मुख्य अतिथि उप जिलाधिकारी सदर गुलाब चन्द ने कहा कि स्वतंत्रता आंदोलन के इतिहास में कवि, शायरों की भूमिका महत्वपूर्ण रही है। अनेक कवियों की रचनाओं का उदाहरण देते हुए कहा कि गणतंत्र की रक्षा का दायित्व कवि, शायरों का भी है।
कवि सम्मेलन : 'राजधर्म के सम्मुख ऐसी लाचारी थी, अपने बेटों को भी बेटा कह न सके...' पर बही भावुकता की बयार
Jan 27, 2024 19:34
Jan 27, 2024 19:34
इस दौरान मुख्य अतिथि उप जिलाधिकारी सदर गुलाब चन्द ने कहा कि स्वतंत्रता आंदोलन के इतिहास में कवि, शायरों की भूमिका महत्वपूर्ण रही है। अनेक कवियों की रचनाओं का उदाहरण देते हुए कहा कि गणतंत्र की रक्षा का दायित्व कवि, शायरों का भी है। रचनाकार समाज को जगाने की भूमिका निभाते हैं।
'ऐ अब्र हमें तू- बार-बार सैलाब की धमकी देता है...'
कवि सम्मेलन की अध्यक्षता वरिष्ठ कवि डॉ. ज्ञानेन्द्र द्विवेदी ‘दीपक’ और संचालन ख्यातिलब्ध कवि डॉ. रामकृष्ण लाल ‘जगमग’ ने किया। सरस्वती वंदना से शुरू कवि सम्मेलन में ज्ञानेन्द्र द्विवेदी की रचना ‘ऐ अब्र हमें तू- बार-बार सैलाब की धमकी देता है, हम तो दरिया की छाती पर तरबूज की खेती करते हैं’ को सराहा गया। दिल्ली से आए कवि अंकुर शर्मा, विवेक कौटिल्य ने अपनी रचनाओं से कवि सम्मेलन को ऊंचाई प्रदान किया। मिर्जापुर के सिद्धांत शेखर सिंह ने गीतों से माहौल को रसमय बना दिया। डॉ. रामकृष्ण लाल ‘जगमग’ ने कुछ यूं कहा कि राम पुत्र का हाथ प्यार से गह न सके, भावुकता की धारा में भी बह न सके’ राजधर्म के सम्मुख ऐसी लाचारी थी, अपने बेटों को भी बेटा कह न सके’, इन पंक्तियों पर श्रोता भावुक हो गए।
‘महफिल में उनको देखकर दिल भक्क से हुआ’
महेश प्रताप श्रीवास्तव ने ‘महफिल में उनको देखकर दिल भक्क से हुआ’ सुनाकर वाहवाही लूटी। डॉ. वीके वर्मा ने ‘उन शहीदों को करें श्रद्धा सुमन अर्पित, जो अपने देश के लिए कुर्बान हो गए’ सुनाकर देश भक्ति का भाव भरा। विनोद उपाध्याय हर्षित की रचना ‘अदब के लिहाज से खामोश हो गया, वरना आपके सवाल का बेहतर जवाब था, सुनाकर वाहवाही लूटी।
इन्होंने भी पेश कीं रचनाएं
प्रख्यात कवियत्री डॉ. सत्यमबदा सत्यम, सीमा मिश्रा, अर्चना श्रीवास्तव, डॉ. अजय श्रीवास्तव अश्क, सागर गोरखपुरी, विनय कांत मिश्र, जगदम्बा प्रसाद भावुक, दीपक सिंह प्रेमी, डॉ. अजीत ‘राज’ डॉ. अफजल हुसैन ‘अफजल', तौव्वाब अली, आदित्य राज ‘आशिक’, चन्द्रमोहन लाल श्रीवास्तव, रहमान अली ‘रहमान’ आदि ने गणतंत्र दिवस पर केंद्रित रचनाएं सुनाकर राष्ट्रीय भावना को उजागर किया। कार्यक्रम में उप जिलाधिकारी सदर गुलाब चन्द ने कवियों, शायरों को अंग वस्त्र भेंटकर सम्मानित किया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से सहायक सूचना निदेशक प्रभाकर त्रिपाठी के साथ ही अनेक अधिकारी, कर्मचारी और श्रोता उपस्थित रहे।
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