झांसी में राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना में 150 करोड़ रुपये के घोटाले का मामला सामने आया है। विजिलेंस ने 5 साल की जांच के बाद 8 अभियंताओं के खिलाफ चार्जशीट दाखिल करने की तैयारी कर ली है।
Jhansi News : झांसी विद्युतीकरण घोटाले में 8 अभियंताओं के खिलाफ चार्जशीट, 150 करोड़ का बंदरबांट
Sep 01, 2024 02:22
Sep 01, 2024 02:22
घोटाले का खुलासा
वर्ष 2005-2006 में केंद्र सरकार ने झांसी समेत बुंदेलखंड के 12 जिलों में विद्युतीकरण के लिए राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना के तहत 3200 करोड़ रुपये जारी किए थे। लेकिन, तत्कालीन अभियंताओं ने मिलकर इस राशि में से करीब 1600 करोड़ रुपये का गबन कर लिया।
विजिलेंस की कार्रवाई
मामला सामने आने पर सरकार ने सतर्कता विभाग को जांच सौंपी। विजिलेंस ने 1300 से अधिक फाइलों की जांच की और 100 से अधिक लोगों से पूछताछ की। जांच में सामने आया कि अभियंताओं ने बिना काम कराए ही भुगतान कर दिया था। कई जगहों पर ट्रांसफार्मरों पर इलेक्ट्रॉनिक मीटर नहीं लगे थे, लेकिन कागजों में दिखाकर भुगतान ले लिया गया था।
आरोपी अभियंता
विजिलेंस ने तत्कालीन अधिशासी अभियंता लोकेश कुमार, सहायक अभियंता प्रदीप सिन्हा, सहायक अभियंता अनुभव कुमार, अवर अभियंता हरीश कुमार, अवर अभियंता जंग सिंह, अवर अभियंता भगवंत सिंह, अवर अभियंता शशिवंद्र, अवर अभियंता योगेंद्र सिंह समेत तेलंगाना की कंपनी आईवीआरसीएल इंफ्रास्ट्रक्चर एंड प्रोजेक्ट लिमिटेड के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
अगला कदम
विजिलेंस विभाग के एसपी आलोक शर्मा ने बताया कि सभी अभियंताओं के खिलाफ पर्याप्त सबूत मिले हैं। अब इनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल की जाएगी।
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