आयुर्वेद चिकित्सा शिविर में डॉ. तोमर ने कहा कि गठिया और मधुमेह रोगियों की बढ़ती संख्या चिंता का विषय है। पिज्जा, नूडल्स, बर्गर जैसे फास्ट फूड और आरामदायक जीवनशैली के कारण हमारे बच्चे और युवा फैटी लीवर और मधुमेह जैसे मेटाबॉलिक डिसऑर्डर की चपेट में आ रहे हैं।
Gorakhpur News : निशुल्क आयुर्वेद चिकित्सा शिविर में 78 लोगों की हुई जांच, मिला परामर्श
Sep 27, 2024 16:54
Sep 27, 2024 16:54
पिज्जा बर्गर से फैटी लिवर
आयुर्वेद चिकित्सा शिविर में डॉ. तोमर ने बताया कि गठिया और मधुमेह के रोगियों की बढ़ती हुई संख्या चिंताजनक है। आज प्रायः हर घर में कोई न कोई मधुमेह का रोगी मिल रहा है। इसका मुख्य कारण हमारे खानपान तथा जीवनशैली में हो रहा बदलाव है। पिज्जा, नूडल्स, बर्गर जैसे फास्ट फूड एवं आरामतलब जीवनशैली से हमारे बच्चे एवं युवा फैटी लिवर एवं डायबिटीज जैसे मेटाबॉलिक डिसऑर्डर की चपेट में आते जा रहे हैं।
मधुमेह की तीन अवस्थाएं
डॉ. तोमर ने बताया कि मेटाबॉलिक सिंड्रोम, प्री-डायबिटीज और डायबिटीज ये मधुमेह की तीन अवस्थाएं होती हैं। इनमें से पहली दो अवस्थाओं को आयुर्वेदिक औषधियों और जीवनशैली से पूरी तरह नियंत्रित किया जा सकता है। ये औषधियां न केवल ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में सहायक हैं, बल्कि इनके प्रयोग से शरीर के महत्वपूर्ण अंगों को डायबिटीज की घातक जटिलताओं से बचाया जा सकता है।
आहार में बाजरा बहुत फायदेमंद
उन्होंने बताया कि कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स के कारण आहार में बाजरा बहुत फायदेमंद है। उन्होंने अपने शोध और चिकित्सकीय अनुभव साझा करते हुए बताया कि हल्दी, आंवला, करेला, मेथी, परवल के साथ-साथ बसंत कुसुमाकर रस, बीजीआर 34 और मधुमेह जैसी औषधियां डायबिटीज के उपचार में बहुत कारगर हैं।
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