गोरखपुर में टमाटर के दामों में अचानक आई तेज उछाल ने आम जनता की जेब पर भारी दबाव डाल दिया है। पिछले कुछ दिनों में टमाटर के मूल्य में आई अप्रत्याशित वृद्धि ने न केवल उपभोक्ताओं को परेशान किया है, बल्कि स्थानीय बाजार की गतिविधियों पर भी गहरा प्रभाव डाला है। यह स्थिति केवल टमाटर तक ही सीमित नहीं है, बल्कि अन्य आवश्यक सब्जियों और खाद्य पदार्थों के दामों में भी तेजी से वृद्धि देखी जा रही है।
महंगाई की मार : गोरखपुर में पेट्रोल, डीजल से मुकाबला कर रहा टमाटर, आसमान छूती कीमतों ने बिगाड़ा सब्जियों का जायका
Jul 08, 2024 11:44
Jul 08, 2024 11:44
क्या कहते हैं विक्रेता
सब्जी विक्रेताओं का कहना है कि बारिश के दिनों में टमाटर के दाम हर साल बढ़ते हैं। हालांकि इस बार जिस तरह से रोजाना कीमत बढ़कर आ रही है, वह चिंताजनक है। महंगाई के कारण ग्राहक भी सीमित मात्रा में टमाटर खरीदने लगे हैं। कभी प्याज के दाम रुलाते हैं, तो कभी लाल हो जाता है टमाटर।
आसमान छूते दाम,रसोई में क्यों लगी है आग
वहीं टमाटर 120 रुपये , अदरक 200 रुपये किलो, हरी मिर्च भी तीखी होकर 200 रुपये तक पहुंच गई है। अरहर दाल 190 रुपये, प्याज 70, तोरई 60, अरबी 60, बींस 70, टिंडे 80 रुपये किलो समेत कई सब्जियों के दाम भी दालों की तरह आसमान छूते जा रहे हैं। महीने भर के अंदर ही रसोई का बजट कैसे बिगड़ गया महंगाई कम होने का नाम नहीं ले रही है। पहले ही रोजमर्रा की सामग्री के दाम आसमान छू रहे थे, अब दाम बढ़ने से टमाटर खरीदना भी मुश्किल हो गया है। लगातार बढ़ते दाम को देखते हुए फिलहाल टमाटर खरीदना कुछ लोगों ने ही छोड़ दिया है। महंगे हुए टमाटर को लेकर लोगो का कहना है कि जब दाम गिरेंगे, तभी टमाटर भोजन में शामिल होंगे। खाद्य सामग्री महंगी होने का नुकसान गृहिणी को उठाना पड़ता है। स्वाद और मात्रा के बीच समझौता बिठाने में काफी दिक्कत होती है। टमाटर के बिना खाने का स्वाद अधूरा लगता है। महंगा होने के कारण टमाटर का उपयोग कम करना मजबूरी बन गया है।
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