आर्थिक तंगी से जूझ रहे परिवार ने छह माह पूर्व कई सहायता समूहों से ऋण लिया था। कुछ किस्त तो समय से जमा की, लेकिन बाद में किस्त अदा करना मुश्किल हो गया। इस पर समूह वाले ऋण का भुगतान करने को लेकर लगातार दबाव बनाने लगे।
कुशीनगर में कर्ज के बोझ तले किसान ने दी जान : पत्नी और बच्चों ने छोड़ दिया था घर, धमकियों से था परेशान
Sep 03, 2024 14:35
Sep 03, 2024 14:35
पत्नी और बच्चों ने तीन महीने पहले घर छोड़ा
45 वर्षीय हरिशंकर वर्मा मुख्य रूप से खेती-किसानी करते थे। ग्रामीणों की मानें तो आर्थिक तंगी से जूझ रहे इस परिवार ने छह माह पूर्व कई सहायता समूहों से ऋण लिया था। कुछ किस्त तो समय से जमा की, लेकिन आर्थिक तंगी के चलते बाद में किस्त अदा करना मुश्किल हो गया। इस पर समूह वाले ऋण का भुगतान करने को लेकर लगातार दबाव बनाने लगे तो तीन माह पूर्व पत्नी रंजू वर्मा अपने बड़े, पुत्र अमन, पुत्री अंजली व नीतू को साथ लेकर किसी अज्ञात स्थान पर चली गई थी।
मकान के पिछले दरवाजे से आते-जाते थे
बताया जा रहा है कि हरिशंकर घर में अकेले रहते थे। घर के मुख्य दरवाजे पर ताला बंद रहता था, ताकि अगर कोई आए तो उसे लगे की मकान में कोई नहीं है। मकान के पिछले दरवाजे से निकलकर अपना कार्य करते थे। बीते शाम को वह खाना खाकर घर में सोने चले गए। पूरा दिन और देर रात तक जब उनकी कोई गतिविधि नहीं मिली तो आसपास के लोगों को शक हुआ। पुत्र अमन पिता के मोबाइल पर बार-बार फोन कर रहा था, लेकिन कोई जवाब नहीं मिल रहा था। देर रात को उसने अपने कुछ मित्रों को घर भेजा। उन्होंने मकान के पीछे खिड़की के रास्ते देखा तो उनका शव फंदे से लटका मिला।
ऋण अदा न कर पाने से था तनाव
ग्रामीणों की सूचना पर पहुंची पुलिस ने ताला तोड़कर शव बाहर निकाला। ग्राम प्रधान संजीव सिंह ने बताया कि सुनने में आ रहा है कि परिवार ने कई समूहों से ऋण लिया था। इसको लेकर हरिशंकर काफी तनाव में थे। प्रभारी निरीक्षक गिरिजेश उपाध्याय ने बताया कि ग्रामीणों के अनुसार परिवार द्वारा कुछ समूहों से ऋण लिया गया था। भुगतान को लेकर दबाव था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट व जांच में आए तथ्यों के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।
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