रामगढ़ताल के बगल में होने से चिड़ियाघर परिसर का माहौल कुछ अधिक ठंडा रहता है। इसके चलते सुबह-शाम वन्यजीव बाड़े में दुबके रहते हैं। दिन में धूप होने पर वह मस्ती करते नजर आते हैं।
Gorakhpur News : ठंड में भी गर्माहट महसूस करेंगे वन्यजीव, चिड़ियाघर के बाड़ों में लगाए गए हीटर
Nov 28, 2024 11:31
Nov 28, 2024 11:31
दिन में एक बार बदला जा रहा तालाब का पानी
रामगढ़ताल के बगल में होने से चिड़ियाघर परिसर का माहौल कुछ अधिक ठंडा रहता है। इसके चलते सुबह-शाम वन्यजीव बाड़े में दुबके रहते हैं। दिन में धूप होने पर वह मस्ती करते नजर आते हैं। चिड़ियाघर में छोटे-बड़े कुल 275 से अधिक वन्यजीव व पक्षी हैं। ठंड शुरू होते ही इनके भोजन में बदलाव कर दिया गया है। ठंड से बचाने के लिए इनके बाड़े में 35 हीटर,20 ब्लोअर और एसी की व्यवस्था की गई है। ठंड में पानी का तापमान बढ़ जाता है, इसलिए कछुआ, मगरमच्छ, दरियाई घोड़ा समेत अन्य जलीय जीवों के लिए तालाब का पानी दिन में एक बार बदला जा रहा है।
वन्यजीवों के नाइट सेल में ब्लोअर लगाया
इसी प्रकार बाघ, तेंदुआ, लकड़बघ्घा समेत अन्य वन्यजीवों के नाइट सेल में ब्लोअर लगाया गया है। सियार, लोमड़ी, बंदर और भालू के नाइट सेल में हीटर लगा है। आवश्यकता अनुसार कर्मचारी समय-समय पर इसे चलाएंगे और बंद करेंगे। हिरनों के लिए चिड़ियाघर प्रशासन ने पुआल की व्यवस्था की है। पक्षियों को ठंड से बचाने के लिए उनके बाड़े के बाहर चटाई का पर्दा लगाया गया है।
25 अक्टूबर से वन्यजीवों का बदल चुका है भोजन
चिड़ियाघर प्रशासन ने 25 अक्टूबर से वन्यजीवों व पक्षियों के भोजन में बदलाव कर दिया है। किसी के भोजन की मात्रा बढ़ी है तो कई का घटा दिया गया है। जैसे बाघ व शेर का भोजन 12 किलो से 14 किलो कर दिया गया है। तेंदुआ और लकड़बघ्घा का चार किलो से बढ़ाकर पांच से छह किलो कर दिया है। वहीं सियार का एक से बढ़ाकर डेढ़ किलो और लोमड़ी का आधा से बढ़ाकर एक किलो कर दिया गया है। गैंडा को अन्य दिनों में मिलने वाले भोजन के साथ गन्ना, शकरकंद और बर्सीन दिया जा रहा है। शाकाहारी वज्यजीवों को भोजन के अलावा गुड़ दिया जा रहा है।
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