चित्रकूट के पाठा क्षेत्र में स्थित तुलसी जल प्रपात पर बने स्काई ग्लास ब्रिज में हाल ही में दरार आने की खबर ने सरकारी अधिकारियों को चिंतित कर दिया है। इसके संबंध में रुड़की और प्रयागराज...
चित्रकूट स्काई ग्लास ब्रिज : आखिर क्यों आई पुल में दरार, रुड़की और प्रयागराज के विशेषज्ञ करेंगे इसकी जांच
Jul 08, 2024 16:20
Jul 08, 2024 16:20
तीन जुलाई को आईं थी पुल में दरार
मानिकपुर तहसील क्षेत्र के मारकुंडी में स्थित तुलसी जल प्रपात ने पर्यटकों को अपनी प्राकृतिक सुंदरता और आकर्षण के लिए बहुती खींचा है। प्रतिवर्ष हजारों लोग इस जगह पर आते हैं और इसका आनंद लेते हैं। हाल ही में हुए दुर्घटनाओं ने इस स्थल की सुरक्षा पर सवाल उठाए हैं। तीन साल में छह लोगों की डूबने से मौत हो चुकी है, जिसने स्थानीय और पर्यटन समुदाय में चिंता बढ़ा दी है। वन विभाग और पर्यटन विभाग ने तुलसी जल प्रपात को सुरक्षा में सुधार के साथ-साथ आकर्षण के लिए भी काम किया हैं। इसके तहत धनुषाकार स्काई ग्लास ब्रिज की निर्माण योजना बनाई गई थी, जिसे गाजीपुर की पवनसुत कंपनी को ठेका मिला था। तीन जुलाई को इसी पुल के कई पिलरों में दरारें पाई गईं, जिसने सुरक्षा के सवाल उठा दिए।
रविवार को विशेषज्ञों की टीम हुई गठित
मानिकपुर तहसील क्षेत्र के डीएम शिवशरणप्पा और वन विभाग के उपनिदेशक एनके सिंह कई इंजीनियरों के साथ मौके पर पहुंचे। डीएम ने कार्यदाई संस्था को ब्लैकलिस्टेड करने के निर्देश दिए। जिसमें कहा कि ब्रिज में आई खराबी की जांच विशेषज्ञों से कराई जाए। इसके बाद विशेषज्ञों की टीम रविवार को रुड़की आईटीआई और प्रयागराज के एमएनआईटी की टीम बुलाई गई। जिन्हें ब्रिज की सुरक्षा स्थिति की जांच करने के लिए निर्दिष्ट किया गया है। डीएम ने संस्था को ब्लैकलिस्ट करने के निर्देश दिए हैं, जिससे कि उसे मानक की अनदेखी करने पर पेनाल्टी लग सके। इस ब्रिज के निर्माण में हुई दरार को दूर करने के लिए कार्य शुरू किया गया है, जिसमें कई पदाधिकारी और इंजीनियर शामिल हैं। डीएम व उपनिदेशक (वन)ने इसका पूरा विवरण मांगा है। अभी यह ब्रिज तैयार बताया गया था लेकिन वन विभाग ने इसे हैंडओवर नहीं किया है।
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डीएम ने कहा कि जल जीवन मिशन के तहत जहां पर भी सत्यापन करने में प्रधान सचिव आदि के फर्जी हस्ताक्षर कर सत्यापन रिपोर्ट लगाई गई है या गलत सत्यापन रिपोर्ट दी गई है इनकी जांच कर संबंधित के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराई जाएं और पढ़ें