महराजगंज में साइबर अपराध तेजी से बढ़ रहा है। डिजिटल तकनीक के साथ अपराधी नए-नए तरीकों से लोगों को ठग रहे हैं। जल्द अमीर बनने का लालच देकर ये शिक्षित और धनाढ्य वर्ग को भी जाल में फंसा रहे हैं। जागरूकता के बावजूद लोग ठगी के शिकार हो रहे हैं।
चुनौती बना बढ़ता साइबर अपराध : शेयर बाजार में निवेश के नाम पर महाराजगंज में दो लोगों से 48 लाख रुपये की ठगी
Dec 18, 2024 12:27
Dec 18, 2024 12:27
लालच का शिकार हो रहा शिक्षित वर्ग
साइबर अपराधी लोगों को जल्दी अमीर बनने का सपना दिखाकर उनकी मेहनत की कमाई को ठग लेते हैं। इस फरेब का शिकार सिर्फ कम पढ़े-लिखे लोग ही नहीं, बल्कि शिक्षित और धनाढ्य वर्ग भी हो रहे हैं। जागरूकता के बावजूद लोग लालच में आकर अपने जीवनभर की कमाई गवां देते हैं।
ऐसे करते हैं साइबर अपराधी ठगी
साइबर अपराधी सबसे पहले व्हाट्सएप लिंक भेजकर लोगों को अपने जाल में फंसाते हैं। लिंक पर क्लिक करने पर व्यक्ति एक समूह में जोड़ दिया जाता है, जहां अमीर बनने के कई लुभावने ऑफर दिए जाते हैं। इन ऑफर्स के जरिए लोगों को शेयर मार्केट में निवेश करने के लिए प्रेरित किया जाता है। ग्रुप में हर महीने झूठी रिपोर्ट साझा की जाती है ताकि समूह के अन्य सदस्य भी भरोसा कर पैसे लगाएं। लेकिन जब पीड़ित अपने पैसे निकालने की कोशिश करते हैं, तो उन्हें कोई जवाब नहीं मिलता।
पुलिस अपराधियों पर सख्त कार्रवाई कर रही
साइबर थाना प्रभारी सजनू यादव ने बताया कि साइबर अपराध से निपटने के लिए लगातार जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं। पुलिस शिकायत मिलने पर अपराधियों पर सख्त कार्रवाई भी कर रही है। उन्होंने बताया कि दोनों मामलों की जांच जारी है।
मामला 1: 45 लाख की ठगी
महराजगंज सदर कोतवाली क्षेत्र के अमरूतिया के टोला केवटहिया निवासी विद्यासागर प्रजापति ने बताया कि उनके एक दोस्त ने उन्हें व्हाट्सएप पर एक लिंक भेजा। लिंक पर क्लिक करने के बाद वे एलएसवी एसेसमेंट मैनेजमेंट ग्रुप में जुड़ गए। ग्रुप में जल्द अमीर बनने के लुभावने ऑफर्स दिए गए। उन्होंने अलग-अलग तारीखों में कुल 45 लाख रुपये निवेश किए। शेयर मार्केट में लिस्टिंग के बाद उनके खाते में 1.70 करोड़ रुपये दिखाए गए, लेकिन जब उन्होंने रकम निकालनी चाही, तो पैसे निकालने का कोई विकल्प नहीं मिला।
मामला 2: तीन लाख की ठगी
कोठीभार निवासी आज़ाद अली ने बताया कि उन्हें शेयर मार्केट में निवेश करने के लिए प्रेरित किया गया। उन्होंने कुल तीन लाख रुपये निवेश किए, लेकिन इसके बाद कोई जवाब नहीं मिला। ठगी का एहसास होने पर उन्होंने साइबर थाने में शिकायत दर्ज कराई। जांच में पता चला कि फर्जी वेबसाइट के जरिए उनके साथ धोखाधड़ी की गई थी।
जागरूकता ही है बचाव
साइबर अपराध से बचने के लिए लोगों को सतर्क और जागरूक रहना बेहद ज़रूरी है। किसी भी अज्ञात लिंक पर क्लिक करने से बचें और किसी भी तरह का बड़ा निवेश करने से पहले पूरी जांच-पड़ताल कर लें। पुलिस और प्रशासन द्वारा की जा रही कार्रवाई के साथ-साथ जनता की सतर्कता भी इन अपराधों पर अंकुश लगा सकती है।
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