकतर सड़कें साल दर साल मौत के रास्ते में तब्दील होती जा रही हैं। पिछले साल रिकॉर्ड हादसों के बाद शासन ने सड़क दुर्घटनाओं में योजनाबद्ध ढंग से 50 प्रतिशत कमी लाने का निर्देश दिया था, लेकिन दुर्घटनाओं में तो कोई कमी आई नहीं।
ब्लैक स्पॉट में नहीं हुआ सुधार
बरेली में चार खतरनाक ब्लैक स्पॉट चिन्हित किए गए थे। मगर, वहां सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं हैं। स्ट्रीट लाइट, तो कहीं रिफ्लेक्टर की बेहतर व्यवस्था नहीं है। कई जगह अवैध कट हैं। इस वजह से इन स्थानों पर हादसे का डर बना रहता है। हालांकि, रोड सेफ्टी की बैठक में मंडलायुक्त की ओर से पीडब्ल्यूडी, एनएचएआई और परिवहन विभाग के अधिकारियों को डिजाइन में बदलाव के लिए प्रस्ताव देने के लिए इन ब्लैक स्पॉट का तीन दिन में संयुक्त सर्वे करने के निर्देश दिए जा चुके हैं। मगर, यह जमीन में नहीं उतर सका।
यह हैं ब्लैक स्पॉट
शहर के नैनीताल रोड स्थित बिलवा पुल से चढ़ते समय सावधानी बरतने की जरूरत है। पुल के नीचे चौराहे पर सुरक्षात्मक दृष्टि से कोई खास उपाय नहीं हैं। बरेली से जाते समय बिलवा पुल से दिल्ली हाईवे जाने के लिए जो रास्ता मुड़ा है। रात के समय नैनीताल की तरफ से आने वाले वाहन भी उल्टी दिशा से इसी रास्ते से उतरते हैं। ऐसे में कई बार अंधेरे में वाहन नहीं दिखते और हादसे होने का डर रहता है।
दिल्ली-लखनऊ हाईवे को जोड़ने वाले बड़ा बाईपास पर नवदिया झादा में सबसे ज्यादा हादसे हुए हैं। यहां फ्लाईओवर स्वीकृत हो चुका है, लेकिन हादसे रोकने के लिए कोई ठोस इंतजाम नहीं किए गए।
नवदिया झादा तिराहा पर बरेली से बीसलपुर जाने, फरीदपुर से दिल्ली निकलने वाले या फिर दिल्ली से बड़ा बाईपास होते हुए फरीदपुर निकलने वाले वाहन तेज गति से निकल रहे थे। यहां कोई स्पीड ब्रेकर भी नहीं।
फतेहगंज पश्चिमी टोल प्लाजा से पहले एएनए कट पर कई लोग जान गंवा चुके हैं। फतेहगंज पश्चिमी में राधाकृष्ण मंदिर के पास कट खतरनाक है। यहां दिनभर तेज रफ्तार वाहनों के निकलने का सिलसिला जारी रहता, मगर लंब समय से यहां कोई सुरक्षात्मक प्रबंध नहीं किए गए हैं। एनएचएआई भी इसको लेकर गंभीर नहीं है। यहां आसपास कई खतरनाक कट और भी हैं। जहां रात के समय सबसे अधिक हादसे का डर बना रहता है।
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