भारत-नेपाल मैत्री संबंधों पर अंतरराष्ट्रीय सेमिनार आज से : 'अतीत से वर्तमान तक' विषय पर होगी चर्चा

'अतीत से वर्तमान तक' विषय पर होगी चर्चा
UPT | अंतरराष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन।

Mar 01, 2024 06:30

यह सेमिनार महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय और महाराणा प्रताप महाविद्यालय जंगल धूसड़ के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित हो रहा है।

Mar 01, 2024 06:30

Short Highlights
  • महाराणा प्रताप महाविद्यालय जंगल धूसड़ में 3 मार्च तक चलेगा आयोजन
  • सेमिनार में शामिल होने के लिए नेपाल के 24 विद्वतजन गोरखपुर पहुंचे
Gorakhpur News (अमित श्रीवास्तव) : 'भारत-नेपाल सांस्कृतिक अंतर्संबंधों की विकास यात्रा : अतीत से वर्तमान तक' विषयक तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सेमिनार का शुभारंभ शुक्रवार (1 मार्च) को पूर्वाह्न 10 बजे से महाराणा प्रताप महाविद्यालय जंगल धूसड़ में होगा। 3 मार्च तक चलने वाले इस आयोजन में शामिल होने के लिए बृहस्पतिवार को नेपाल के 24 विद्वतजन गोरखपुर पहुंच गए हैं। 

यह सेमिनार महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय और महाराणा प्रताप महाविद्यालय जंगल धूसड़ के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित हो रहा है। अंतरराष्ट्रीय सेमिनार के बारे में जानकारी देते हुए आयोजन के संयोजकद्वय डॉ. पद्मजा सिंह और डॉ. सुबोध कुमार मिश्र ने बताया कि महाराणा प्रताप महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. प्रदीप कुमार राव की देखरेख में सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। अंतरराष्ट्रीय सेमिनार में अपना अनुभव और शोध निष्कर्ष साझा करने के लिए नेपाल के 24 विद्वान यहां पधार चुके हैं। कुछ अन्य के आने की भी उम्मीद है। जबकि करीब पचास विद्वान ऑनलाइन जुड़कर भारतीय विद्वतजन के साथ उन आयामों पर चर्चा करेंगे जिससे भारत और नेपाल के मैत्रीपूर्ण संबंधों को नई ऊंचाई दी जा सके।

संयोजकद्वय ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय सेमिनार में  1 मार्च को उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता लुम्बिनी बौद्ध विश्वविद्यालय, लुम्बिनी, नेपाल के कुलपति प्रो. सुबरन लाल बज्राचार्य करेंगे। जबकि सारस्वत अतिथि के रूप में मध्य पश्चिम विश्वविद्यालय, सुर्खेत, नेपाल के उप कुलपति प्रो. नंद बहादुर सिंह, मुख्य अतिथि के रूप में नेपाल सरकार के पूर्व गृह राज्यमंत्री देवेंद्र राज कंडेल और विशिष्ट अतिथि के रूप में वाल्मीकि विद्यापीठ, काठमांडू, नेपाल के प्राचार्य प्रो. भागवत ढकाल की सहभागिता रहेगी। उद्घाटन सत्र में बीज वक्तव्य दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के रक्षा एवं स्त्रातजिक अध्ययन विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रो. हर्ष कुमार सिन्हा का होगा। 

अंतरराष्ट्रीय सेमिनार के पहले दिन दो तकनीकी सत्र होंगे जबकि तीसरे दिन तीन तकनीकी सत्रों के अलावा प्रतिभागियों को गोरखनाथ मंदिर का भ्रमण कराया जाएगा। तीसरे दिन 3 मार्च को दोपहर 2 बजे से समापन सत्र की अध्यक्षता दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. पूनम टंडन करेंगी। समापन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय, अमरकंटक, मध्य प्रदेश के कुलपति प्रो. श्रीप्रकाश मणि त्रिपाठी, विशिष्ट अतिथि नेपाल संस्कृत विश्वविद्यालय एवं अनुसंधान केंद्र, दांग, नेपाल के कार्यकारी निदेशक प्रो. सुधन कुमार पौडेल, त्रिभुवन विश्वविद्यालय, काठमांडू, नेपाल के संस्कृत विभाग के आचार्य डॉ. सुबोध शुक्ल, प्राज्ञीक विद्यार्थी परिषद, काठमांडू, नेपाल के राष्ट्रीय संगठन मंत्री नारायण प्रसाद ढकाल मौजूद रहेंगे। सेमिनार का प्रतिवेदन दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में राजनीतिशास्त्र विभाग के सहायक आचार्य डॉ. अमित कुमार उपाध्याय द्वारा प्रस्तुत किया जाएगा। अलग-अलग तकनीकी सत्रों में अध्यक्ष, सह अध्यक्ष की भूमिका में एक भारत और एक नेपाल के विषय विशेषज्ञ शामिल रहेंगे।

नेपाल से आए विद्वतजन
प्रो. सुबरन लाल बज्राचार्य (कुलपति, लुम्बिनी बौद्ध विश्वविद्यालय, लुम्बिनी), प्रो.नंद बहादुर सिंह (कुलपति, मध्य पश्चिम विश्वविद्यालय, सुर्खेत), देवेंद्र राज कंडेल (पूर्व गृह राज्यमंत्री, नेपाल) सरकार), प्रो. भागवत ढकाल (प्राचार्य, वाल्मीकि विद्यापीठ, काठमांडू), प्रो. नरेंद्र कुमार श्रेष्ठ (पीएचडी पाठ्यक्रम समन्वयक, लुम्बिनी विश्वविद्यालय), डॉ. सागर न्यौपाने (सहयुक्त आचार्य, लुम्बिनी विश्वविद्यालय), श्रीमती पुष्पा भुषाल (पूर्व उप सभामुख प्रतिनिधि सभा एवं केंद्रीय सदस्य नेपाली कांग्रेस), भीम पराजुली (विधायक कोसी प्रदेश), प्रो. सुधन कुमार पौडेल (कार्यकारी निदेशक, नेपाल संस्कृत विश्वविद्यालय एवं अनुसंधान केंद्र, दांग), प्रो. राजराम सुवेदी (सेवानिवृत्त आचार्य, त्रिभुवन विश्वविद्यालय, काठमांडू), नवीन बंधु पहाड़ी (प्रतिष्ठित साहित्यकार एवं सामाजिक कार्यकर्ता), श्रीकृष्ण अनिरुद्ध गौतम (लेखक, स्तम्भकार), प्रो. सुबोध शुक्ला (आचार्य, संस्कृत विभाग, त्रिभुवन विश्वविद्यालय काठमांडू), नारायण प्रसाद ढकाल (राष्ट्रीय संगठन मंत्री, प्राज्ञीक विद्यार्थी परिषद, काठमांडू), राजन कार्की (शोध छात्र, यूनान विश्वविद्यालय), बाजिरा (प्रवक्ता, लुम्बिनी विश्वविद्यालय), बाल बहादुर पांडेय (प्रवक्ता, लुम्बिनी विश्वविद्यालय), डॉ. शिवकांत दूबे (सहायक आचार्य, लुम्बिनी विश्वविद्यालय), कृष्ण हुमागाई, सुभेन्द्र यादव व विनय मिश्र (सदस्य, प्राज्ञीक विद्यार्थी परिषद)।
 

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