झांसी सहित UP के 9 मेडिकल कॉलेजों में प्राचार्य नहीं : नियुक्ति प्रक्रिया में देरी पर सवाल, चिकित्सा शिक्षा में गड़बड़ी?

नियुक्ति प्रक्रिया में देरी पर सवाल, चिकित्सा शिक्षा में गड़बड़ी?
UPT | UP के 9 मेडिकल कॉलेजों में प्राचार्य नहीं

Nov 17, 2024 10:54

उत्तर प्रदेश के कई मेडिकल कॉलेजों में स्थायी प्राचार्य की अनुपस्थिति एक गंभीर मुद्दा बन गया है। झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज सहित राज्य के 9 मेडिकल कॉलेजों में कार्यवाहक प्राचार्य ही संस्थान का नेतृत्व कर रहे हैं।

Nov 17, 2024 10:54

Jhansi News : उत्तर प्रदेश के 9 मेडिकल कॉलेज इस समय कार्यवाहक प्राचार्यों के नेतृत्व में चल रहे हैं। इन कॉलेजों में स्थायी प्राचार्यों की नियुक्ति का इंतजार लंबे समय से हो रहा है, जबकि चिकित्सा शिक्षा विभाग की ओर से भर्ती प्रक्रिया जारी है। इस प्रक्रिया में हो रही देरी ने व्यवस्थागत चुनौतियों को उजागर कर दिया है।

मेडिकल कॉलेजों की मौजूदा स्थिति
महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज, झांसी में डॉ. नरेंद्र सिंह सेंगर पिछले चार वर्षों से कार्यवाहक प्राचार्य के रूप में जिम्मेदारी निभा रहे हैं। उनके अलावा, बांदा, आजमगढ़, बदायूं, गोरखपुर, प्रयागराज, आगरा, कन्नौज और अंबेडकर नगर के मेडिकल कॉलेजों में भी कार्यवाहक प्राचार्य ही तैनात हैं।

राजकीय मेडिकल कॉलेजों में पूर्णकालिक प्राचार्यों की नियुक्ति के लिए उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग को अधियाचन भेजा गया है। वहीं, स्वशासी मेडिकल कॉलेजों में नियुक्ति प्रक्रिया को गति देने के लिए महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा के निर्देशन में कमेटी गठित की गई है।

झांसी एनआईसीयू हादसे के बाद बढ़ा दबाव
हाल ही में झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में हुए दर्दनाक हादसे ने चिकित्सा व्यवस्था की खामियों को उजागर किया। एनआईसीयू (न्यू बार्न इंटेंसिव केयर यूनिट) में आग लगने से 10 नवजातों की दर्दनाक मौत ने पूरे प्रदेश को झकझोर दिया। इस घटना के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए है।

आग हादसे में तुरंत राहत
आग के कारणों की जांच के लिए उच्च स्तरीय टीम गठित की गई है। मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिजनों को ₹5 लाख और गंभीर रूप से घायल बच्चों के परिजनों को ₹50,000 की सहायता राशि देने का ऐलान किया। इस घटना के बाद मेडिकल कॉलेजों में सुरक्षा और प्रशासनिक सुधारों की आवश्यकता पर जोर दिया गया है।

स्थायी प्राचार्य की नियुक्ति क्यों है जरूरी?
विशेषज्ञों का मानना है कि स्थायी प्राचार्यों की नियुक्ति न केवल कॉलेज के प्रशासनिक कार्यों को सुचारू बनाएगी, बल्कि मेडिकल शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में भी सुधार लाएगी।

उत्तर प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा विभाग को अब इस प्रक्रिया को तेजी से पूरा करने की आवश्यकता है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके और चिकित्सा सेवाओं में सुधार हो सके।
 

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