महिला अध्यापिकाओं ने इस मामले की शिकायत उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा महानिदेशक प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा और गोंडा के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी से की है। शिकायत पत्र में उन्होंने आरोप लगाया कि इंचार्ज अध्यापक ने कई बार उन्हें कार्यालय में बुलाकर बच्चों को न पढ़ाने का दबाव डाला और यह कहा कि स्कूल में वेतन मिलने के लिए बच्चों को पढ़ाना जरूरी नहीं है।
गोंडा में बैड टच : महिला टीचर्स ने इंचार्ज पर लगाए गंभीर आरोप, सुनकर आप भी दंग रह जाएंगे...
Nov 10, 2024 00:12
Nov 10, 2024 00:12
क्या है पूरा मामला
शिकायती पत्र में महिला टीचर्स ने आरोप लगाया कि इंचार्ज अध्यापक ने कई बार उन्हें कार्यालय में बुलाकर बच्चों को न पढ़ाने का दबाव डाला। कहा कि स्कूल में वेतन पाने के लिए बच्चों को पढ़ाना जरूरी नहीं है, क्योंकि यह सरकारी विद्यालय है। इसके अलावा इंचार्ज अध्यापक ने उन्हें धमकी दी कि यदि वे इसके खिलाफ किसी को कुछ बताएंगी तो उन्हें विद्यालय में आने नहीं दिया जाएगा। महिला अध्यापिकाओं ने पत्र में यह भी उल्लेख किया कि इंचार्ज इंचार्ज अध्यापक उन्हें कई बार फोन कर और कार्यालय में बुलाकर उनकी उपस्थिति रजिस्टर में दर्ज करवा देते थे, जबकि वे विद्यालय नहीं आ रही थीं। इससे उनका पढ़ाई में मन नहीं लगता और वे मानसिक तनाव का सामना कर रही हैं।
इंचार्ज अध्यापक ने आरोप को निराधार बताया
इंचार्ज अध्यापक ने इन आरोपों को निराधार बताया। उन्होंने कहा कि महिला अध्यापिकाएं विद्यालय में पढ़ाने के लिए नहीं आतीं और इस कारण वे उन पर दबाव डालते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि जब वे विद्यालय में नहीं आतीं तो उनकी उपस्थिति पंजिका पर हस्ताक्षर करने के लिए उनके पति आते हैं और उन्हें धमकाते हैं।
क्या कहते हैं एडी बेसिक
इस मामले में देवीपाटन मंडल के एडी बेसिक रामसागर त्रिपाठी ने बताया कि महिला अध्यापिकाओं का शिकायती पत्र अभी तक उनके पास नहीं पहुंचा है। लेकिन, अगर आरोप सही पाए गए तो कठोर कार्रवाई की जाएगी। महिला अध्यापिकाओं ने अपनी इज्जत और सुरक्षा की चिंता जताते हुए इंचार्ज अध्यापक के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
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