पुलिस भर्ती परीक्षा मामले में एसटीएफ को मिली बड़ी सफलता : सॉल्वर को सीट तक पहुंचाने में मददगार को किया गया गिरफ्तार

सॉल्वर को सीट तक पहुंचाने में मददगार को किया गया गिरफ्तार
UPT | आरोपी आकाश राव।

Apr 18, 2024 18:40

आरोपी ने पूछताछ में बताया कि एक अभ्यर्थी के बदले उसे 5 से 10 लाख रुपये मिलते थे। इसकी ही मदद से एक अभ्यर्थी दुर्गेश यादव दिग्विजयनाथ डिग्री कॉलेज गेट पर गार्ड की ड्यूटी करते हुए भी पकड़ा गया था।

Apr 18, 2024 18:40

Short Highlights
  • एक कैंडिडेंट पास कराने पर मिलते थे 5 से 10 लाख रुपये 
  • बायोमीट्रिक कंपनी के मैनेजर आकाश राव को एसटीएफ ने धर्मशाला पुल के पास से किया गिरफ्तार 
Gorakhpur News : गोरखपुर में एसटीएफ को बड़ी सफलता मिली है। पुलिस भर्ती एवं पदोन्नति परीक्षा में सॉल्वर को सीट तक पहुंचाने में मददगार बने बायोमीट्रिक कंपनी के मैनेजर आकाश राव को एसटीएफ ने धर्मशाला पुल के पास से गिरफ्तार कर लिया। आरोपी ने पूछताछ में बताया कि एक अभ्यर्थी के बदले उसे 5 से 10 लाख रुपये मिलते थे। इसकी ही मदद से एक अभ्यर्थी दुर्गेश यादव दिग्विजयनाथ डिग्री कॉलेज गेट पर गार्ड की ड्यूटी करते हुए भी पकड़ा गया था। तभी से यह फरार चल रहा था। पुलिस ने आरोपी को कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया।

17 फरवरी को इनकी हुई थी गिरफ्तारी
पकड़ा गया आरोपी आकाश राव एआईआईएमएस इलाके के रुद्रापुर पासी टोला कुसम्ही बाजार का रहने वाला है। एसटीएफ के मुताबिक, यूपी पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड की ओर से आयोजित आरक्षी नागरिक पुलिस-2023 की सीधी भर्ती की ऑफलाइन लिखित परीक्षा में अभ्यर्थियों से मोटी रकम लेकर पेपर आउट कराने का प्रयास कराने वालों पर केस दर्ज है। परीक्षा के दौरान ही 17 फरवरी 2024 को परीक्षा केंद्र इस्लामिया कालेज ऑफ कामर्स, बख्शीपुर में मूल अभ्यर्थी के स्थान पर परीक्षा दे रहे सॉल्वर अंजनी कुमार उर्फ मनीष सिंह (कुरवा चैनपुर, सिंधियाघाट स्टेशन, पूर्व मध्य रेलवे में स्टेशन मास्टर), दुर्गेश यादव उर्फ अंकित के स्थान पर परीक्षा देते हुए पकड़ा गया था।

पूछताछ में आरोपी आकाश का नाम आया था सामने
अभ्यर्थी दुर्गेश यादव बायोमीट्रिक कंपनी का आई कार्ड लगाकर ड्यूटी करते हुए गिरफ्तार किया गया था। पूछताछ में आरोपी आकाश का नाम सामने आया था, लेकिन वह तभी से फरार चल रहा था। एसटीएफ की टीम भी आरोपी की गिरफ्तारी के लिए लगी थी। इसी दौरान इंस्पेक्टर गोरखपुर यूनिट सत्य प्रकाश सिंह और उनकी टीम को सूचना मिली कि आरोपी इस समय शहर में आया हुआ है। वर्तमान में वह गोरखनाथ पुल की तरफ से धर्मशाला की तरफ जा रहा है। एसटीएफ की टीम कोतवाली पुलिस के साथ मौके पर पहुंची और गोरखनाथ ओवरब्रिज के पास से आकाश राव को गिरफ्तार कर लिया गया।

इस तरह अंदर भेजा गया था अभ्यर्थी को
आरोपी आकाश राव ने पूछताछ पर बताया कि वह बायोमीट्रिक (गेट पर बायोमीट्रिक कराती है) कंपनी का फील्ड मैनेजर है। उसने ही परीक्षार्थी दुर्गेश यादव को बायोमीट्रिक एजेंसी का कार्ड बनाकर दिया। परीक्षा केंद्र के गेट पर इसकी ड्यूटी लगा दी थी। सॉल्वर अंजनी कुमार उर्फ मनीष सिंह के आने पर इसने अभ्यर्थी दुर्गेश यादव का अंगूठा लगाकर अंजनी कुमार उर्फ मनीष सिंह को परीक्षा केंद्र के अंदर भेज दिया। पूछताछ से मिली जानकारी के आधार पर पुलिस और एसटीएफ जांच को आगे बढ़ा रही है।
 

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