नहाय-खाय से प्रारंभ हुआ यह पर्व 36 घंटे के कठिन निर्जला व्रत का साक्षी बना। व्रतधारी महिलाओं ने सूर्य देव और छठी मैया की आराधना कर परिवार की समृद्धि और संतानों की दीर्घायु की कामना की।
चार दिवसीय छठ महापर्व का भव्य समापन : 36 घंटे निर्जला व्रत रखने के बाद व्रतियों ने उदयगामी सूर्य को अर्घ्य दिया
Nov 08, 2024 12:52
Nov 08, 2024 12:52
चार दिवसीय पर्व संपन्न हुआ
नहाय-खाय के साथ शुरू हुआ यह चार दिवसीय पर्व सुबह के अर्घ्य के साथ संपन्न हुआ। व्रतियों ने 36 घंटे के निर्जला व्रत के बाद अपना व्रत तोड़ा। छठ पर्व पर सूर्य देव व उनकी बहन छठी मइया की पूजा का बड़ा महत्व है। छठ व्रत काफी कठिन माना जाता है। 36 घंटे तक निर्जला व्रत रखने के बाद उगते सूर्य को अर्घ्य देकर इसे पूरा किया जाता है। यह व्रत परिवार की सुख-समृद्धि व संतान की लंबी आयु के लिए किया जाता है। शुक्रवार को अहले सुबह तीन बजे से ही व्रतियों ने घाटों पर पहुंचकर सूर्य देव व छठी मइया की पूजा-अर्चना शुरू कर दी। इसके बाद सूर्य उदय होते ही अर्घ्य देने का सिलसिला शुरू हो गया। पूजा स्थल के पास बज रहे छठ गीतों पर युवा नाचते नजर आए। वहीं बच्चों ने आतिशबाजी की।
व्यवस्था पर नजर रखे थे आला अफसर
महिलाओं एवं बच्चों को किसी भी प्रकार की समस्या न हो इसके लिए एडीजी जोन डॉ. के एस प्रताप कुमार, डीआईजी गोरखपुर जोन आनंद कुलकर्णी, मंडलायुक्त अनिल ढींगरा, जिला अधिकारी कृष्णा करुणेश, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ. गौरव ग्रोवर सहित सभी एसडीएम सीओ अपने-अपने क्षेत्रों में भ्रमण कर व्यवस्थाओं का जायजा ले रहे थे। यातायात व्यवस्था को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए पुलिस अधीक्षक (यातायात) संजय कुमार स्वयं यातायात व्यवस्था पर नजर रखे हुए थे। रामघाट व पिपराइच क्षेत्र पर ड्रोन कैमरों से लगातार नजर रखी जा रही थी। राजघाट व रामगढ़ ताल सहित अन्य नदियों पर सुरक्षा की दृष्टि से एनडीआरएफ, एसडीआरएफ व गोताखोरों को तैनात किया गया था।
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