Jhansi News : बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी को क्यूएस वर्ल्ड रैंकिंग में मिली जगह, अब विदेशी छात्रों का बढ़ेगा रूझान

बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी को क्यूएस वर्ल्ड रैंकिंग में मिली जगह, अब विदेशी छात्रों का बढ़ेगा रूझान
सोशल मीडिया | क्यूएस वर्ल्ड रैंकिंग में बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी

Jan 29, 2024 14:26

बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी ने नैक मूल्यांकन में ऊंची छलांग लगाने के बाद अब क्यूएस वर्ल्ड रैंकिंग में प्रवेश पा लिया है। अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग एजेंसी ने कई मानकों को परखने के बाद वर्ल्ड रैंकिंग में प्रविष्टि दे दी....

Jan 29, 2024 14:26

Short Highlights
  • बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी की नैक से क्यूएस वर्ल्ड रैंकिंग में एंट्री
  • अब विदेशी स्टूडेंट बड़ी संख्या में लेंगे एडमिशन
  • बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी ए-प्लस ग्रुप में पहले ही शामिल हो चुकी है

 

Jhansi News : बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी देश के प्रमुख विश्वविद्यालयों के साथ नैक के ए-प्लस ग्रुप में पहले ही शामिल हो गया है। अब विश्वविद्यालय ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बड़े-बड़े विश्वविद्यालयों के साथ कदमताल शुरू कर दी है। दुनिया के बड़े शैक्षणिक संस्थाओं के साथ क्यूएस वर्ल्ड रैंकिंग में प्रवेश पा लिया है। इसके लिए बीते रोज क्यूएस वर्ल्ड रैंकिंग एजेंसी ने प्रवेश दे दिया है और बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी टॉप यूनिवर्सिटी की सूची में प्रदर्शित हो रहा है। अब जब दुनिया भर के विद्यार्थी उच्च शिक्षा में प्रवेश के लिए अच्छे विश्वविद्यालयों को सर्च करेंगे, तो उस सूची में बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी भी दिखायी देगा। इससे दूसरे देशों के विद्यार्थियों के प्रवेश बढ़ने के साथ टॉप यूनिवर्सिटी के साथ अंतर्राष्ट्रीय समझौते, फैकल्टी व स्टूडेंट एक्सचेंज भी बढ़ेगा। विश्वविद्यालय के शोधार्थी शिक्षकों को अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालयों के शिक्षकों के साथ शोध व अनुसंधान को एप्लीकेशन करने का रास्ता और भी आसान होगा। इससे नयी शिक्षा नीति की ड्यूल डिग्री (एक देशी और एक विदेशी) लेने में छात्र- छात्राओं को मदद मिलेगी, तो भारत सरकार की कई योजनाएं दूसरे देशों के साथ चलती हैं, जिसमें अब बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी भी शामिल हो सकता है।

बुदेलखंड यूनिवर्सिटी ने उठा दिया पहला कदम 
यह है क्यूएस वर्ल्ड रैंकिंग के मानक क्यूएस (क्वाक्यूरेली साइमंड्स) वर्ल्ड रैंकिंग व टाइम रैंकिंग में प्रवेश पाना दुनिया के शैक्षणिक संस्थान व यूनिवर्सिटी के लिए प्रतिष्ठा की बात होती है। क्यूएस रैंकिंग अपने मानकों पर खरा उतरने पर ही किसी विश्वविद्यालय को प्रवेश देती है। इसके बाद लगभग एक वर्ष की प्रक्रिया के बाद रैंक प्रदान करती है। बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी ने इस प्रतिष्ठित एजेंसी में प्रवेश पाकर पहला कदम उठा दिया है। इसके लिए लगभग 6 माह पहले क्यूएस रैंकिंग में पंजीकरण मिला था। इसके बाद एजेंसी ने डेटा अपलोड करने की अनुमति दी। इस डेटा को स्वीकार कर एजेंसी ने दुनिया के तमाम देशों के विश्वविद्यालयों की सूची में शामिल कर दिया है। क्यूएस रैंकिंग में प्रमुख मानक एकेडमिक रेपुटेशन होता है, जिसके लिए एजेंसी दुनिया भर के शिक्षकों व छात्रों से इनपुट लेती है। साथ ही फैकल्टी, शिक्षक व छात्र अनुपात, इम्प्लॉइज रेपुटेशन, इण्टरनेशनल पीयर परसेप्शन, सस्टेनेबिलिटी डेवलपमेंट, साइटेशन (शोध व पब्लिकेशन) आदि मानकों पर विश्वविद्यालयों को परखा जाता है। इस रैकिंग में 144 देशों के विश्वविद्यालय शामिल हैं।

क्यूएस वर्ल्ड रैंकिंग ऐसे करें सर्च 
12वीं पास करने के बाद कॉलेज तथा यूनिवर्सिटी में प्रवेश लेने का फैसला आसान नहीं होता है। अच्छे विश्वविद्यालय की तलाश में कई मानकों पर अपनी खोज करते हैं। क्यूएस वर्ल्ड रैंकिंग छात्र-छात्राओं को इस सर्च में मदद करता है। वर्ष 1990 में ब्रिटिश एजेंसी की स्थापना की थी, जो आज प्रतिष्ठित एजेंसी में दुनिया के सामने आयी है। क्यूएस वर्ल्ड रैंकिंग देने के लिए किसी भी विश्वविद्यालय को प्रवेश देने के बाद लगभग एक वर्ष के आकलन के बाद रैंक प्रदान की जाती है। क्यूएस प्रत्येक वर्ष टॉप यूनिवर्सिटी की सूची जारी करता है। इसके लिए विश्वविद्यालयों को अलग- अलग पैरामीटर पर परखा जाता है। इसके बाद एजेंसी क्यूएस वर्ल्ड रैंक, एशिया रैंक, सस्टेनेबल रैंक के साथ विषयवार भी रैंक दी जाती है। किसी भी यूनिवर्सिटी की क्यूएस वर्ल्ड रैंकिंग को qs.com पर देखा जा सकता है।

इनका कहना है
जानकारी देते हुए प्रो. मुकेश पाण्डेय कुलपति, बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी बताते हैं कि क्यूएस वर्ल्ड रैंकिंग में प्रविष्ट होने से बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अच्छे छात्र मिलेंगे। विश्वविद्यालय में विदेशी छात्रों की संख्या बढने से एकेडमिक स्तर पर और सुधार होगा। देश के साथ दुनिया के बड़े-बड़े विश्वविद्यालयों से समझौते होंगे, जिससे छात्रों को लाभ मिलेगा। साथ ही फैकल्टी व स्टूडेंट एक्सचेंज के अवसर भी प्राप्त होंगे।

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