झांसी में सूखाग्रस्त इलाकों को पानी उपलब्ध कराने के लिए शुरू की गई 600 करोड़ की अमृत योजना को पूरा होने में अभी दो और महीने का वक्त लग सकता है। इस परियोजना का काम अफसरों की लापरवाही और धीमी गति के कारण अब तक पूरा नहीं हो पाया है।
Jhansi News : झांसी में 40 हजार लोगों के लिए अमृत योजना में देरी, अब फरवरी 2025 तक मिलेगी राहत
Dec 21, 2024 07:04
Dec 21, 2024 07:04
तीन साल में चौथी बार बढ़ी डेडलाइन (Fourth Deadline Extension in Three Years)
यह परियोजना पिछले तीन सालों से लगातार विलंबित हो रही है और अब तक इसकी डेडलाइन चौथी बार बढ़ाई गई है। हालांकि, जल निगम के अधिकारियों का दावा है कि अगले साल गर्मी के मौसम से पहले लोगों को पानी मिलना शुरू हो जाएगा।
600 करोड़ की योजना अंतिम चरण में (600 Crore Project in Final Stage)
केंद्र सरकार ने 2019 में महानगर के सूखाग्रस्त इलाकों तक पीने का पानी पहुंचाने के लिए 600 करोड़ रुपये की लागत से अमृत परियोजना की शुरुआत की थी। इस परियोजना में तीन दर्जन से अधिक इलाकों को शामिल किया गया है। महानगर में 21 नई पानी की टंकियां बनाई गई हैं और मोहल्ले-मोहल्ले पाइप लाइन बिछाई गई है। करीब 40 हजार घरों को पाइप लाइन से जोड़ा जा चुका है।
माताटीला बांध से पानी लाने में आ रही है बाधा (Obstacles in Bringing Water from Matatila Dam)
पिछले 5 सालों में टंकी बनाने समेत कनेक्शन देने का काम तो पूरा कर लिया गया है, लेकिन असली समस्या माताटीला बांध से पानी यहां तक लाने में आ रही है। माताटीला बांध पर इंटेक वेल बनाने और महानगर तक पानी लाने के लिए करीब 41 किलोमीटर लंबी पाइप लाइन बिछाई जा रही है। माताटीला बांध से पानी बबीना फिल्टर प्लांट तक पहुंचाना है, लेकिन पाइप लाइन का काम अभी भी खैलार से आगे नहीं बढ़ पाया है।
अधूरा है काम (Work Still Incomplete)
लगभग 700 मीटर की दूरी में पाइप लाइन न बिछ पाने के कारण काम अटका हुआ है। इसके अलावा, माताटीला बांध में इंटेक वेल की टेस्टिंग भी अभी बाकी है। यह काम नवंबर तक पूरा होना था, लेकिन दिसंबर में भी पूरा नहीं हो सका। इसलिए अब इसकी डेडलाइन बढ़ाकर फरवरी कर दी गई है।
इन इलाकों में पहुंचेगा पानी (Water to Reach These Areas)
इस परियोजना के तहत लहरगिर्द, बड़ागांव गेट बाहर, सागर गेट, तालपुरा, खातीबाबा, शिवाजी नगर, गुमनावारा, मेडिकल कॉलेज, कोखाभांवर, नंदनपुरा, नगरा, सीपरी बाजार, सिविल लाइन, हंसारी, बिजौली, सिमरथा, अयोध्यापुरी, महेंद्रपुरी, मेवातीपुरा, दरीगरान, भगवंतपुरा समेत आसपास के अन्य इलाकों में पानी पहुंचाया जाना है।
दूर से पानी लाने को मजबूर लोग (People Forced to Fetch Water from Far)
महानगर के दो दर्जन से अधिक मोहल्लों में लोगों को हर साल पीने के पानी के लिए संघर्ष करना पड़ता है। गर्मियों में इन इलाकों के लोगों की परेशानी और बढ़ जाती है। बजरंग कॉलोनी, बड़ागांव गेट बाहर, सागर गेट, तालपुरा, खातीबाबा, शिवाजी नगर, गुमनावारा आदि इलाकों में लोगों को साइकिल और बाइक पर डिब्बों में पानी भरकर लाना पड़ता है। कुछ क्षेत्रों में तो लोगों को दो से तीन किलोमीटर दूर से पानी लाना पड़ता है। हालांकि, इन क्षेत्रों में जल संस्थान टैंकरों से पानी पहुंचाने की व्यवस्था करता है, लेकिन घनी आबादी के कारण टैंकर भी पर्याप्त मात्रा में पानी की आपूर्ति नहीं कर पाते हैं।
गर्मी से पहले पानी पहुंचाने का दावा (Claim to Provide Water Before Summer)
जल निगम के अधिशासी अभियंता मुकेश पाल सिंह का कहना है कि अमृत परियोजना का काम काफी हद तक पूरा हो गया है। करीब 700 मीटर पाइप लाइन बिछाने का काम बाकी है और टेस्टिंग भी होनी है। डेडलाइन फरवरी तय की गई है, लेकिन जनवरी तक इसे पूरा कराने की कोशिश की जाएगी। उन्होंने दावा किया कि गर्मी से पहले ही लोगों को पानी मिलना शुरू हो जाएगा।
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