सुबह फर्ज नमाज के बाद कारी शरफुद्दीन रजवी ने कुरआन ए पाक की तिलावत से उर्स के प्रोग्राम का आगाज किया। मौलाना गुलजार रजवी ने प्रोग्राम की निजामत कर दीन पर रोशनी डाली। मुफ्ती शहजाद आलम मिस्बाही ने ताजुश्शरिया की जिंदगी पर रोशनी डाली।
उर्स-ए-ताजुश्शरिया मुल्क में अमन के पैगाम के साथ खत्म : कायदे मिल्लत मुफ्ती मुहम्मद असजद रजा बोले-बच्चों को दें दीनी दुनियावी तालीम
May 16, 2024 23:50
May 16, 2024 23:50
कुरआन ए पाक की तिलावत से उर्स की हुई शुरुआत
सुबह फर्ज नमाज के बाद कारी शरफुद्दीन रजवी ने कुरआन ए पाक की तिलावत से उर्स के प्रोग्राम का आगाज किया। मौलाना गुलजार रजवी ने प्रोग्राम की निजामत कर दीन पर रोशनी डाली। मुफ्ती शहजाद आलम मिस्बाही ने ताजुश्शरिया की जिंदगी पर रोशनी डाली। उन्होंने तकरीर में कहा कि ताजुश्शरिया एक शख्सियत का नाम नहीं, बल्कि एक जमात का नाम है। आप सरकार मुफ्ती ए आजम के जानशीन थे। आपने हमेशा गुस्ताखे रसूल का रद्द (विरोध) किया। इनके बाद मुफ्ती अख्तर हुसैन अलीमी ने अपने खिताब में फिरक ए बातिला का रद्द किया। उन्होंने नाम निहाद मौलाईयों, राफजियों, तफजीलियों से आवाम ए अहले सुन्नत को दूर रहने की ताकीद कर फरमाया कि मसलके आला हजरत ही हक की पहचान है। इसके बाद शहजादा ए सदरूशशरिया नायब काजी उल कुज्जात फिल हिन्द मुफ्ती मुहम्मद जियाउल मुस्तफा ने मुफ्ती आजम ए हिंद के फजाइल और मनाकिब बयान फरमाए। उन्होंने बताया कि मुफ्ती आजम हिंद का तकवा और फतवा उनके जमाने में कोई दूसरा जैसा नहीं था। मुफ्ती ए आजम हिंद आला हजरत उनके मजहर और सच्चे जानशीन थे। इसके साथ ही दरगाह आला हजरत पर भी कुल शरीफ की रस्म अदा की गई। दरगाह प्रमुख मौलाना सुब्हान रजा खां (सुब्हानी मियां) की सरपरस्ती में उलमा ने अकीदत का नजराना पेश किया।
शहर की सड़कों से लेकर दिल्ली हाइवे जाम
उर्स में देश भर से बड़ी संख्या में जायरीन पहुंचे थे। जिसके चलते शहर की सड़कों से लेकर दिल्ली रोड तक जायरीन की भीड़ से जाम हो गया। दरगाह आला हजरत से लेकर दिल्ली रोड स्थित इस्लामिक स्टडी सेंटर मदरसा जामियातुर्रजा तक जायरीन की भीड़ थी। ट्रैफिक पुलिस जाम से निपटने की कोशिश जुटी थी, लेकिन जायरीन की भीड़ में पुलिस कर्मी बेबस नजर आए।
शाम 7.15 बजे अदा की गई कुल की रस्म
उर्स-ए-ताजुश्शरिया के कुल शरीफ की रस्म शाम 7.15 बजे अदा की गई। इससे पहले उलमा ने तकरीर की। मौलाना ग्यास ने कहा कि आला हजरत के यहां से दुनिया को सुन्नियत का पैगाम दिया जाता है। बरेली में अकीदे की प्रेस कॉन्फ्रेंस होती हैं। इससे पहले बुधवार रात 1.40 बजे मुफ़्ती ए आज़म के कुल की रस्म अदा की गई।
फरमान मियां ने डाली रोशनी
जमात रजा ए मुस्तफा के राष्ट्रीय महासचिव फरमान हसन ख़ान (फरमान मियां) ने अकीदतमंदों को हुजूर ताजुश्शरिया के बारे में जानकारी दी। बोले कि पूरी दुनिया में आपके करोड़ों मुरीद हैं। मजहब और मसलक की खिदमत करते हुए ताजुशशरिया 18 जुलाई 2018 ईस्वी को मगरिब के वक्त के समय दुनिया-ए-फानी (इंतकाल) हो गए थे। आपके आखिरी दीदार के लिए मुल्क-ए-हिंदुस्तान के अलावा दुनियाभर से लाखों अकीदतमंद बरेली पहुंचे थे। आपकी आखिरी आरामगाह (दरगाह) मोहल्ला सौदागारान स्थित आला हज़रत के मज़ार के बराबर में है। इन्हीं आशिके रसूल और अपने पेशवा को 6 वें उर्स मुबारक पर दुनियाभर से लाखों जायरीन खिराजे अक़ीदत पेश करने आते हैं। फरमान मियां बड़ी संख्या में गरीब बच्चों को तालीम दिलाने का काम करते हैं। इसके साथ ही गरीबों का इलाज भी कराते हैं।
देश-विदेश से आए थे उलेमा
उर्स प्रभारी सलमान हसन खान (सलमान मिया) ने बताया कि उर्से ताजुश्शरिया में देश-विदेश से आए उलेमा ने शिरकत कर ताजुश्शरिया की बारगाह में खिराजे अक़ीदत पेश की। जमात रजा-ए-मुस्तफा की देशभर की ब्रांचों की तरफ से कसीर तादाद में लंगर का इंतजाम किया गया। खासकर बरेली शरीफ की ब्रांच, वॉलिंटियर्स और उर्स की कोर कमेटी की टीम ने अपनी जिम्मेदारी को बखूबी निभाया। उर्स को कामयाब बनाने में भरपूर सहयोग किया। उर्स के दौरान हाफिज इकराम, मुहम्मद दानिश, डॉ.मेंहदी हसन,शमीम अहमद, नूर मुहम्मद, अरशद खां, मौलाना शम्स, मौलाना निजामुद्दीन, मोईन खान, कौसर अली, बख्तियार खां, यासीन खान, अब्दुल सलाम आदि ने जिम्मेदारी संभाली। इसके साथ ही उर्स में सपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता मुहम्मद साजिद समेत बड़ी संख्या में सियासी दलों के लोग पहुंचे थे।
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