जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी रमेश चंद्र के अनुसार जिले में कुल 19 गैर-मान्यता प्राप्त मदरसे और 286 मकतब संचालित हो रहे हैं।
गोंडा में एटीएस की कार्रवाई : नेपाल सीमा से विदेशी फंडिंग की आशंका, गैर मान्यता प्राप्त मदरसों की जांच जारी
Nov 10, 2024 00:11
Nov 10, 2024 00:11
- गोंडा जिले में आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) ने मदरसों की जांच जारी
- जिले में कुल 19 गैर-मान्यता प्राप्त मदरसे और 286 मकतब संचालित हो रहे हैं
- जांच अभियान के दौरान एटीएस को स्थानीय पुलिस का हरसंभव सहयोग प्राप्त हो रहा है
जिले में गैर मान्यता प्राप्त मदरसों की संख्या और एटीएस का उद्देश्य
जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी रमेश चंद्र के अनुसार जिले में कुल 19 गैर-मान्यता प्राप्त मदरसे और 286 मकतब संचालित हो रहे हैं। एटीएस महानिदेशक के निर्देश पर प्रदेश भर में गैर-मान्यता प्राप्त मदरसों की जांच की जा रही है। नेपाल सीमा से लगे होने के कारण विदेशी फंडिंग की आशंका को देखते हुए यह जांच विशेष महत्व रखती है।
एटीएस ने दूसरे दिन भी की मदरसों की जांच
धानेपुर थानाध्यक्ष सुनील सिंह के अनुसार, एटीएस की टीम ने दूसरे दिन भी विभिन्न गांवों में स्थित मदरसों का दौरा किया। इसमें ग्राम पंचायत श्रीनगर, उज्जैनी कला के साबलपुरवा, पठान पुरवा, शेख पुरवा, और डबरी कला के मदरसे शामिल थे। एटीएस ने संचालकों से उनके मदरसों की जमीन और संचालन से संबंधित दस्तावेज मांगे, साथ ही रजिस्ट्रेशन के कागजात प्रस्तुत करने को कहा। टीम ने इन संचालकों से उनके मदरसों के संचालन, फंडिंग और अन्य व्यवस्थाओं के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त करने का प्रयास किया।
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स्थानीय प्रशासन का सहयोग और आगे की संभावित कार्रवाई
जांच अभियान के दौरान एटीएस को स्थानीय पुलिस का हरसंभव सहयोग प्राप्त हो रहा है। पिछले दो दिनों में एटीएस की उपस्थिति से मदरसा संचालकों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है। स्थानीय लोगों में यह चर्चा है कि यदि जांच में कोई गड़बड़ी पाई जाती है, तो एटीएस इस पर उचित कार्रवाई कर सकती है।
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एटीएस के सवाल-जवाब और दस्तावेज तलब
बृहस्पतिवार को शुरू हुई इस जांच में शुक्रवार को भी एटीएस की टीम ने मदरसों पर पहुंचकर संचालकों से कई सवाल किए। एटीएस ने मदरसों के भूमि स्वामित्व, रजिस्ट्रेशन और फंडिंग के स्रोतों से जुड़े दस्तावेज तलब किए हैं। इससे यह स्पष्ट होता है कि एटीएस का उद्देश्य इन संस्थानों के कार्य संचालन में पारदर्शिता लाना और यह सुनिश्चित करना है कि किसी भी प्रकार की अवैध गतिविधियों में इनका उपयोग न हो।
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