Gorakhpur News : डीडीयू विश्‍वविद्यालय में खुलेगा भोजपुरी अध्ययन केंद्र, जानें क्या होगी खासियत...

डीडीयू विश्‍वविद्यालय में खुलेगा भोजपुरी अध्ययन केंद्र, जानें क्या होगी खासियत...
UPT | डीडीयू गोरखपुर यूनिवर्सिटी।

Jul 22, 2024 12:49

खबर यूपी के गोरखपुर से है, जहां भोजपुरी साहित्य और संस्कृति को समृद्ध करने में अपनी भूमिका सुनिश्चित करने के लिए दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग ने अकादमिक योजना बनाई है। योजना के...

Jul 22, 2024 12:49

Short Highlights
  • अध्ययन केंद्र से भोजपुरी साहित्य और संस्कृति को समृद्ध करने की योजना।
  • केंद्र से डिप्लोमा कोर्स शुरू करने की तैयारी, शोध को दिया जाएगा बढ़ावा।
Gorakhpur News : खबर यूपी के गोरखपुर से है, जहां भोजपुरी साहित्य और संस्कृति को समृद्ध करने में अपनी भूमिका सुनिश्चित करने के लिए दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग ने अकादमिक योजना बनाई है। योजना के मुताबिक, विभाग के अंतर्गत एक भोजपुरी साहित्य अध्ययन केंद्र स्थापित किया जाएगा, जिसके जरिए भोजपुरी की अकादमिक समृद्धि पर काम किया जाएगा। समृद्ध भोजपुरी संस्कृति को भी बढ़ावा दिया जाएगा।

ये होगी केंद्र की खासियत
अध्ययन केंद्र में भोजपुरी लोक साहित्य के अनछुए पहलुओं पर शोध होगा। शोधार्थी अपने शोध में भोजपुरी भाषा साहित्य और समाज का मूल्यांकन और संवर्धन करेंगे। केंद्र के माध्यम से भोजपुरी की शोध-पत्रिकाओं और पत्रों का प्रकाशन किया जाएगा। इसके पीछे विश्वविद्यालय का मकसद दुनियाभर में भोजपुरी का प्रचार-प्रचार करना है। इसके साथ ही पूर्वांचल के युवाओं को अपनी माटी की बोली से जोड़ना है। अध्ययन केंद्र से जुड़कर शोधार्थी भोजपुरी के शब्दकोश, लोकगीत, परंपराएं और संस्कार गीत पर भी शोध करेंगे। इस क्रम में विद्यार्थियों के लिए समय-समय पर कार्यशालाएं आयोजित की जाएंगी। भोजपुरी साहित्य अध्ययन केंद्र से भोजपुरी और जनपदीय अध्ययन पर डिप्लोमा पाठ्यक्रम शुरू करने की भी योजना है। पाठ्यक्रम का प्राथमिक प्रारूप तैयार कर लिया गया है। अध्ययन केंद्र की स्थापना होते ही उसे अंतिम रूप दे दिया जाएगा।

प्रवासी भारतीयों के लिए उपयोगी होगा केंद्र
विभागाध्यक्ष प्रो. दीपक प्रकाश त्यागी ने बताया कि भोजपुरी अध्ययन केंद्र की स्थापना के पीछे हमारा उद्देश्य भोजपुरी भाषा में सृजनशील रचनाकारों को ऐसा अवसर उपलब्ध कराना है, जिसके माध्यम से भोजपुरी भाषा के रचनाकारों को उचित पहचान मिल सके। प्रवासी भारतीयों के लिए यह केंद्र काफी महत्वपूर्ण होगा। उनके लिए यह एक संपर्क केंद्र का काम करेगा। प्रवासी भारतीयों के माध्यम से भोजपुरी सृजन दुनियाभर में पहुंचेगा।

क्या कहती हैं विश्वविद्यालय की कुलपति
विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने बताया कि पूर्वांचल में भोजपुरी साहित्य पर बहुत काम हुआ है, लेकिन इसके लिए कोई आधिकारिक अकादमिक केंद्र स्थापित नहीं हो सका है। हिंदी विभाग ने यह योजना बनाई है, जिसकी मैं सराहना करती हूं। विभाग की योजना के क्रियान्वयन में विश्वविद्यालय स्तर पर हरसंभव मदद की जाएगी। इससे विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठा और बढ़ेगी।

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