बस्ती में किसान परेशान : टिड्डे ने गन्ने की फसल पर हमला बोल सैकड़ों बीघा फसल की चट गईं पत्तियां

टिड्डे ने गन्ने की फसल पर हमला बोल सैकड़ों बीघा फसल की चट गईं पत्तियां
UPT | गन्ने की सैकड़ों बीघा फसल की पत्तियां।

Nov 27, 2024 18:17

बस्ती जिले के हर्रैया तहसील क्षेत्र में टिड्डियों का आतंक दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। रातों-रात ये कीट गन्ने और धान की फसल पर हमला बोल रहे है...

Nov 27, 2024 18:17

Basti News : बस्ती जिले के हर्रैया तहसील क्षेत्र में टिड्डियों का आतंक दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। रातों-रात ये कीट गन्ने और धान की फसल पर हमला बोल रहे हैं, जिससे किसानों की चिंता बढ़ गई है। गन्ने की सैकड़ों बीघा फसल की पत्तियां चट जाने की वजह से किसान फसल को लेकर परेशान हैं। किसानों का कहना है कि टिड्डियों ने धान की फसल भी पूरी तरह से बर्बाद कर दी है और इसकी जानकारी उन्हें कटाई के बाद हुई। कई किसानों का कहना है कि टिड्डियां घास भी खा चुकी हैं और अब गन्ने की फसल को नुकसान पहुंचा रही हैं।



प्रति बीघा फसल में एक क्विंटल से अधिक का नुकसान
किसान का कहना है कि प्रति बीघा फसल में एक क्विंटल से अधिक का नुकसान हो चुका है। इस इलाके की भूमि गन्ने की खेती के लिए उपजाऊ मानी जाती थी, लेकिन इस वर्ष अधिक खेती होने के बाद भी टिड्डियों के हमले ने उन्हें बहुत बड़ा नुकसान पहुंचाया। पिकौरा गांव के किसान अजीत सिंह का कहना है कि दिन में टिड्डियां धान की फसल के पत्ते खा रही हैं, जिससे एक बीघा खेत में एक से डेढ़ क्विंटल ही धान निकल पा रहा है। किसान फसल को बजाने के लिए तसला और पीपा बजा रहे हैं। अब, धान की कटाई के बाद, टिड्डियां गन्ने की फसल को नष्ट कर रही हैं।

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किसान संगम सिंह ने कहा कि जहां-जहां टिड्डियां बैठ जाती हैं, वहां की सारी पत्तियां चट कर ली जाती हैं। किसान तसला और पीपा बजाकर इन टिड्डियों को भगाने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन इन उपायों से कोई फर्क नहीं पड़ रहा है।

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सुबह-सुबह पाउडर छिड़कने से लाभ होगा
जिला कृषि अधिकारी डॉ. बीआर मौर्य ने किसानों को सलाह दी है कि वे टिड्डियों की रोकथाम के लिए मिथाइल पैराफियान नामक पाउडर का छिड़काव करें। उन्होंने बताया कि यह पाउडर सुबह-सुबह छिड़कने से काफी लाभ होगा। अगर कीटाणुओं का प्रकोप ज्यादा हो, तो क्लोरोपाइरीफास नामक लिक्विड दवा का उपयोग किया जा सकता है। इसके लिए 12 सौ मिली दवा को 500 से 600 लीटर पानी में मिलाकर प्रति हेक्टेयर खेत में एक सप्ताह के अंतराल पर सुबह के समय छिड़काव करें।

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