हराइच के महराजगंज इलाके में हुई हिंसा मामले में एक और बड़ा एक्शन हुआ है। बुधवार को महसी सीओ रुपेंद्र गौंड को निलंबित कर दिया है...
बहराइच हिंसा : महसी सीओ रुपेंद्र गौड़ निलंबित, सुरक्षा में लापरवाही का लगा आरोप
Oct 16, 2024 17:23
Oct 16, 2024 17:23
विसर्जन के दौरान सुरक्षा में बरती लापरवाही
महसी क्षेत्र में हुए हिंसा के बाद यह तीसरी बार है जब पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई की गई है। इससे पहले एसएचओ और चौकी प्रभारी को भी निलंबित किया गया था। सीओ रुपेंद्र गौंड को मूर्ति विसर्जन जुलूस के सुरक्षा प्रबंधन की जिम्मेदारी सौंपी गई थी, जिसमें एक कंपनी पीएसी भी तैनात की गई थी। लेकिन जब रामगोपाल को गोली मारी गई और हिंसा भड़की तब वह मौके पर मौजूद नहीं थे। हरदी थाना क्षेत्र के अंतर्गत 18 मूर्तियों का विसर्जन बड़ी गौरिया घाट पर किया जाना था और सीओ को इस जुलूस को सुरक्षित घाट तक पहुंचाने का दायित्व सौंपा गया था। सुरक्षा की दृष्टि से आवश्यक कदम उठाने में विफलता के चलते यह घटना हुई।
अब तक तीन पुलिस कर्मी हुए निलंबित
13 अक्टूबर को देर रात एसपी वृंदा शुक्ला ने भी लापरवाही के कारण एसएचओ और चौकी प्रभारी को निलंबित कर दिया था। सीओ गौंड की रिपोर्ट भी शासन को भेजी गई थी, जिसके बाद उन्हें निलंबित किया गया है। इस प्रकार हिंसा की इस घटना में अब तक कुल तीन पुलिस कर्मियों को निलंबित किया जा चुका है।
सीओ को झिंगहाघाट पर तैनाती का सवाल
पुलिस सूत्रों के अनुसार जिस दिन मूर्ति विसर्जन होना था उस दिन सीओ को झिंगहाघाट पर सुरक्षा की जिम्मेदारी दी गई थी, जिससे वह महराजगंज कस्बे में घटना के समय उपस्थित नहीं थे। उच्चाधिकारियों के समक्ष जब उनकी लापरवाही की बात उठाई गई, तो उन्होंने इसका विरोध किया, लेकिन इसके बावजूद उन पर कार्रवाई की गई। इस घटना ने स्थानीय सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं और प्रशासन इस मामले को गंभीरता से लेते हुए आगे की कार्रवाई कर रहा है।
Also Read
16 Oct 2024 07:09 PM
उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में फैले तनाव के बाद एक तस्वीर सामने आई है। इसमें एक शख्स हाथों में बंदूक लिए दीवार के पीछे खड़ा दिख रहा है। और पढ़ें