बांदा में बंद कमरे में अंगीठी से छात्रा की मौत : दम घुटने से जा रही लोगों की जान, हीटर जलाते समय रखें ये सावधानी

दम घुटने से जा रही लोगों की जान, हीटर जलाते समय रखें ये सावधानी
UPT | AI Generated

Jan 10, 2025 18:11

बांदा के शहर कोतवाली क्षेत्र में एक दुखद घटना सामने आई है, जिसमें DLED की फाइनल ईयर की छात्रा प्रियंका शुक्ला (21) की मौत हो गई। गुरुवार रात प्रियंका और उनकी मां देवकुमारी शुक्ला (46) ने बंद कमरे में अंगीठी जलाकर सोने की कोशिश की थी...

Jan 10, 2025 18:11

Banda News : बांदा के शहर कोतवाली क्षेत्र में एक दुखद घटना सामने आई है, जिसमें DLED की फाइनल ईयर की छात्रा प्रियंका शुक्ला (21) की मौत हो गई। गुरुवार रात प्रियंका और उनकी मां देवकुमारी शुक्ला (46) ने बंद कमरे में अंगीठी जलाकर सोने की कोशिश की थी। कमरे में वेंटिलेशन की कमी के कारण दोनों महिलाएं बेसुध हो गईं।

पड़ोसियों की मदद से तोड़ा गया दरवाजा
देर रात करीब 10 बजे, जब प्रियंका के मामा के बेटे ने फोन का जवाब नहीं पाया, तो पड़ोसियों की मदद से दरवाजा तोड़ा गया। अंदर दोनों को बेहोश हालत में पाया गया। तुरंत उन्हें जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने प्रियंका को मृत घोषित कर दिया। वहीं, उनकी मां देवकुमारी की हालत गंभीर बनी हुई है और उनका इलाज जारी है।

पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा
विशेषज्ञों का कहना है कि बंद कमरे में अंगीठी जलाने से कार्बन मोनोऑक्साइड का स्तर खतरनाक तरीके से बढ़ जाता है, जिससे ऑक्सीजन की कमी हो जाती है। इस प्रकार के हादसे पहले भी हो चुके हैं, लेकिन लोग अक्सर सावधानी नहीं बरतते। प्रियंका के पिता डॉ. निलेश शुक्ला का निधन 20 साल पहले हो चुका था। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और मामले की जांच जारी है।

ठंड से राहत पाने के लिए जलाते हैं हीटर
कड़ाके की ठंड से राहत पाने के लिए कई लोग बंद कमरे में हीटर, वार्मर या अंगीठी में कोयला-लकड़ी जलाकर सोते हैं। लेकिन इस तरह के उपाय जानलेवा साबित हो सकते हैं। ऐसे हादसे अन्य जिलों में भी हो चुके हैं, जहां इस प्रकार की लापरवाही के कारण कई लोगों की जान जा चुकी है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह की खतरनाक आदतों से बचना जरूरी है।

ऐसे जाती है जान
बंद कमरे में हीटर, ब्लोअर या अंगीठी जलाने से तापमान इतना बढ़ जाता है कि वहां की नमी के साथ ऑक्सीजन की मात्रा घटने लगती है, जिससे कार्बन मोनोऑक्साइड समेत अन्य जहरीली गैसों की मात्रा बढ़ जाती है। इस स्थिति में शुरुआत में सांस लेने में कठिनाई होती है और अगर सावधानी नहीं बरती जाती तो ये गैसें शरीर में प्रवेश करके खून में मिल जाती हैं। इससे शरीर में हीमोग्लोबिन का स्तर घटने लगता है और अंततः अंगों का काम बंद हो सकता है, जिससे व्यक्ति बेहोश हो सकता है या उसकी मृत्यु हो सकती है।

यदि आप बंद कमरे में हीटर या ब्लोअर का प्रयोग कर रहे हैं तो निम्नलिखित सावधानियां बरतें :
  • ब्लोअर या हीटर का उपयोग केवल थोड़े समय के लिए करें।
  • गर्म कमरे से बाहर खुले हवा में तुरंत न जाएं, धीरे-धीरे शरीर का तापमान सामान्य होने के बाद बाहर निकलें।
  • घर में वेंटिलेशन हो तो हीटर, अलाव या ब्लोअर का इस्तेमाल करें।
  • अलाव के पास सोने से बचें, और कमरे में हीटर चलाते वक्त पानी से भरा बर्तन रखें।
  • आग जलाते वक्त जमीन पर न सोएं, और बच्चों के कमरे में आग जलाने से बचें।
  • अगर कमरे में अधिक लोग सो रहे हैं तो सोने से पहले आग को बाहर कर दें।
  • श्वांस या किडनी रोगी अधिक समय तक वार्मर का उपयोग न करें, और बंद कमरे में आग जलाकर न रहें।

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