राष्ट्रीय युवा दिवस : गोरखपुर में कायस्थ सभा ने मनाई स्वामी विवेकानंद की जयंती, उनकी शिक्षाओं और योगदान को किया याद

गोरखपुर में कायस्थ सभा ने मनाई स्वामी विवेकानंद की जयंती, उनकी शिक्षाओं और योगदान को किया याद
UPT | कायस्थ सभा के सदस्यों ने स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया।

Jan 12, 2025 12:43

गोरखपुर में 12 जनवरी को राष्ट्रीय युवा दिवस के अवसर पर कायस्थ सभा ने स्वामी विवेकानंद की जयंती धूमधाम से मनाई। इस मौके पर सभा के सदस्यों ने स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया और उनके जीवन और कार्यों को याद करते हुए मिठाई बांटी। इस दौरान, कायस्थ सभा के अध्यक्ष आलोक रंजन वर्मा ने प्रतिमा के आसपास फैली गंदगी को लेकर नगर निगम पर आरोप लगाया।

Jan 12, 2025 12:43

Gorakhpur News : आज गोरखपुर जिले के छात्र संघ चौराहे पर स्थित स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा पर कायस्थ सभा के सदस्यों द्वारा माल्यार्पण और मिठाई बांटकर उनकी जयंती धूमधाम से मनाई गई। इस अवसर पर स्वामी विवेकानंद के योगदान और उनके विचारों को याद किया गया। हालांकि, इस मौके पर प्रतिमा के आसपास फैली गंदगी को लेकर कायस्थ सभा के अध्यक्ष आलोक रंजन वर्मा ने नगर निगम और जिला प्रशासन पर तीखा हमला किया।

स्वामी विवेकानंद के योगदान को किया याद 
आलोक रंजन वर्मा ने कहा कि स्वामी विवेकानंद का वास्तविक नाम नरेंद्रनाथ दत्त था और वे भारतीय समाज के महान विचारक एवं संत थे। उन्होंने मानवता की सेवा को अपने जीवन का सर्वोत्तम उद्देश्य माना और युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत बने। स्वामी विवेकानंद ने अपने जीवन में अनेक कठिनाइयों का सामना करते हुए समाज के बीच जागरूकता फैलाने का कार्य किया।

विद्वान और प्रेरणादायक नेता थे स्वामी विवेकानंद  
स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी 1863 को बंगाल में हुआ था। वे एक महान विद्वान और प्रेरणादायक नेता थे, जिन्होंने शिकागो धर्मसभा में अपने ओजस्वी भाषण से अंतरराष्ट्रीय पहचान हासिल की। उनकी आवाज़ ने न केवल भारत में, बल्कि पूरे विश्व में मानवता और शांति का संदेश फैलाया।

राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है जन्मदिन 
स्वामी विवेकानंद के योगदान के कारण भारत सरकार ने उनके जन्मदिन, 12 जनवरी को 'राष्ट्रीय युवा दिवस' के रूप में मनाने का निर्णय लिया। यह दिन विशेष रूप से युवाओं को प्रेरित करने और उनके सामाजिक और मानसिक उत्थान के लिए समर्पित किया गया है। स्वामी विवेकानंद की शिक्षाओं ने युवाओं को अपने कर्तव्यों और समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को समझने का अवसर दिया।

रामकृष्ण मिशन और मठ की स्थापना
स्वामी विवेकानंद ने 1897 में रामकृष्ण मिशन की स्थापना की और इसके बाद 1898 में बेलूर, कोलकाता में रामकृष्ण मठ की स्थापना की। इन संस्थाओं का उद्देश्य समाज सेवा और मानवता के उत्थान में कार्य करना था। इनका नाम स्वामी विवेकानंद ने अपने गुरु रामकृष्ण परमहंस के नाम पर रखा। स्वामी विवेकानंद की शिक्षाएं आज भी युवाओं को प्रेरणा देती हैं और उनका आदर्श जीवन में उच्च मानक स्थापित करने का मार्गदर्शन करता है।

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