बहराइच में हुई हिंसा मामले में पुलिस ने 5 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस के एनकाउंटर में दो आरोपियों को गोली भी लगी है। वहीं इस मसले पर राजनीति भी शुरू हो गई है।
बहराइच एनकाउंटर पर आया कांग्रेस का रिएक्शन : इमरान मसूद बोले- दंगाई को धर्म से मत जोड़ो, आराधना मिश्रा मोना ने सरकार को घेरा
Oct 17, 2024 18:51
Oct 17, 2024 18:51
- बहराइच एनकाउंटर पर राजनीति शुरू
- अराधना मोना से विफलता बताया
- इमरान मसूद ने भी बोला हमला
क्या बोले इमरान मसूद?
इमरान मसूद ने कहा- उन लोगों पर भी एक्शन होना चाहिए, जिन दंगाईयों ने सारी दुकानें जलाकर खाक कर दी। दंगाई तो दंगाई है। दंगाई को आप किसी धर्म के साथ क्यों जोड़ते हो। जिन्होंने दुकाने जलाकर खाक कर दी, पूरी मार्केट जला दी और घरों में घुसकर औरतों के साथ बदतमीजी की, उनका भी इलाज करना चाहिए।
अराधना मोना से विफलता बताया
वहीं इस मामले में कांग्रेस की नेता आराधना मिश्रा मोना ने भी सरकार को घेरा है। उन्होंने कहा कि सबसे बड़ी विफलता ये थी कि जानकारी होते हुए भी सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं हुए। ये सरकार की भी विफलता है, प्रशासन की भी विफलता है। ये घटना रोकी जा सकती थी, अगर सरकार और प्रशासन इसे पूरी अहमियत देते। अगर नहीं किया, तो ये सरकार की विफलता है। अब इसे और बढ़ावा न दें। वहां लॉ एंड ऑर्डर बना रहे। हमारे लिए सबसे बड़ी प्राथमिकता है कि वहां शांति बनी रहे।
अविनाश पांडेय बोले- रोज एनकाउंटर हो रहे
वहीं कांग्रेस नेता अविनाश पांडेय ने कहा कि पूरे प्रदेश के अंदर रोज एनकाउंटर हो रहे हैं। क्या इसके पीछे कोई ठोस सबूत है। बहराइच जल रहा है, लोगों के घर लूटे जा रहे हैं, माताएं-बहनें असुरक्षित महसूस कर रही हैं। प्रशासन की ये नैतिक जिम्मेदारी है कि अपराधियों पर सख्त से सख्त कार्रवाई करें और वहां पर शांति स्थापित करें।
सपा नेता ने भी साधा निशाना
इस पूरे मसले पर समाजवादी पार्टी के नेता रविदास मेहरोत्रा ने भी अपना पक्ष रखा है। उन्होंने कहा- बहराइच में जो हिंसा, आगजनी और लूटपाट की घटनाएं हुई हैं, उसके लिए पुलिस, प्रशासन और सरकार का पूरा सहयोग था। इसके बाद कई घंटे तक बहराइच में आगजनी होती रही। वहां पुलिस नहीं पहुंची , प्रशासन नहीं पहुंचा और वहां दंगा भड़क गया। इसमें पूर्ण रूप से वहां का पुलिस-प्रशासन दोषी है जिसे मालूम था कि नवरात्रि के बाद लोग वहां जाएंगे। लेकिन वहां पर पुलिस की व्यवस्था नहीं थी और पुलिस के अभाव के कारण हिंसा की घटना हुई। इसके लिए प्रदेश सरकार और वहां का प्रशासने पूर्ण रूप से जिम्मेदार था।
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