Mahoba News : उत्तर प्रदेश के प्रमुख आकर्षक पर्यटन केंद्रों में महोबा जिला (Mahoba District) है। यह जिला उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की सीमा पर स्थित है। ऐतिहासिक रूप से देखें तो इस जिले के पास कई प्राचीन शहर और किले हैं। इनमें झांसी का किला, छतरपुर, खजुराहो और ओरछा के किले बहुत महत्वपूर्ण हैं। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से महोबा की दूरी करीब 250 किलोमीटर है। कानपुर से 150 किलोमीटर है।
महोबा खूबसूरत पर्यटन केंद्र : किले, मंदिर, पुराने शहर और खूबसूरत पहाड़ों का संगम
Nov 27, 2023 18:56
Nov 27, 2023 18:56
राहिला सागर सूर्य मंदिर : जैसा कि नाम से पता चलता है यह सूर्य भगवान को समर्पित है। यह 9वीं शताब्दी का मंदिर है और महोबा में राहिला सागर के पश्चिमी हिस्से में स्थित है। इसका निर्माण शक्तिशाली चंदेल राजा ने 890 ईस्वी से 910 ईस्वी के दौरान पड़ोसी राज्य मध्य प्रदेश में अपने शासनकाल के दौरान करवाया था। यह भव्य मंदिर रहा होगा, जो वर्तमान में जीर्ण-शीर्ण अवस्था में खड़ा है। इस क्षेत्र की प्रारंभिक प्रतिहार शैली की वास्तुकला का एक यह अच्छा उदाहरण है।
जैन तीर्थंकरों की चट्टानी कृतियां : महोबा 9वीं और 12वीं शताब्दी के बीच बुंदेलखण्ड के चंदेल शासकों से जुड़ा शहर रहा है। इसी दैरान यह एक जैन धर्म के महान केंद्र के रूप में उभरा था। एक समय यह चन्देलों की राजधानी था। अब पुरातनता में लिपटा हुआ एक छोटा सा शहर है। कई सुरम्य झीलों के अलावा यहां ऐतिहासिक और पुरातात्विक रुचि के कई अन्य स्थान हैं। गोखर पहाड़ी के दक्षिणपूर्वी हिस्से में जैन तीर्थंकरों की 24 चट्टानों पर उकेरी गईं छवियां हैं, जिन पर 1149 ईस्वी के शिलालेख हैं। गोखर हिल का नाम गुरु गोरखनाथ के नाम पर रखा गया है। मानसून के दौरान गुफाओं और झरनों के कारण यहां की ग्रेनाइट चट्टानें बेहद खूबसूरत नजर आती हैं।
मां चंद्रिका देवी मंदिर : हिन्दू धर्म की मान्यताओं के मुताबिक शक्तिपीठों के दर्शन से लोगों के कष्टों का निवारण होता है। उत्तर प्रदेश के महोबा में स्थित 'बड़ी चंद्रिका देवी मंदिर' 51 शक्तिपीठों में से एक है। इस मंदिर के दर्शन का काफी महत्व है। इस मंदिर बड़ी मान्यता है। महोबा ही नहीं, दूर-दराज के लोग यहां मत्था टेकने आते हैं और अपने परिवार की सुख-समृद्धि की कामना करते हैं। नवरात्रि के त्योहार पर तो यहां भक्तों की भीड़ उमड़ती है। मंदिर में मां चंद्रिका देवी की 10 फीट की विशाल मूर्ति है। यह भी कहा जाता है कि महोबा की माता बड़ी चंद्रिका देवी का आशीर्वाद लेने के बाद ही वीर आल्हा-ऊदल युद्ध मैदान में उतरते थे। वे पहके मां के चरणों में तलवारें रखकर प्रार्थना करते थे। उसके बाद शत्रुओं से लोहा लेने जाते थे। मां चंद्रिका देवी के मंदिर और मूर्ति की स्थापना 831 ईसा पूर्व में महोबा के राजा कीर्ति चंद्र वर्मन ने की थी। मां की मूर्ती के 18 हाथ हैं। चंद्रिका देवी का मंदिर महोबा जिला मुख्यालय से छतरपुर मार्ग पर राजकीय वीरभूमि कॉलेज के सामने स्थित है। महोबा तक कोई सीधा वायुमार्ग नहीं है। मध्य प्रदेश के खजुराहो में सबसे नजदीकी हवाईअड्डा है। यह मदिर से 54 किमी की दूरी है। वहीं, यूपी का कानपुर एयरपोर्ट 134 किमी दूर है। रेलमार्ग की बात करें तो मंदिर से निकटतम रेलवे जंक्शन खजुराहो और बांदा हैं। इसके अलावा सड़क मार्ग से मंदिर तक पहुंचा जा सकता है।
कुलपहाड़ किला : कुलपहाड़ किला को सेनापति महल भी कहा जाता है। यह किला जिले की कुलपहाड़ तहसील में है। हालांकि, किला बस अवशेषों में बाकी है, लेकिन इसमें एक बावड़ी देखने को मिल जाती है। यह राजा छत्रसाल ने बसाया था। होटल और रिसॉर्ट्स मिलते हैं।
महोबा पर यूपी सरकार का फोकस
उत्तर प्रदेश सरकार महोबा में आर्थिक गतिविधियों को रफ़्तार देने में जुटी है। एक तरफ यहां उद्योगों की लाने की कवायद चल रही है तो दूसरी तरफ महोबा को अच्छा पर्यटन केंद्र बनाने की योजना पर काम चल रहा है। राज्य सरकार का औद्योगिक विकास विभाग और पर्यटन विकास विभाग काम कर रहे हैं। जिले में कृषि को बढ़ावा देने के लिए महत्वकांक्षी सिंचाई परियोजना पर काम चल रहा है। बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे से महोबा को भी फायदा मिल रहा है।
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