इस परिवार के दो सदस्य पहले से ही विभिन्न राज्यों में मुख्य सचिव रह चुके हैं। हाल ही में, परिवार की तीसरी सदस्य अल्का तिवारी को भी झारखंड का मुख्य सचिव नियुक्त किया गया है...
महोबा के परिवार ने रचा इतिहास : दो बेटों के बाद अब बहू भी बनीं झारखंड की मुख्य सचिव, जानिए कौन हैं IAS अल्का तिवारी
Nov 02, 2024 17:50
Nov 02, 2024 17:50
- नौकरशाही में महोबा का डंका
- एक ही परिवार से तीन चीफ सेक्रेटरी
- यूपी से झारखंड तक तिवारी परिवार का दबदबा
परिवार के दो सदस्य पहले से मुख्य सचिव
अल्का तिवारी, 1988 बैच की सीनियर आईएएस अधिकारी हैं। उन्हें 1 नवंबर 2024 को कार्मिक, प्रशासनिक सुधार और राजभाषा विभाग द्वारा झारखंड का मुख्य सचिव नियुक्त करने की घोषणा की गई। अल्का के ससुर, गया प्रसाद तिवारी के दो बेटे पहले ही विभिन्न राज्यों में मुख्य सचिव रह चुके हैं, जिसमें एक बड़े राज्य उत्तर प्रदेश का भी नाम शामिल है।
अल्का तिवारी के पति भी रह चुके हैं मुख्य सचिव
इनमें राजेंद्र कुमार तिवारी, गया प्रसाद के बड़े बेटे, उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव रह चुके हैं, जबकि उनके छोटे भाई देवेंद्र कुमार तिवारी 1986 बैच के रिटायर्ड IAS अधिकारी हैं और झारखंड के मुख्य सचिव रह चुके हैं। वर्तमान में वो राज्य निर्वाचन आयुक्त हैं। परिवार के सबसे छोटे भाई धीरेंद्र कुमार तिवारी पंजाब कैडर में अपर मुख्य सचिव के रूप में कार्यरत हैं। अल्का तिवारी की नियुक्ति चुनाव आयोग की मंजूरी के बाद की गई है। अल्का, डीके तिवारी की पत्नी हैं। इस नियुक्ति ने उनकी और परिवार की प्रशंसा को बढ़ा दिया है।
गोल्ड मेडलिस्ट रह चुकी हैं अल्का तिवारी
अल्का तिवारी की शिक्षा की बात करें, तो वे महोबा की निवासी हैं और उन्होंने मेरठ विश्वविद्यालय से मनोविज्ञान में स्नातकोत्तर की डिग्री प्राप्त की है, जिसमें उन्हें गोल्ड मेडल भी मिला था। इसके अलावा, उन्होंने यूके में मैनचेस्टर विश्वविद्यालय से एमएससी की डिग्री हासिल की है, जहां भी उन्होंने ‘विकास परियोजनाओं के प्रबंधन और कार्यान्वयन’ में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए गोल्ड मेडल प्राप्त किया था। इसके अलावा, अल्का तिवारी ने रांची विश्वविद्यालय से लॉ की भी डिग्री हासिल की है। साथ ही हार्वर्ड विश्वविद्यालय और ड्यूक विश्वविद्यालय से शॉर्ट टर्म कोर्स किए हैं।
किसके स्थान पर मिला पदभार
अलका तिवारी की नियुक्ति झारखंड के मुख्य सचिव के रूप में पूर्व मुख्य सचिव एल. खियांगटे की सेवानिवृत्ति के बाद की गई है, जिनका कार्यकाल 31 अक्टूबर को समाप्त हुआ था। केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर रहने के बाद अब वह झारखंड में लौट आई हैं और उन्हें अपनी उत्कृष्ट प्रतिष्ठा और सार्वजनिक सेवा के प्रति समर्पण के लिए जाना जाता है। उन्होंने गुमला और लोहरदगा जिलों में जिला कलेक्टर के रूप में भी कार्य किया है।
11 महीने का कार्यकाल शेष
अलका तिवारी के पति, डॉ. डी.के. तिवारी, झारखंड के पूर्व मुख्य सचिव हैं और वर्तमान में राज्य चुनाव आयुक्त के रूप में कार्यरत हैं। अलका का कार्यकाल 30 सितंबर 2025 तक, यानी 11 महीने तक चलेगा। मुख्य सचिव के पद पर नियुक्ति से पहले, वह राजस्व बोर्ड की सदस्य के रूप में काम कर रही थीं और केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव और वित्तीय सलाहकार के साथ-साथ जनजातीय आयोग की सचिव के रूप में भी कार्य अनुभव रखती हैं।
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