हमीरपुर में परिवहन निगम के वरिष्ठ लिपिक को किया बर्खास्त : फर्जी अभिलेखों के सहारे 34 साल से कर रहा था नौकरी 

फर्जी अभिलेखों के सहारे 34 साल से कर रहा था नौकरी 
UPT | सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक कार्यालय हमीरपुर।

Apr 09, 2024 01:56

मीरपुर में परिवहन निगम के एक वरिष्ठ लिपिक को बर्खास्त किया गया है। वह फर्जी मार्कशीट लगाकर पिछले 34 सालों से नौकरी कर रहा था। अब उसके रिटायरमेंट में केवल चार साल बचे थे...

Apr 09, 2024 01:56

Hamirpur News : हमीरपुर में परिवहन निगम के एक वरिष्ठ लिपिक को बर्खास्त किया गया है। वह फर्जी मार्कशीट लगाकर पिछले 34 सालों से नौकरी कर रहा था। अब उसके रिटायरमेंट में केवल चार साल बचे थे, जब यह कार्रवाई हुई है। लंबे समय से वह फर्जी अभिलेखों के सहारे विभाग से वेतन प्राप्त करता रहा। मामले में मिलीभगत करने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों पर भी कार्रवाई हो सकती है। शासन से हुई शिकायत की तत्कालीन एआरएम द्वारा की गई जांच की रिपोर्ट पर क्षेत्रीय प्रबंधक संदीप अग्रवाल ने बर्खास्तगी की कार्रवाई की है। 

2022 में शुरू हुई थी मामले की जांच
स्थानीय डिपो में वरिष्ठ लिपिक पद पर तैनात तारिक हुसैन के खिलाफ संजय द्विवेदी ने शासन से शिकायत की थी। इसमें फर्जी शैक्षणिक प्रमाण पत्रों के आधार पर नौकरी करने का आरोप लगाया था। जिस पर शासन से 4 अगस्त 2022 को मामले की जांच तत्कालीन एआरएम हमीरपुर अकील अहमद को दी गई थी। जिस पर उन्होंने तारिक हुसैन को चार बार पक्ष रखने व साक्ष्य प्रस्तुत करने को बुलाया लेकिन वह नहीं आए। जिस पर उन्होंने लगाए गए आरोपों औऱ फाइल में मिले अभिलेख व परिस्थितिजनक आधार पर शिकायतकर्ता के आरोपों को सही मान तारिक को दोषी माना और इसकी रिपोर्ट उन्होंने आरएम चित्रकूट धाम मंडल व शासन को भेजी थी। इसी के आधार पर वरिष्ठ लिपिक को बर्खास्त किया गया है।

1990 में चालक के पद पर किया था ज्वाइन
डिपो में सीनियर लिपिक डीजल कक्ष में तैनात तारिक हुसैन साल 1990 में चालक पर ज्वाइन किया था। जिसके बाद 19 मई 1993 में उसका चालक से परिचालक में पद परिवर्तन हुआ। 27 जून 2012 को बुकिंग क्लर्क व तीन जून 2021 को वरिष्ठ लिपिक के पद पर पहुंचा। इस दौरान किसी जिम्मेदार ने इसके अभिलेख चेक करने की जहमत नहीं उठाई और उसका लाभ फर्जी ढंग से उसे मिलता रहा। पत्रावली में अभिलेख न ले होने के बाद भी पद परिवर्तन समेत अन्य प्रोन्नति दे दी गई। एआरएम आरपी साहू ने बताया कि यह उच्चस्तरीय जांच का मामला है। वह इस संबंध में कुछ नहीं कह सकते।

बता दें कि चार बार पत्र प्राप्त करने पर भी नहीं दिए साक्ष्य तत्कालीन एआरएम अकील अहमद ने जांच दौरान तारिक हुसैन को वर्ष 2022 में 26 अगस्त, सात सितंबर, 19 सितंबर व 27 सितंबर को पत्र भेज पक्ष रखने व साक्ष्य प्रस्तुत करने को कहा। लेकिन पत्र प्राप्त होने के बाद भी तारिक उपस्थित नहीं हुआ और न ही साक्ष्य दिए।

बर्खास्त वरिष्ठ लिपिक ने क्या कहा
बर्खास्त किए गए वरिष्ठ लिपिक तारिक हुसैन ने बताया कि उसके खिलाफ साजिश के तहत कार्रवाई की गई है। कार्यालय से उनके शैक्षिक दस्तावेज गायब कर दिए गए। उन्होंने जांच अधिकारी बदलने की मांग भी की थी। जिस पर गौर नहीं किया गया, वह मामले में उच्च न्यायालय की शरण लेंगे।

बर्खास्त कर्मचारी से वसूली की तैयारी
उधर, इस मामले को लेकर क्षेत्रीय प्रबंधक चित्रकूट धाम मंडल ने एआरएम हमीरपुर से समस्त अभिलेख तलब किए हैं। अब मामले में विभाग एफआईआर दर्ज करा वसूली करने की तैयारी में हैं। क्षेत्रीय प्रबंधक संदीप अग्रवाल ने अपने आदेश में उल्लेख किया है कि तारिक हुसैन को फंड और बीमा को छोड़कर समस्य देयकों को जब्त करने का आदेश दिया है। तथा अवैधानिक रूप से पद परिवर्तन के फलस्वरूप प्राप्त किए गए वेतन भत्तों के वसूली के लिए अलग से कार्रवाई की जाएगी। हमीरपुर डिपो के एआरएम आरपी साहू का कहना है कि आरएम का आदेश मिलने पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि इसी विषय में वह वार्ता करने के लिए सोमवार को वह बांदा गए थे। जल्द ही अग्रिम कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
 

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