समाजवादी पार्टी (सपा) का आज यानी शुक्रवार को 32 वा स्थापना दिवस है। पार्टी की स्थापना 4 अक्टूबर 1992 को पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय मुलायम सिंह यादव ने की थी...
सपा का 32वां स्थापना दिवस : अखिलेश यादव की नेतृत्व में 43 सीटें जीतकर यूपी में ऐतिहासिक प्रदर्शन
Oct 04, 2024 18:34
Oct 04, 2024 18:34
यूपी के सबसे युवा सीएम
पूर्व सीएम अखिलेश यादव का जन्म 1 जुलाई, 1973 को हुआ था। उन्होंने राजस्थान मिलिट्री स्कूल धौलपुर से शिक्षा प्राप्त की। इसके बाद आगे की पढाई विदेश से पूर्ण की। वह 15 मार्च, 2012 को यूपी के सबसे युवा मुख्यमंत्री बने थे। इससे पूर्व वह लगातार तीन बार सांसद भी रह चुके थे। हालांकि, 2019 और 2024 में पांचवीं बार सांसद बने हैं। केंद्रीय मंत्री प्रोफेसर एसपी सिंह बघेल को 2022 विधान सभा चुनाव में करहल सीट से 67,301 वोट से हराकर पहली बार विधायक बने थे। इसके बाद आजमगढ़ लोकसभा सदस्य के पद से से इस्तीफा दिया था।
नेताजी ने सितंबर, 1992 में तोड़ा पुराने दल से नाता
सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने अपने पुराने दल से सितंबर,1992 में सजपा से नाता तोड़ लिया थाएम उनका कहना था कि, "भीड़ हम उन्हें जुटाकर देते हैं, और पैसा भी, फिर वे (देवीलाल, चंद्रशेखर, वीपी सिंह आदि) हमें बताते हैं कि क्या करना है, क्या बोलना है। मगर, हम अपना रास्ता खुद बनाएंगे। नेताजी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री का पद तीन बार (1989 से 1991, 1993 से 1995 और 2003 से 2007) संभाला था। साल 1996 से 1998 तक मुलायम सिंह यादव ने देश के रक्षा मंत्री की भी जिम्मेदारी संभाली।
लखनऊ के बेगम हजरत महल पार्क में पहला सम्मेलन
चार अक्टूबर 1992 को लखनऊ में मुलायम सिंह यादव ने समाजवादी पार्टी बनाने की घोषणा कर दी। चार और पांच नवंबर को लखनऊ के बेगम हजरत महल पार्क में उन्होंने पार्टी का पहला राष्ट्रीय अधिवेशन (सम्मेलन) आयोजित किया था।
पार्टी के कई पुराने साथी दुनिया से कह चुके अलविदा
सपा के संस्थापक मुलायम सिंह यादव के साथ हीं पार्टी के कई पुराने साथी दुनिया से अलविदा कह चुके हैं। इसमें सिर्फ मुहम्मद आजम खां बचे हैं। वह भी काफी समय से जेल में होने के कारण बीमार हैं। इसमें जनेश्वर मिश्र, कपिल देव सिंह और बेनी प्रसाद वर्मा दुनिया से अलविदा कह चुके हैं। पहले राष्ट्रीय सम्मेलन में मुलायम सिंह यादव सपा के अध्यक्ष, जनेश्वर मिश्र उपाध्यक्ष, कपिल देव सिंह और मोहम्मद आज़म खान पार्टी के महामंत्री बने थे। मोहन सिंह को प्रवक्ता नियुक्त किया गया, लेकिन बेनी प्रसाद वर्मा को कोई पद नहीं मिला। इससे वह रूठकर घर बैठ गए थे। वाय सम्मेलन में नहीं आए। मुलायम सिंह ने उन्हें घर जाकर मनाया, फिर सम्मेलन में लेकर आए।
सपा ने बसपा के साथ बनाई पहली बार सरकार
सपा और बसपा ने यूपी में मिलकर चुनाव लड़ा। बसपा पहले यूपी में आठ से दस सीटें जीतती थी। मगर, 1993 में सपा के साथ गठबंधन करने से बसपा ने 67 सीटों पर विजय प्राप्त की। सपा के साथ सरकार में रही। मगर, मायावती ने समर्थन वापस ले लिया। बताया जाता है कि मायावती को 'डराने' के लिए दो जून, 1995 को स्टेट गेस्ट हाउस कांड करवाया गया था। इसके बाद रिश्ते काफी खराब हो गए। मायावती ने समर्थन वापस ले लिया। सपा की सरकार गिर गई। मायावती ने भाजपा के साथ यूपी में सरकार बना ली। सपा ने फिर 2003 और 2012 में सरकार बनाई।
सपा प्रमुख ने एक किया कुनबा, बढ़ाया वोट
नेताजी के दुनिया से जाने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री एवं सपा प्रमुख अखिलेश यादव के सामने पार्टी के साथ ही परिवार को साधना बड़ी चुनौती थी। मगर, अब पूरा खानदान एक है। उनके चाचा शिवपाल सिंह यादव काफी समय से खफा चल रहे थे। मगर, अब साथ हैं। उनका बेटा बदायूं सीट से सांसद है। पार्टी में काफी मेहनत भी कर रहे हैं। नेताजी के समय से यादव और मुस्लिम वोट था। मगर, अब पीडीए के माध्यम से यह वोट बढ़ाया है।
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