धर्म नगरी चित्रकूट में बने यूपी के पहले स्काई ग्लास वॉक ब्रिज में दरार आने के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। जिसमे स्काई ग्लास वॉक ब्रिज के काम पूरा होने से पहले ही...
Sky Glass Walk Bridge : स्काई ग्लास पुल को लेकर सपा विधायक ने वन विभाग पर लगाए गंभीर आरोप
Jul 11, 2024 21:39
Jul 11, 2024 21:39
3.70 करोड़ की लागत से बनाया जा रहा ग्लास वॉक ब्रिज
बता दें कि मानिकपुर तहसील के तुलसी जलप्रपात पर 3.70 करोड़ की लागत से गाजीपुर की पवनसुत कंट्रेक्शन कंपनी ने यूपी का पहला स्काई वॉक ब्रिज बनाया जा रहा है। जिसके चालू होने से पहले ही स्काई ब्रिज में दरार आ गई है। जिसके बाद जिलाधिकारी ने कार्यदाई संस्था को ब्लैक लिस्टेड करने के निर्देश दिए और एनआईटी प्रयागराज की टेक्निकल जांच के बाद ही उसे हैंड ओवर लेने की बात कही थी। जिसके बाद स्काई ग्लास ब्रिज में आई दरार की मरम्मत का कार्य कार्यदाई संस्था ने करना शुरू कर दिया है।
चित्रकूट के सदर विधायक अनिल प्रधान ने लगए आरोप
ऐसे में चित्रकूट के सदर विधायक अनिल प्रधान ने वन विभाग के अधिकारियों पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने बताया है कि जिस कंपनी ने इस ब्रिज को बनाया है। उस कंपनी को काम पूरा होने से पहले ही पूरा भुगतान कर दिया गया है। जबकि उसका 10 प्रतिशत से ज्यादा का काम अधूरा है। काम इतना गुणवत्ता विहीन है कि पहली ही बारिश में पुल में दरार आ गई है। वन विभाग के अधिकारियों ने कमीशन के चक्कर पुल की गुणवत्ता से समझौता किया है और यहां तक कि काम पूरा हुए बिना ही कमीशन लेकर कंपनी को पूरा भुगतान कर दिया गया है।
मानक विहीन स्काई ब्रिज का निर्माण कराया गया
सदर विधायक अनिल प्रधान ने आरोप लगाया कि इस पूरे मामले में वन विभाग के अधिकारी भ्रष्टाचार में संलिप्त है जो लोगो की जान के साथ खिलवाड़ कर वन विभाग के अधिकारियों ने स्काई ब्रिज की गुणवत्ता से समझौता कर मानक विहीन स्काई ब्रिज का निर्माण कराया गया है। वही इस मामले में फोन पर वन विभाग के अधिकारियों ने कंपनी को पूरा भुगतान होने की बात बताई है, लेकिन सदर विधायक द्वारा लगाए गए आरोपों पर कुछ भी बोलने से मना किया है।
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