शुक्रवार की सुबह एक पिता अपनी बीमार बेटी को BRD मेडिकल कॉलेज में छोड़कर चला गया। मासूम बच्ची को लावारिस हालत में रोते हुए पाया गया। पिता ने एक पत्र छोड़ा, जिसमें उसने अपनी बेटी से माफी मांगी है।
मासूम बच्ची को मेडिकल कॉलेज में छोड़ा पिता : चिट्ठी में लिखा- इसका हर अंग किसी और को लगा देना
Jul 21, 2024 03:17
Jul 21, 2024 03:17
- मासूम बच्ची को लावारिस हालत में रोते हुए पाया गया
- बच्ची को चाइल्ड लाइन के किया गया सुपुर्द
चिट्ठी के साथ बच्ची को छोड़ गया पिता
गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में एक विचलित कर देने वाली घटना सामने आई। शुक्रवार सुबह एक पिता ने अपनी गंभीर रूप से बीमार बेटी को अस्पताल में छोड़ दिया, साथ में एक भावुक पत्र भी छोड़ा। पत्र में पिता ने लिखा, "डॉक्टर साहब, मुझे माफ कीजिएगा। मेरी बच्ची कभी ठीक नहीं हो पाएगी। मैं दिल पर पत्थर रखकर उसे यहां छोड़ रहा हूं ताकि उसके अंगों से दूसरे बच्चों की जान बचाई जा सके।" उसने अपनी बेटी से भी माफी मांगी। रोती हुई मासूम बच्ची को लावारिस हालत में पाया गया। मेडिकल चौकी पुलिस की सहायता से उसे चाइल्ड लाइन को सौंप दिया गया है। यह घटना समाज में गरीबी, स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच और मानवीय संवेदनाओं पर गंभीर सवाल खड़े करती है।
सफाई कर्मचारी ने बच्ची को रोते हुए देखा
जानकारी के अनुसार, 100 नंबर वार्ड (पुराना बाल रोग विभाग) के पास परिवारजन दो साल की मासूम बच्ची को छोड़कर चले गए। सुबह साफ-सफाई के लिए आई महिला कर्मचारी नजमा ने बच्ची को रोते हुए पाया। लगभग दो घंटे तक खोजबीन करने के बाद जब कोई नहीं मिला, तो उसने मेडिकल कॉलेज चौकी पुलिस को सूचित किया। बच्ची के पास एक झोला था जिसमें दो जोड़ी कपड़े, हवाई चप्पल और एक कागज का टुकड़ा मिला। इस पत्र में बच्ची के पिता ने अपनी बेबसी व्यक्त की थी, जिसमें उन्होंने बच्ची के अंगदान का आग्रह किया था।
चाइल्ड लाइन को दी गई सूचना
गुलरिहा पुलिस ने चाइल्ड लाइन को सूचना दी। चाइल्ड लाइन से अमित कुमार त्रिपाठी और संगीता दोपहर करीब ढाई बजे बीआरडी मेडिकल कालेज पहुंचे। लिखापढ़ी कर पुलिस ने बच्चे को चाइल्ड लाइन को सौंप दिया। बच्ची को गुलरिहा स्थित प्रोविडेंस होम में रखा गया है।
बीआरडी मेडिकल कॉलेज कराएगा मासूम का इलाज
बीआरडी मेडिकल कालेज प्रशासन ने मासूम का पूर्ण इलाज कराने का निर्णय लिया है। कॉलेज के प्राचार्य डॉ. राम कुमार जायसवाल ने इस संबंध में कहा, "हमारा अस्पताल और संसाधन ऐसे जरूरतमंद लोगों के लिए ही हैं। बच्ची का सम्पूर्ण इलाज BRD में निःशुल्क किया जाएगा।" उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि चाइल्ड लाइन जब चाहे बच्ची को भर्ती करा सकती है।
डॉक्टर को लिखे पत्र में पिता ने जताई मजबूरी
पिता द्वारा छोड़े गए पत्र में पिता ने दर्द भरी मजबूरी लिखी है। पत्र में पिता ने लिखा है कि मुझे ढूंढ़ने की कोशिश न करें, क्योंकि मेरे पास दूसरा कोई रास्ता नहीं है। मेरी बेटी का दिमाग सिकुड़ गया है और उसे झटके आते हैं। कृपया सबसे पहले इसके कान का इलाज करें। मेरी बेटी मुझे माफ करना। डॉक्टर साहब आप लोग माफ कीजिएगा, इसकी वजह से मेरी पत्नी और बच्चों की सेहत पर असर बहुत ज्यादा पड़ रहा है। पत्र में मासूम का जन्मदिन 17 अगस्त 2022 लिखा है।
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