ग्रामोदय विश्वविद्यालय का 12वां दीक्षांत समारोह संपन्न कुलाधिपति के कर-कमलों से 26 शोधार्थियों को उपाधि, 32 विद्यार्थियों को पदक एवं 01 विद्यार्थी को नानाजी मेडल प्रदान किया गया
दीक्षांत समारोह : 26 शोधकर्ताओं को उपाधियां प्रदान की गईं, 32 विद्यार्थियों को उत्कृष्ट शैक्षणिक प्रदर्शन के लिए पदक प्रदान किए
Oct 16, 2024 20:49
Oct 16, 2024 20:49
अपने माता-पिता और देश को न भूलें: मंगु भाई पटेल
कुलाधिपति मंगु भाई पटेल ने अपने संबोधन में विद्यार्थियों को प्रेरणादायक संदेश देते हुए कहा कि जीवन में सफलता प्राप्त करने के दौरान अपने माता-पिता, समाज और देश का कभी भी विस्मरण नहीं करना चाहिए। उन्होंने नानाजी देशमुख के विचारों का स्मरण करते हुए कहा कि विद्यार्थियों के कार्यों से देश और समाज को लाभ होना चाहिए। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि नानाजी के आदर्शों के अनुरूप समाज के हित में काम करना ही सबसे बड़ा धर्म है। मंगु भाई ने इस बात पर भी बल दिया कि शिक्षा का उद्देश्य केवल व्यक्तिगत उन्नति नहीं, बल्कि समाज की सेवा करना भी है।
नानाजी के आदर्शों को आत्मसात करें: इंदर सिंह परमार
मुख्य अतिथि और उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने दीक्षांत समारोह में उपस्थित विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि वे नानाजी देशमुख के आदर्शों को अपने जीवन में आत्मसात करें। उन्होंने कहा कि ग्रामोदय विश्वविद्यालय ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के कई प्रावधानों को वर्षों पहले ही अपनाया था, जो आज पूरे देश में लागू हो रहे हैं। इंदर सिंह ने विद्यार्थियों को सलाह दी कि वे अपनी शिक्षा का उपयोग न केवल अपने करियर के लिए बल्कि समाज और राष्ट्र की प्रगति के लिए भी करें।
ग्राम दर्शन है आत्मदर्शन: प्रो. भरत मिश्रा
समारोह की शुरुआत में कुलगुरु प्रो. भरत मिश्रा ने विश्वविद्यालय की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की। उन्होंने "ग्राम दर्शन" की परिभाषा को स्पष्ट करते हुए कहा कि यह केवल एक प्रदर्शन नहीं, बल्कि आत्मदर्शन है। उन्होंने विश्वविद्यालय की उपलब्धियों, वर्तमान परियोजनाओं और भविष्य के लक्ष्यों पर प्रकाश डाला। उनके अनुसार, विश्वविद्यालय ने शिक्षा के माध्यम से ग्रामोदय के लिए कई महत्वपूर्ण पहल की हैं, जिनका लक्ष्य ग्रामीण विकास के साथ राष्ट्र की प्रगति है।
दीक्षांत शोभायात्रा और ग्राम दर्शन परियोजना का लोकार्पण
दीक्षांत समारोह की शोभायात्रा में अतिथियों ने पारंपरिक भारतीय परिधान पहनकर आयोजन को विशेष रंग दिया। राज्यपाल मंगु भाई पटेल और उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने "ग्रामोदय से राष्ट्रोदय" थीम पर आधारित ग्राम दर्शन परियोजना का शुभारंभ किया। समारोह के दौरान महात्मा गांधी और नानाजी देशमुख की प्रतिमाओं पर पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी गई, जिससे उनकी शिक्षाओं और योगदान को स्मरण किया गया।
विविध सांस्कृतिक कार्यक्रम
समारोह के अंतर्गत नानाजी देशमुख के जीवन और कार्यों पर आधारित चित्र प्रदर्शनी का आयोजन हुआ। इसके अलावा, कठपुतली प्रदर्शनी, वाद्य यंत्रों की प्रदर्शनी और विभिन्न लोकनृत्यों ने दर्शकों का मन मोह लिया। उपस्थित अतिथियों ने इन कार्यक्रमों में विशेष रुचि दिखाई और ग्राम संस्कृति की झलक से प्रभावित हुए।
इस आयोजन ने न केवल शिक्षा के महत्व को रेखांकित किया, बल्कि समाज की उन्नति और विकास के लिए नानाजी देशमुख और महात्मा गांधी के आदर्शों की प्रासंगिकता को भी पुनः स्मरण कराया। इस दीक्षांत समारोह ने विद्यार्थियों को समाज की सेवा में योगदान देने और शिक्षा के वास्तविक उद्देश्य को समझने का एक उत्कृष्ट अवसर प्रदान किया।
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