अधिवक्ताओं के चैंबर हटाने का विवाद बढ़ता जा रहा है। जिलाधिकारी ने 23 नवंबर को चैंबर हटाने की कार्रवाई का आदेश दिया है। प्रशासन के इस फैसले से वकीलों में भारी आक्रोश है। सेंट्रल बार एसोसिएशन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष प्रदीप सिंह ने आरोप लगाया है कि प्रशासन ने चैंबर हटाने के लिए बनाई गई टीम में उनका नाम बिना अनुमति के शामिल कर लिया।
लखनऊ कलेक्ट्रेट परिसर में वकीलों के चैंबर हटाने का मामला गर्माया : बार एसोसिएशन उपाध्यक्ष ने प्रशासन पर लगाए गंभीर आरोप
Nov 17, 2024 13:57
Nov 17, 2024 13:57
टीम में सहमति के बिना नाम किया शामिल
जिलाधिकारी ने लखनऊ कलेक्ट्रेट परिसर के सामने स्थित वकीलों के चैंबरों को 23 नवंबर 2024 तक हटाने का निर्देश दिया है। प्रशासन का कहना है कि इस निर्णय पर लखनऊ बार और सेंट्रल बार एसोसिएशन की सहमति है। हालांकि, सेंट्रल बार एसोसिएशन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अधिवक्ता प्रदीप सिंह ने इस प्रक्रिया पर नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि उन्हें इस मामले में जिलाधिकारी द्वारा गठित टीम में शामिल किया गया, लेकिन इस संबंध में न तो उनसे कोई बातचीत हुई और न ही उनकी सहमति ली गई।
आंदोलन की दी चेतावनी
लखनऊ बार एसोसिएशन के अध्यक्ष रमेश प्रसाद तिवारी ने कहा कि प्रशासन केवल वकीलों के चैंबर हटाने पर जोर दे रहा है, जबकि कलेक्ट्रेट परिसर में कई अन्य अव्यवस्थाओं को नजरअंदाज किया जा रहा है। उन्होंने अवैध ठेले, रोडवेज बसों के संचालन और ट्रैफिक की समस्याओं का जिक्र किया। अधिवक्ताओं ने चैंबर हटाने की कार्रवाई के खिलाफ कड़ा विरोध करने की चेतावनी दी है।
संगठनों ने बुलाई आपातकालीन बैठक
सेंट्रल बार एसोसिएशन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अधिवक्ता प्रदीप सिंह ने कहा वकील समुदाय के हितों पर कुठाराघात बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। प्रशासन यदि बिना सहमति जबरन कार्रवाई करता है, तो हम जोरदार प्रतिरोध करेंगे। सेंट्रल बार एसोसिएशन और लखनऊ बार एसोसिएशन ने आपातकालीन बैठकों का आयोजन शुरू कर दिया है। संगठनों ने स्पष्ट किया है कि यदि प्रशासन ने उनकी मांगों को अनसुना किया, तो बड़े स्तर पर आंदोलन किया जाएगा।
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