गोरखपुर बौद्ध सर्किट के केंद्र में स्थित है। बुद्ध से जुड़े चार प्रमुख स्थलों सारनाथ, कुशीनगर, कपिलवस्तु और लुंबिनी को देखने आने वाले अधिकांश पर्यटक यहीं से गुजरते हैं। यही नहीं, बड़े पैमाने पर यहां फिल्मों की शूटिंग हो रही है।
विश्व पर्यटन दिवस : कभी बदनाम था गोरखपुर, अब बन रहा टूरिज्म और हॉस्पिटैलिटी का हब
Sep 27, 2024 12:36
Sep 27, 2024 12:36
- विश्व पर्यटन दिवस 27 सितंबर पर जानें गोरखपुर की खासियत
- चंद सालों में पर्यटन के नक्शे पर चमका गोरखपुर, पहले था बदनाम
- रामगढ़ताल का हुआ कायाकल्प, चिड़ियाघर की मिली सौगात
- मिल रही तीन फाइव स्टार होटलों की सेवा, कई अन्य भी पाइपलाइन में
पर्यटकों के लिए हैं तीन फाइव स्टार होटल
यह देखना सुखद है कि अपराध से जुड़ी छवि वाला वह शहर जहां कभी बाहरी लोग आने से कतराते थे, अब वहां वैश्विक ख्याति के तीन फाइव स्टार होटल रेडिसन ब्लू, मैरियट और रमाडा में भीड़ लगी रहती है। आने वाले समय में यहां होटल ताज और हॉलिडे इन की सेवाएं भी पर्यटकों को उपलब्ध होंगी।
बौद्ध सर्किट के केंद्र में स्थित है गोरखपुर
भौगोलिक दृष्टि से गोरखपुर बौद्ध सर्किट के केंद्र में स्थित है। बुद्ध से जुड़े चार प्रमुख स्थलों सारनाथ, कुशीनगर, कपिलवस्तु और लुंबिनी को देखने आने वाले अधिकांश पर्यटक यहीं से गुजरते हैं। लेकिन, कुछ साल पहले तक यहां देश के अन्य राज्यों और विदेशी पर्यटकों के अनुरूप हॉस्पिटैलिटी सेक्टर था ही नहीं, तब गोरखपुर को हॉस्पिटैलिटी सेक्टर में ऐसे आकर्षण की जरूरत थी जो बाहर से आने वाले पर्यटकों को यहां रुकने के लिए मजबूर कर सके।
पर्यटन के नए केंद्र विकसित हुए
यह कहना गलत नहीं होगा कि एक लंबे समय तक गोरखपुर में पर्यटन स्थल के रूप में सर्वाधिक फुटफाल वाला स्थान सिर्फ गोरखनाथ मंदिर ही था। पर, अब इस मंदिर के बाद पर्यटन स्थल के रूप में नए केंद्र भी विकसित हो चुके हैं। इनमें सबसे बड़ा नाम रामगढ़ताल और गोरखपुर के चिड़ियाघर का है। गोरखपुर में पर्यटन के क्षेत्र में रामगढ़ताल कायाकल्प का सबसे बड़ा उदाहरण है। दशकों तक उपेक्षित और गंदगी के पर्याय बन रहे 1700 एकड़ में फैले इस प्राकृतिक रामगढ़ताल ताल पर सरकार ने ऐसी संजीदगी दिखाई कि आज इसकी गिनती पूर्वी उत्तर प्रदेश के खूबसूरत व दर्शनीय पर्यटन स्थल के रूप में अग्रपंक्ति में है। आज यह ताल सैलानियों का मनभावन है तो बड़ी संख्या में युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने का माध्यम।
फिल्मों की शूटिंग हो रही
यही नहीं, बड़े पैमाने पर यहां फिल्मों की शूटिंग हो रही है। रामगढ़ताल में कई तरह की आकर्षक और रोमांचक नावों की सवारी, वाटर पैरासेलिंग का आनंद भी पर्यटकों को मुंबई और गोवा की ही तरह मिल रहा है। रामगढ़ताल से सटे पर्यटन विभाग ने अंतरराष्ट्रीय स्तर का वाटर स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स भी बनवा दिया है। यह प्रदेश का सार्वजनिक क्षेत्र का पहला वाटर स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स है। यहां खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स की रोइंग प्रतियोगिता का सफल आयोजन हो चुका है और अब स्थानीय युवाओं को रोइंग की ट्रेनिंग मिल रही है। रामगढ़ताल की ही तर्ज पर पर्यटन विभाग शहर के उत्तरी छोर पर स्थित चिलुआताल का भी कायाकल्प करने और इसे भी टूरिस्ट स्पॉट बनाने में जुटा है।
इको टूरिज्म की भी हुई शुरुआत
गोरखपुर में इको टूरिज्म की भी शुरुआत हो चुकी है। शहीद अशफाक उल्ला खां के नाम पर बने चिड़ियाघर में दुर्लभ वन्य जीवों को देखने के लिए पूरे पूर्वांचल से लोग यहां आ रहे हैं तो चिड़ियाघर का 7-डी थिएटर पर्यटकों को खूब रोमांचित कर रहा है। चिड़ियाघर के साथ ही गोरखपुर वन प्रभाग के तहत कैम्पियरगंज रेंज में दुनिया का पहला राजगिद्ध (जटायु) संरक्षण एवं प्रजनन केंद्र भी लोकार्पित हो चुका है।
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