एडीजी जोन कार्यालय में आज (2 अक्टूबर) को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जयंती बड़े ही धूमधाम से मनाई गई।
Gorakhpur News : एडीजी जोन कार्यालय में महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री की जयंती धूमधाम से मनाई गई
Oct 02, 2024 12:29
Oct 02, 2024 12:29
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महात्मा गांधी का योगदान याद किया गया
महात्मा गांधी, जिन्हें 'बापू' के नाम से भी जाना जाता है, ने सत्याग्रह और अहिंसा के माध्यम से भारत को स्वतंत्रता दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके नेतृत्व में चलाए गए जन आंदोलनों ने न केवल भारत की आजादी का मार्ग प्रशस्त किया, बल्कि दुनिया भर में सत्य और अहिंसा के सिद्धांतों की एक मिसाल भी पेश की। गांधीजी का जीवन और उनके आदर्श आज भी लोगों को सत्य, अहिंसा और नैतिकता के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देते हैं। 2 अक्टूबर को महात्मा गांधी की स्मृति में 'अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस' के रूप में भी मनाया जाता है, जिससे उनकी विचारधारा की वैश्विक स्वीकार्यता का पता चलता है।
लाल बहादुर शास्त्री की सादगी की सराहना
लाल बहादुर शास्त्री, भारत के दूसरे प्रधानमंत्री के रूप में, अपनी ईमानदारी और सादगी के लिए जाने जाते थे। शास्त्रीजी ने 'जय जवान, जय किसान' का नारा देकर भारत के किसानों और सैनिकों के योगदान को मान्यता दी। उनके नेतृत्व में देश ने 1965 के भारत-पाक युद्ध में अदम्य साहस और संयम का परिचय दिया। शास्त्रीजी का संपूर्ण जीवन ईमानदारी, कर्तव्यपरायणता और देशभक्ति की मिसाल है, जो आज भी सभी देशवासियों के लिए प्रेरणास्रोत है।
एडीजी डॉ. के. एस. प्रताप कुमार का संदेश
इस विशेष अवसर पर एडीजी जोन डॉ. के. एस. प्रताप कुमार ने महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री के योगदान को याद करते हुए कहा कि हमें इन महान नेताओं के आदर्शों को अपने जीवन में उतारने का प्रयास करना चाहिए। उन्होंने कहा कि गांधीजी का सत्य और अहिंसा का संदेश आज भी उतना ही प्रासंगिक है जितना कि स्वतंत्रता संग्राम के समय था। वहीं, शास्त्रीजी की सादगी और उनकी ईमानदारी हमें सिखाती है कि सच्ची देशभक्ति और कर्तव्यनिष्ठा ही हमें राष्ट्र निर्माण के रास्ते पर आगे ले जा सकती हैं।
कार्यक्रम का समापन चर्चा के साथ
इस अवसर पर कार्यालय के सभी कर्मचारियों ने भी महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री के चित्रों पर पुष्पांजलि अर्पित की और उनके बताए मार्गों पर चलने की प्रतिज्ञा की। पूरे आयोजन के दौरान एक उत्साहपूर्ण वातावरण बना रहा, जिसमें दोनों महापुरुषों के आदर्शों को याद करते हुए उन्हें सम्मानपूर्वक नमन किया गया। कार्यक्रम का समापन महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री के विचारों और उनके योगदानों पर आधारित चर्चा के साथ हुआ, जिसमें सभी उपस्थित लोगों ने भाग लिया और उनके सिद्धांतों को जीवन में अपनाने का संकल्प लिया।
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