Gonda News :  जिले की 273 आशा कार्यकर्ताओं की नौकरी पर खतरा, सीएमओ ने डीएम को सौंपी सूची

जिले की 273 आशा कार्यकर्ताओं की नौकरी पर खतरा, सीएमओ ने डीएम को सौंपी सूची
UPT | अधिकारियों के साथ बैठक करती डीएम।

Oct 23, 2024 20:39

जिले में कार्यरत 273 आशा कार्यकर्ताओं की सेवाएं संकट में पड़ गई हैं इन कार्यकर्ताओं ने आभा कार्ड बनाने में गंभीर लापरवाही बरती है। जिलाधिकारी...

Oct 23, 2024 20:39

Gonda News : जिले में कार्यरत 273 आशा कार्यकर्ताओं की सेवाएं संकट में पड़ गई हैं इन कार्यकर्ताओं ने आभा कार्ड बनाने में गंभीर लापरवाही बरती है। जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने इस मामले में सख्त रुख अपनाते हुए निर्देश दिए हैं कि अगर 1 नवंबर तक आभा आईडी बनाने में कोई सुधार नहीं हुआ तो इन कार्यकर्ताओं की सेवाएं समाप्त की जा जाएगी। अप्रैल 2021 से 21 अक्टूबर 2024 के बीच, इन कार्यकर्ताओं ने 100 से भी कम आभा आईडी बनाई हैं, जो कि बेहद चिंताजनक है।



आभा आईडी स्वास्थ्य सेवाओं को डिजिटाइज करने की एक महत्वपूर्ण पहल है जो नागरिकों को एक यूनिक डिजिटल हेल्थ आईडी प्रदान करती है। इसके माध्यम से स्वास्थ्य सेवाओं का डेटा प्रबंधित किया जा सकता है। लेकिन कई क्षेत्रों में कार्यकर्ताओं की सुस्त कार्यशैली के कारण इस योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है।

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निराशाजनक आंकड़े सामने आए
समीक्षा बैठक में जिलाधिकारी ने कहा कि 273 आशा कार्यकर्ताओं ने अब तक केवल 100 से कम आईडी बनाकर गंभीर लापरवाही दिखाई है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी रश्मि वर्मा ने जिलाधिकारी को विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की, जिसमें बताया गया कि किस क्षेत्र से कितनी आईडी बनाई गई है। जैसे मनकापुर सीएचसी की 10, बेलसर की 22, बभनजोत की 25, और अन्य क्षेत्रों से भी निराशाजनक आंकड़े सामने आए हैं।

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नागरिकों को स्वास्थ्य सेवाओं का डिजिटल लाभ प्रदान करना
जिलाधिकारी ने चेतावनी दी है कि अगर ये कार्यकर्ता अपनी कार्यक्षमता में सुधार नहीं लाते हैं तो उनके खिलाफ कठोर कदम उठाए जाएंगे। इस निर्णय का उद्देश्य आभा पहचान पत्र योजना को तेजी से लागू करना और नागरिकों को स्वास्थ्य सेवाओं का डिजिटल लाभ प्रदान करना है। जिलाधिकारी ने संबंधित अधिकारियों को भी निर्देश दिए हैं कि वे इस दिशा में तत्परता से कार्य करें और निर्धारित समय सीमा का पालन सुनिश्चित करें। उन्होंने स्पष्ट किया कि हर आशा कार्यकर्ता का दायित्व है कि वह अपने क्षेत्र में सभी लाभार्थियों को जोड़ने का प्रयास करें। अगर लापरवाही बरती गई, तो भविष्य में अन्य कार्यकर्ताओं के खिलाफ भी कठोर कार्रवाई की जाएगी।

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