झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज की विशेष नवजात देखभाल इकाई में हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटना के बाद महराजगंज जिले में स्वास्थ्य सुविधाओं की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर गंभीर कदम उठाए गए हैं। एक नवजात शिशु की मृत्यु की घटना ने प्रशासन को सतर्क कर दिया है।
झांसी अग्निकांड के बाद महराजगंज जिला प्रशासन सतर्क : अस्पतालों का निरीक्षण करने पहुंचे अधिकारी, आग से बचाव के उपायों को भी बताया
Nov 17, 2024 11:15
Nov 17, 2024 11:15
एसएनसीयू में क्षमता से अधिक नवजात भर्ती
जिला अस्पताल की नवजात शिशु देखभाल इकाई में ऐसे नवजात भर्ती होते हैं जिन्हें जन्म के समय सांस लेने में दिक्कत होती है, पीलिया होता है, दूध नहीं पीते, कम वजन के होते हैं, नौ महीने से पहले पैदा होते हैं, अविकसित होते हैं। इन्हें करीब चार से सात दिन तक रखकर उपचार किया जाता है। महराजगंज के एसएनसीयू में भी बेड की क्षमता से अधिक नवजात भर्ती हैं। झांसी की घटना के बाद स्वास्थ्य विभाग और अग्निशमन विभाग भी सतर्क हो गया है।
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अग्निशमन अधिकारी ने किया निरीक्षण
रविवार को अग्निशमन अधिकारी ने जिला अस्पताल की नवजात शिशु देखभाल इकाई का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने स्वास्थ्य कर्मियों से अग्निशमन यंत्र चलाने की जानकारी ली और आग से बचाव का प्रशिक्षण दिया। इसके बाद उन्होंने अपोलो अस्पताल, डायमंड अस्पताल, आशा क्रिटिकल अस्पताल, अवध रीजेंसी अस्पताल में सुरक्षा मानकों की जांच की और आग से बचाव के बारे में बताया तथा अग्निशमन उपकरण चलाकर मॉक ड्रिल किया। उन्होंने कहा कि अस्पताल में अग्नि सुरक्षा के मानक पूरे होने चाहिए, किसी प्रकार की कमी नहीं होनी चाहिए। इस दौरान डॉ. एके द्विवेदी, डॉ.एवी त्रिपाठी, डॉ.राकेश रमन, हरदेव यादव, जेपी, मनीष कुमार सहित अन्य स्वास्थ्य कर्मी मौजूद रहे।
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