हादसा होने के बाद अभी तक ड्राइवर का कोई पता नहीं। हद तो तब हो गई जब हादसा होने के बाद ट्रेन चल रहे दोनों ड्राइवर घटनास्थल से फरार हो गए ...
डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस हादसा : पटरी में सीलन और चालक की लापरवाही बनी कारण, शुरुआती जांच में मिले ये संकेत
Jul 19, 2024 15:06
Jul 19, 2024 15:06
रेलवे लाइन में सीलन की वजह से हुआ हादसा
गोंडा गोरखपुर रेलवे मार्ग पर पिकौरा गांव के पास जहां हादसा हुआ है। वहां रेलवे लाइन की पटरी के बगल लंबे-लंबे गड्ढे हैं और गड्ढों में पानी अधिक होने के कारण रेलवे पटरी में सीलन आ गया था। और मिट्टी काफी गीली हो गई थी जिससे रेलवे की जो लाइन है वह थोड़ा डिश बैलेंस हो गई थी। इसी दौरान जा रही डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस हादसे की शिकार हो गई। स्थानीय लोगों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि कुछ ट्रैकमैन इस रेलवे ट्रैक पर काम करके कुछ ही घंटे पहले रेलवे लाइन को ठीक करके गए थे। और इसी दौरान यह हादसा हो गया है। हालांकि दैनिक भास्कर इस बात की पुष्टि नहीं करता है।
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रेलवे लाइन की पटरी देखें बिना लापरवाही पूर्वक गाड़ी चला कर रहा था ड्राइवर
जब यह हादसा हुआ तो डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस ट्रेन लगभग 80 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही थी। और हादसे से पहले ड्राइवर द्वारा रेलवे लाइन में हो रही दिक्कतों को नहीं देखा गया और लापरवाही पूर्वक ट्रेन चलाया गया जिससे यह हादसा हुआ है। स्थानीय लोगों ने बताया कि जब यह हादसा हुआ है तो ट्रेन की स्पीड काफी तेज थी और यह रेलवे ट्रेन के जो ड्राइवर है उसकी लापरवाही से भी हादसा हुआ है। अगर वह सावधानीपूर्वक ट्रेन को चल रहा होता तो आगे उसकी रेलवे लाइन की जो पटरी है वह दिखाई देती जिससे वह ट्रेन को रोक करके प्रशासन को सूचना दे सकता था। लेकिन उसने सावधानीपूर्वक ट्रेन न चलकर सीधे ट्रेन ले जा रहा था जहां यह हादसा हुआ है।
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दोनों लोको पायलट गायब
हादसा होने के बाद अभी तक ड्राइवर का नहीं चल कोई पता हद तो तब हो गई जब हादसा होने के बाद ट्रेन चल रहे दोनों ड्राइवर घटनास्थल से फरार हो गए और रेलवे विभाग के अधिकारियों द्वारा अपने ड्राइवर को बचाने के लिए तरह-तरह के बयान दिए गए। कभी बताया गया कि मनकापुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भर्ती है तो कभी बताया गया कि गोंडा जिला अस्पताल में भर्ती हैं। जबकि स्थानीय लोगों के अनुसार हादसा होने के बाद दोनों ड्राइवर गाड़ी से नीचे उतरे हैं और उनको किसी भी प्रकार की दिक्कत नहीं हुई है। ना ही ट्रेन के अगले हिस्से में कोई नुकसान हुआ है। फिर दोनों ड्राइवरों को अस्पताल में क्यों भर्ती करवाया गया यह भी बड़ा सवाल है। दोनों ड्राइवरों के उतरते ही सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंचे रेलवे विभाग के अधिकारियों द्वारा तुरंत दोनों ड्राइवरों को कहीं ले जाकर गायब कर दिया गया है। ताकि पूरी घटना की सच्चाई सामने ना आए। स्थानीय लोगों का यह भी कहना है कि कोई धमाका नहीं हुआ है बल्कि ड्राइवर की लापरवाही से यह हादसा हुआ है।आखिर रेलवे ड्राइवर को कहां रेलवे विभाग के अधिकारी कर दिए गायब हादसा आखिर क्यों हुआ कैसे हुआ इस बात की पूरी जानकारी ट्रेन चल रहे ड्राइवर द्वारा ही मिल सकती है। लेकिन जब रेलवे विभाग के अधिकारियों द्वारा दोनों ड्राइवरों को ही गायब कर दिया गया। तो पूरी घटना की सच्चाई कैसे सामने आएगी और रेलवे विभाग के अधिकारी कैसे पूरे मामले में जांच करेंगे। यह भी बड़ा सवाल है क्योंकि रेलवे ने पूरे मामले की जांच के लिए हाई लेवल कमेटी गठित कर दी है। अगर ड्राइवर मौके पर पहुंचकर घटना के बारे में जानकारी नहीं देगा तो हाई लेवल कमिटी भी किस तरीके की जांच करेगी यह तो देखने वाली बात होगी।
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ऐसे सीधी गई बोगियां
गैस कटर से काटकर अलग और जेसीबी के माध्यम से सीधी की गई ट्रेन की बोगियां हादसे के बाद डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस ट्रेन की 8 बोगियां पटरी से उतरकर पलट गई थी। गोंडा गोरखपुर रेलवे मार्ग को सुचारू रूप से चलने के लिए मौके पर गोरखपुर से दुर्घटना मोटरयान मंगाया गया और 15 जेसीबी के माध्यम से ट्रेनों को सीधा करके गैस कटर के माध्यम से अलग-अलग बगियां को कट करके किसी तरीके से गोंडा गोरखपुर रेलवे मार्ग को शुरू करने का काम रेलवे विभाग के अधिकारियों द्वारा किया गया है।
स्थानीय लोगों का कहना
एसी कोच का शीशा तोड़कर बाहर निकले हादसे में घायल लोग स्थानीय लोगों ने बताया कि जब हादसा हुआ तो सबसे ज्यादा एसी कोच के जो डिब्बे थे। वह चार से पांच डिब्बे नीचे उतर कर के पलट गए थे। और उनमें सवार लोग किसी तरीके से शीशे को पटक पटक कर बाहर आने का प्रयास कर रहे थे। अंत में लोगों द्वारा शीशे को तोड़कर के बाहर आकर एक दूसरे को बचाने का कार्य किया गया, तब जाकर के घायलों को प्रशासन द्वारा भर्ती कराया गया है। स्थानीय लोगों ने बताया कि अगर यात्रा कर रहे यात्री शीशा तोड़कर किसी तरीके से बाहर न निकलते, तो प्रशासन के पहुंचने से पहले ही और भी लोगों की मौत हो सकती थी।
रेलवे ट्रैक से 4 फीट की दूरी पर पहुंच गई
इतना बड़ा हादसा होने के बाद रेलवे ट्रैक से लगभग 4 फुट की दूरी पर रेलवे लाइन की पटरी पहुंच गई थी और रेलवे ट्रैक से लगभग 6 फीट की दूरी पर ट्रेन की बगिया खेतों में पलटी हुई थी। रेलवे विभाग की जिम्मेदार अधिकारी के सदस्य की जांच कर रहे हैं कि आखिर रेलवे ट्रैक से 4 फीट दूर रेलवे की पटरी क्यों गई और इतना जोर जाकर के ट्रेन की बगियां क्यों पलटी फिलहाल जो रेलवे के अधिकारी हो पूरे मामले की जांच करने में जुटे हुए हैं।
रेलवे फोरेंसिक टीम ने ली मिट्टी और रेलवे ट्रैक के लोहे का सैंपल
हादसे की जांच के लिए मौके पर पहुंची रेलवे विभाग की फोरेंसिक टीम द्वारा रेलवे की पटरी से कई जगह मिट्टी के सैंपल लिए गए हैं। साथ ही कई जगहों पर रेलवे ट्रैक के पटरियों के लोहे का भी सैंपल लिया गया है। फोरेंसिक टीम द्वारा इस बात की भी जांच की जाएगी क्या आखिर मिट्टी में कहीं दिक्कत होने के चलते रेलवे पटरी में कोई दिक्कत नहीं हो तो हुई या नहीं हुई जिससे हादसा हुआ है। वही लोहे का सैंपल लेने के बाद फॉरेंसिक टीम यह भी जांच करेगी कि कहीं लोहे में दिक्कत तो नहीं थी जिसे इतना बड़ा हादसा हुआ है। वही फॉरेंसिक टीम के लोगों द्वारा ट्रेन के अलग-अलग हिस्सों से उसकी फोटो ग्राफ भी की गई है ताकि पूरे मामले की जांच की जा सके।
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पूरे हादसे की गहराई से जांच होगी
वही घटनास्थल पर निरीक्षण करने देर रात पहुंची रेलवे की जीएम सौम्या माथुर ने बताया कि हादसे के बाद ड्राइवर को भी डर लग रहा था। जिससे दोनों ड्राइवरों को स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया है जहां उनका इलाज चल रहा है। इस पूरे हादसे के लिए हाई लेवल कमिटी भी बनाई गई है सरकार द्वारा वह भी जांच की जा रही है और इस पूरी घटना की गहराई में हम लोग जाएंगे और पूरी घटना की जांच करेंगे। कि आखिर हादसा कैसे हुआ अभी कुछ कह पाना मुश्किल होगा कि प्रारंभिक जांच में किस तरीके की हादसे की बात निकाल कर सामने आई है।
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