इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट गीडा के छात्रों ने भविष्य में चुनाव को देखते हुए स्मार्ट एआई वोटिंग मशीन डिजाइन की है। इसे आईटीएम गीडा के कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग...
Gorakhpur News : फर्जी वोटरों को लगेगा 440 वोल्ट का झटका, छात्रों ने बनाई गजब की मशीन...
May 16, 2024 18:46
May 16, 2024 18:46
कोई भी नहीं कर सकेगा फर्जी वोटिंग
उत्तर प्रदेश टाइम्स से बात करते हुए सहादत अली ने बताया कि आज के समय में तकनीक का प्रयोग बहुत तेज़ी से बढ़ रहा है। इसी को ध्यान में रखते हुए हम लोगों ने स्मार्ट एआई वोटिंग मशीन डिज़ाइन की। ये स्मार्ट वोटिंग मशीन कई विशेषताओं से युक्त है। इसकी सबसे बड़ी खासियत है कि यह वैलेट पेपर के साथ फिंगर प्रिंट बेस पर काम करता है। इस टेक्नोलॉजी के जरिये कोई व्यक्ति सिर्फ एक बार ही अपने चुनिंदा प्रतिनिधि के चुनाव चिह्न के सामने लगे बटन को दबाकर अपना मतदान कर सकता है। लेकिन, किसी ने दोबारा फर्जी वोट डालने की कोशिश की तो फिंगर रखते ही तेज अलर्ट के साथ फर्जी वोट डालने वाले को 440 वोल्ट के करंट का झटका लग सकता है।
इसके साथ में इलेक्शन के समय बैलेट बॉक्स व ईवीएम को सुरक्षित रखने के लिये पुलिस व सीआरपीएफ जवानों को जब तक वोटों की गिनती नहीं हो जाती, तब तक बैलेट बॉक्स ईवीएम की सुरक्षा करनी पड़ती है। लेकिन, स्मार्ट एआई वोटिंग मशीन की वायरलेस तकनीक इतनी मजबूत होगी कि स्मार्ट बैलेट बॉक्स के अंदर पड़े वोट की सुरक्षा खुद ये वोटिंग स्मार्ट बैलेट बॉक्स एआई मशीन करेगी। स्मार्ट एआई वोटिंग मशीन बनाने वाले छात्रों ने बताया कि एआई वोटिंग मशीन को जबरन तोड़ने या इसमें किसी भी तरह से छेड़छाड़ करने पर स्वतः थाने के साथ-साथ चुनाव अधिकारियों को सूचना हो जायेगी।
25 हजार रुपये आ रही लागत
छात्र रौनक गुप्ता ने बताया कि असामाजिक तत्वों द्वारा स्मार्ट बैलेट बॉक्स को चोरी करने की कोशिश या पानी में फेका गया या तोड़ा गया तो, तेज अलार्म के साथ लोकशन की जानकारी भी सम्बंधित अधिकारियों को हो जायेगी। एआई वोटिंग मशीन को हमने भविष्य को ध्यान मे रखकर डिज़ाइन किया है। इस वोटिंग मशीन में डाले गये वोट की जानकारी और डेटा हजारों किलोमीटर दूर चुनाव अधिकारियों के कार्यालय या पुलिस विभाग के हेडक्वाटर में सेव कर सकते हैं। एआई वोटिंग मशीन बनाने में हमने काउंटिंग मीटर, फिंगर प्रिंट स्कैनर, अलार्म, कैलकुलेटर, रिसीवर, रिले 5 वोल्ट, अलार्म, स्टील बॉक्स, स्विच, आईआर सेंसर, 9 वोल्ट की बैटरी सहित अन्य सामानों का प्रयोग किया है। इसे बनाने में लगभग 20 से 25 हजार रुपये का खर्चा आया है। इसे बनाने में 20 दिनों का समय लगा है।
सरकार के साथ आईडिया साझा करने की कोशिश
इस बाबत आईटीएम गीडा के निदेशक डॉ. एनके सिंह ने बताया संस्थान के इंनोवेशन लैब में छात्र-छात्राएं अपने यूनिक आईडिया को वास्तविक रूप देते हैं। इनोवेशन लैब में कोई भी छात्र किसी भी विभाग से हो, अपने आईडिया पर शोध कर सकते हैं। आपका एक आईडिया देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। ऐसे छात्रों को बस एक मंच देने की जरूरत होती है। आईटीएम संस्थान ऐसे छात्रों की हरसंभव मदद करने के लिए सदैव तत्पर रहता है। इस एआई वोटिंग मशीन से जो लोगों के अंदर ईवीएम को लेकर गलतफहमी है, वह दूर होगी और पारदर्शी तरीके से चुनाव सम्पन्न होगा। हमारा प्रयास रहेगा कि सरकार के साथ मिलकर इस एआई वोटिंग मशीन को चुनाव में प्रयोग किया जाये।
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