गोंडा के पूरे खेमकरन गांव में जमीनी विवाद के चलते दो पक्षों के बीच हिंसक झड़प हुई। लाठी-डंडों से मारपीट का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और दोनों पक्षों के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी कर रही है।
जमीन के विवाद में दो पक्षों में हिंसक झड़प : एक-दूसरे पर लाठी-डंडों से किया हमला, गोंडा में वीडियो वायरल
Dec 08, 2024 14:31
Dec 08, 2024 14:31
घटना का विवरण
घटना शनिवार देर शाम की है, जब विनय तिवारी और बंसराज विश्वकर्मा के परिवारों के बीच विवाद बढ़ गया। पीड़ित विनय तिवारी ने आरोप लगाया कि बंसराज विश्वकर्मा और उनके परिवार ने त्रिपाल लगाने की कोशिश की, जो पहले से विवादित जमीन पर किया जा रहा था। जब विनय तिवारी ने इसका विरोध किया, तो यह बहस मारपीट में बदल गई। विनय ने बताया कि पुलिस ने पहले ही इस जमीन पर कोई भी गतिविधि न करने की चेतावनी दी थी, लेकिन बंसराज ने इसे नजरअंदाज कर दिया।
पुराना विवाद
जानकारी के अनुसार, यह विवाद पिछले दो महीने से चल रहा था। विनय तिवारी ने तहसील में इस मुद्दे की शिकायत भी की थी, लेकिन सुनवाई न होने के कारण मामला गंभीर हो गया। शनिवार को बंसराज द्वारा विवादित जमीन पर त्रिपाल लगाने की कोशिश से तनाव और बढ़ गया।
वायरल वीडियो ने बढ़ाई गंभीरता
इस घटना का वीडियो, जिसमें दोनों पक्ष एक-दूसरे पर हमला करते हुए नजर आ रहे हैं, सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। वीडियो में लाठी-डंडों से हमला और गाली-गलौज साफ तौर पर दिख रहा है। वायरल वीडियो ने पुलिस को हरकत में ला दिया, और अब मामले की गहराई से जांच की जा रही है।
पुलिस का बयान
देहात कोतवाली के प्रभारी संजय सिंह ने कहा, "जमीन विवाद के चलते दोनों पक्षों के बीच मारपीट हुई है। वायरल वीडियो के आधार पर जांच जारी है। जो तथ्य सामने आएंगे, उनके अनुसार सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।"
पीड़ित का आरोप
विनय तिवारी ने पुलिस को दी गई तहरीर में बताया कि बंसराज विश्वकर्मा और उनके परिवार ने उनके साथ मारपीट की और जान से मारने की धमकी दी। उन्होंने कहा कि विवादित जमीन पर कोई भी कार्य न करने के लिए पुलिस ने पहले से चेतावनी दी थी, लेकिन इसे अनदेखा कर विवाद को भड़काया गया।
पुलिस की कार्रवाई
वायरल वीडियो और विनय तिवारी की शिकायत के आधार पर पुलिस ने दोनों पक्षों को थाने बुलाया और जांच शुरू की। पुलिस यह सुनिश्चित कर रही है कि मामले का समाधान जल्द निकले और भविष्य में किसी भी तरह की हिंसा रोकी जा सके। गोंडा जिले में जमीनी विवाद का यह मामला प्रशासन की सुस्त कार्रवाई और कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े करता है। पीड़ित पक्ष को न्याय दिलाने और भविष्य में ऐसे विवादों को रोकने के लिए प्रशासन को सतर्क रहना होगा। पुलिस का कहना है कि जांच के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी, लेकिन इस घटना ने एक बार फिर से जमीनी विवादों के बढ़ते मामलों की गंभीरता को उजागर कर दिया है।
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