उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले में शिक्षा के नाम पर बदहाली की एक खबर सामने आई है। यहां एक ही कमरे में प्राथमिक स्कूल और दो आंगनबाड़ी केंद्र चल रहे हैं। इतना ही नहीं, उसी कमरे में एक किचन और स्टोर रूम भी बना हुआ है।
एक कमरे में स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्र दोनों : किचन और स्टोर रूम भी उसके अंदर, शिक्षा के नाम पर दुर्दशा का जिम्मेदार कौन?
Oct 15, 2024 16:25
Oct 15, 2024 16:25
- एक कमरे में स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्र दोनों
- किचन और स्टोर रूम भी उसके अंदर
- भूमि विवाद के कारण बदहाली का शिकार
खेल के मैदान में बंधी है भैंस
चकचई गांव में स्थित इस एक कमरे वाले स्कूल में शौचालय तक नहीं है। शिक्षकों और छात्रों को इसके लिए या तो खेतों में जाना पड़ता है या अपने घर। स्कूल के खेल का जो मैदान है, उसमें भैंस बांधी जाती है। यहां गंदगी का इतना अंबार है कि खड़े रहना भी मुश्किल है। स्कूल में प्रभारी प्रधानाध्यापक समेत दो टीचर, दो आंगबाड़ी कार्यकर्ता, दो रसोइया और दो सहायिका तैनात हैं।
काफी पुराना है स्कूल
इस एक कमरे में क्लास 1 से 5 तक की कक्षाएं चलती हैं। इन कक्षाओं में कुल 52 बच्चे पढ़ते हैं। कमरे में संचालित दो आंगनबाड़ी केंद्रों में एक में 44, तो दूसरे में 52 बच्चे पढ़ाई करते हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि ये स्कूल काफी पुराना है। उनके मुताबिक यह साल 1885 में बना था। स्कूल के आस-पास काफी खंडहर भी हैं।
भूमि विवाद के कारण बदहाली का शिकार
स्थानीय लोगों ने बताया कि स्कूल की जमीन को लेकर कुछ विवाद चल रहा है। स्कूल को जो जमीन आवंटित की गई है, वह लो लैंड में है। स्कूल के प्रभारी प्रधानाध्यापक भी मानते हैं कि एक कमरे में इतने बच्चों को पढ़ाना बेहद मुश्किल है। उन्होंने कहा कि स्कूल को केशरई प्राथमिक विद्यालय में शिफ्ट करने का आदेश आया है, लेकिन दूरी ज्यादा होने के कारण अभिभावक अपने बच्चों को वहां भेजने के लिए तैयार नहीं है।
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