गोरखपुर के चिलुआताल थाना क्षेत्र में मित्तल ब्रदर्स कंपनी द्वारा बन रहे ओवरब्रिज के निर्माण कार्य के दौरान एक गंभीर हादसा हुआ। घटना नकहा जंगल रेलवे स्टेशन के पास गेट संख्या 05 स्पेशल के समीप हुई...
ओवरब्रिज का गार्डर गिरने से हादसा : नीचे दबकर इंस्पेक्टर की मौत, दूसरा गंभीर रूप से घायल, जानें कैसे हुई घटना
Nov 08, 2024 01:07
Nov 08, 2024 01:07
ऐसे हुआ हादसा
बताया जा रहा है कि गुरुवार को मित्तल ब्रदर्स कंपनी द्वारा बनाए जा रहे ओवरब्रिज के निर्माण कार्य के दौरान क्रेन से 10 क्विंटल का एल्यूमीनियम गार्डर उठाया जा रहा था। इस दौरान क्रेन की चेन अचानक टूट गई, जिससे गार्डर नीचे गिर पड़ा। गार्डर एसएसबी के इंस्पेक्टर विजेंद्र सिंह (45) पर गिरा, जो अपने साथी इंस्पेक्टर के साथ बाइक से वहां से गुजर रहे थे। हादसे में विजेंद्र सिंह की मौके पर ही मौत हो गई। गार्डर के वजन की वजह से उनका शव जमीन से चिपक गया, जिसे निकालने के लिए खुरचने की आवश्यकता पड़ी। मनये कुंडू (42), जो बाइक पर पीछे बैठे थे, गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्हें तत्काल BRD मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया, जहां उनकी हालत नाजुक बताई जा रही है। हादसे की सूचना मिलते ही पुलिस, आरपीएफ और जीआरपीएफ के अधिकारी मौके पर पहुंचे और बचाव कार्य शुरू किया। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया और मामले की जांच शुरू कर दी है।
उत्तराखंड के निवासी थे इंस्पेक्टर
विजेंद्र सिंह उत्तराखंड के हरिद्वार के निवासी थे और एसएसबी हेडक्वार्टर चिलुआताल में 2022 से तैनात थे। गुरुवार को जब क्रेन से भारी एल्यूमीनियम गार्डर उठाया जा रहा था, तभी क्रेन की चेन टूट गई और गार्डर एसएसबी के इंस्पेक्टर विजेंद्र सिंह पर गिर पड़ा। हादसे के बाद, क्रेन चालक मौके से फरार हो गया। गोरखपुर पुलिस के एसपी उत्तरी जितेंद्र कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि चालक की तलाश की जा रही है और मामले की जांच की जा रही है। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और इस हादसे के संबंध में मुकदमा दर्ज कर आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
लगभग 40 फीट का था गार्डर
स्थानीय लोगों का कहना है कि गार्डर की लंबाई लगभग 40 फीट थी और चूंकि यह एल्यूमिनियम से बना था, इसका वजन भी काफी अधिक था। इस भारी गार्डर को ट्रेलर से उतारते समय न तो रास्ता रोका गया और न ही सुरक्षा के उचित उपाय किए गए। गार्डर को केवल एक क्रेन के जरिए उतारा जा रहा था, लेकिन क्रेन इतना भारी वजन नहीं सहन कर पाई, जिससे यह दुर्घटना हो गई। इस प्रकार के खतरनाक कार्य के दौरान कम से कम रास्ता अवरुद्ध किया जाना चाहिए था। जबकि रास्ता खुला था, उस पर ऐसा जोखिमपूर्ण काम किया जा रहा था, जिसके कारण एक एसएसबी जवान की मौत हो गई और दूसरा गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती है।
मित्तल ब्रदर्स कंपनी को सौंपी गई थी जिम्मेदारी
पुलिस की प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आई है कि ओवरब्रिज का निर्माण उत्तर प्रदेश सेतु निगम द्वारा किया जा रहा था और इसकी जिम्मेदारी मित्तल ब्रदर्स कंपनी को सौंपी गई थी। इस परियोजना का शिलान्यास मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 2021 में किया था। 1021 मीटर लंबे ओवरब्रिज की कुल लागत 76.28 करोड़ रुपये निर्धारित की गई थी। पिलर का काम पहले ही पूरा हो चुका था और अब रेल लाइन के ऊपर ओवरब्रिज बनाने का काम जारी था। इसके लिए भारी गार्डर ट्रकों से लाए गए थे।
सुरक्षा और ट्रैफिक व्यवस्था की गंभीर लापरवाही
गुरुवार सुबह लगभग 10:30 बजे गार्डर को क्रेन के माध्यम से उतारा जा रहा था, लेकिन सुरक्षा और ट्रैफिक व्यवस्था की गंभीर लापरवाही देखी गई। इस दौरान न तो ट्रैफिक रोका गया और न ही उचित सुरक्षा इंतजाम किए गए। उसी वक्त, जब एक पुलिस इंस्पेक्टर अपने साथी के साथ ऑफिस जा रहे थे, यह हादसा घटित हो गया, जिससे एक जवान की मौत हो गई और दूसरा गंभीर रूप से घायल हो गया।
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